उत्तराखंड: कनिष्ठ अभियंता भर्ती परीक्षा में नकल करने वाले अभ्यर्थियों पर सख्त हुई सरकार, लगाया 5 साल का बैन

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 5, 2023 08:00 AM2023-04-05T08:00:00+5:302023-04-05T08:10:51+5:30

कनिष्ठ अभियंता भर्ती परीक्षा में नकल करने वालों के खिलाफ सरकार ने सख्ती दिखाई है। युवा बेरोजगारों में विश्वास बहाल करने तथा नकल करने वालों में खौफ पैदा करने के लिए राज्य सरकार एक सख्त नकल विरोधी कानून लाई है जिसमें प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल करने और करवाने वालों के लिए आजीवन कारावास, और दस लाख रुपये तक के जुर्माने जैसे कठोर प्रावधान किए गए हैं।

Uttarakhand Government strict on candidates cheating in Junior Engineer recruitment exam bans them for 5 years | उत्तराखंड: कनिष्ठ अभियंता भर्ती परीक्षा में नकल करने वाले अभ्यर्थियों पर सख्त हुई सरकार, लगाया 5 साल का बैन

फोटो सोर्स: ANI (प्रतिकात्मक फोटो)

Highlightsकनिष्ठ अभियंता भर्ती परीक्षा में नकल करने वालों के खिलाफ सरकार ने सख्ती की है। इस आरोप में सभी अभ्यार्थियों को पांच साल की सजा सुनाई है। ऐसे में ये आभ्यार्थी आयोग की सभी परीक्षाओं में शामिल नहीं हो पाएंगे।

देहरादून: उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने 2021 में आयोजित राज्य कनिष्ठ अभियंता सेवा परीक्षा में कथित तौर पर नकल करने वाले सभी अभ्यर्थियों पर पांच साल के लिए आयोग की सभी परीक्षाओं में शामिल होने पर रोक (डिबार) लगा दी है। आयोग द्वारा मंगलवार को यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा इस संबंध में उपलब्ध कराई गई एक सूची में शामिल सभी अभ्यर्थियों को आयोग ने 'कारण बताओ' नोटिस जारी किया था जिनके उत्तरों पर विचार करने के बाद उन्हें आयोग द्वारा आयोजित आगामी सभी परीक्षाओं से पांच वर्ष के लिए ‘डिबार’ किए जाने का निर्णय लिया गया है। 

अगस्त महीने में दोबारा होगी परीक्षा

बता दें कि हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने 2021 में आयोजित राज्य अभियंत्रण सेवा परीक्षा में भी नौ अभ्यर्थियों के नकल करने की पुष्टि की जानकारी से आयोग को अवगत कराया है। इस पर कार्रवाई करते हुए आयोग ने इस परीक्षा को निरस्त कर दिया है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह परीक्षा अब दोबारा 13, 14, 16 और 18 अगस्त को दोबारा आयोजित की जाएगी। 

नकल पर नकेल के लिए सरकान ने लाए है सख्त नकल विरोधी कानून

पिछले कुछ महीनों में उत्तराखंड में एक के बाद एक कई भर्ती परीक्षाओं में प्रश्नपत्र लीक होने तथा नकल की शिकायतें सामने आने के बाद अनेक परीक्षाओं को रद्द करना पड़ा जबकि 80 से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें जेल भेजा गया है। इस बीच, युवा बेरोजगारों में विश्वास बहाल करने तथा नकल करने वालों में खौफ पैदा करने के लिए राज्य सरकार एक सख्त नकल विरोधी कानून लाई है जिसमें प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल करने और करवाने वालों के लिए आजीवन कारावास, और दस लाख रुपये तक के जुर्माने जैसे कठोर प्रावधान किए गए हैं। 

क्या है यह सख्त नकल विरोधी कानून?

उत्तराखंड सरकार ने उत्तराखंड एंटी कॉपीइंग लॉ को लागू कर दिया है। इस कानून के तहत आरोपियों को सजा भी होने लगी है। कानून के अनुसार, जो कोई भी छात्र पेपर को लीक करवाता है या नकल से परीक्षा में पास होता है तो उस पर 10 साल का बैन लगा दिया जाएगा। इसका मतलब यह हुआ कि वह किसी भी भर्ती परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएगा। 

यही नहीं उस पर गैंगस्टर एक्ट भी लगाया जाएगा और साथ में उसकी संपत्ति भी जब्त कर ली जाएगी। बता दें कि यह नियन प्रश्न पत्र लीक करने वाले और उसे खरीद कर बेईमानी से परीक्षा पास करने वालों पर लागू होगा। ऐसे में संगठित होकर नकल कराने और अनुचित साधनों में संलिप्तता को लेकर भी सरकार ने कड़े नियम बनाए है। 
 

Web Title: Uttarakhand Government strict on candidates cheating in Junior Engineer recruitment exam bans them for 5 years

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