Uttarakhand News: कोरोना महामारी के बीच हरिद्वार के हर की पौड़ी पर गिरी आकाशीय बिजली, ट्रांसफार्म सहित दीवार ध्वस्त

By धीरज पाल | Published: July 21, 2020 02:52 PM2020-07-21T14:52:03+5:302020-07-21T14:52:03+5:30

हर की पौड़ी या हरि की पौड़ी भारत के उत्तराखण्ड की एक धार्मिक नगरी हरिद्वार का एक पवित्र और सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है।

Uttarakhand News: lightning strike in Haridwar A wall Har Ki Pauri collapsed in an incident | Uttarakhand News: कोरोना महामारी के बीच हरिद्वार के हर की पौड़ी पर गिरी आकाशीय बिजली, ट्रांसफार्म सहित दीवार ध्वस्त

हर की पौड़ी हरिद्वार में स्थित पवित्र स्थल में से एक है।

Highlightsइससे पहले उत्तराखंड में पिथौरागढ जिले के बंगापानी सबडिवीजन के दो गांवों में सोमवार तडके बादल फटने से एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गयी फिलहाल ताजा जानकारी के मुताबिक प्रशासन द्वारा गिरी दीवार के मलबे को हटाया जा रहा है। 

कोरोना महामारी के बीच हरिद्वार में एक बार फिर प्रकृति अपना कहर बरपा रही है। यहां प्रसिद्ध हर की पौड़ी पर सोमवार की रात आकाशीय बिजली गिर गई। इसकी वजह से एक विशाल मकान और ट्रांसफर ध्वस्त हो गई। हालांकि किसी भी प्रकार की जान-माल को कई नुकसान हीं पहुंचा है। बताया जा रहा है कि बिजली गिरने से आस-पास हड़कंप मच गया। फिलहाल ताजा जानकारी के मुताबिक प्रशासन द्वारा गिरी दीवार के मलबे को हटाया जा रहा है। 

बता दें कि हर की पौड़ी या हरि की पौड़ी भारत के उत्तराखण्ड की एक धार्मिक नगरी हरिद्वार का एक पवित्र और सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। जिसका मतलब है कि हरि यानी नारायण के चरण। 


इससे पहले उत्तराखंड में पिथौरागढ जिले के बंगापानी सबडिवीजन के दो गांवों में सोमवार तडके बादल फटने से एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गयी और 11 अन्य लापता हो गए।  पिथौरागढ के जिलाधिकारी वीके जोगदंडे ने यहां संवाददाताओं को बताया कि मध्य रात्रि के बाद करीब दो बजे बादल फटने की घटना में छह व्यक्ति घायल भी हो गए। उन्होंने बताया कि बादल फटने के दौरान गैला गांव में एक मकान ढह गया जिससे उसमें सो रहे शेर सिंह, उसकी पत्नी गोविंदी देवी और उनकी पुत्री कुमारी ममता की मौत हो गयी। 

उन्होंने बताया कि इस गांव में पांच लोग घायल हुए हैं। जोगदंडे ने बताया कि गैला में दो शव बरामद हो चुके हैं जबकि टांगा गांव में एक व्यक्ति को घायल अवस्था में बाहर निकाल लिया गया है और 11 अन्य अभी लापता बताए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रभावित गांवों में स्थानीय लोगों की मदद से पुलिस और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के जवानों ने राहत और बचाव अभियान शुरू कर दिया है। जिलाधिकारी ने बताया कि टांगा गांव में मलबे के अंदर से जीवित निकाले गये व्यक्ति ने बताया कि एक नाले में आए उफान के पानी में 11 अन्य लोग भी बह गए हैं।

उन्होंने बताया कि बादल फटने की घटना में दो अन्य गांव सिरतौला और पत्थरकोट भी प्रभावित हुए हैं जहां पांच मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बंगापानी क्षेत्र के कई गांवों में भारी वर्षा के कारण हुए भूस्खलन एवं भू—कटाव में लोगों की मौतों पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी को राहत और बचाव कार्य में किसी तरह की कोताही नहीं बरतने के निर्देश दिए हैं। यहां जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, रावत ने प्रभावितों को तत्काल अनुमन्य राहत राशि उपलब्ध कराने के साथ ही जरूरी सुविधाएं भी मुहैया कराने के निर्देश दिए और कहा कि लापता लोगों की खोज युद्ध स्तर पर की जाए। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा की दृष्टि से राज्य के लिये यह समय हर वक्त सतर्क रहने का है। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को इस प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं के प्रति हर समय सतर्क रहने के निर्देश देते हुए कहा कि जिलों में आपदा प्रबंधन तंत्र को और अधिक प्रभावी बनाया जाए। उन्होंने कहा कि सतर्कता के साथ हम आपदा के नुकसान को कम कर सकते हैं। 

Web Title: Uttarakhand News: lightning strike in Haridwar A wall Har Ki Pauri collapsed in an incident

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