योगी सरकार ने यूपी की 17 अति पिछड़ी जातियों को दिया एससी का दर्जा, बिगाड़ा विपक्षियों का चुनावी गणित!

By आदित्य द्विवेदी | Published: June 29, 2019 01:45 PM2019-06-29T13:45:22+5:302019-06-29T13:45:22+5:30

इन 17 अति पिछड़ी जातियों को एससी में शामिल किए जाने के लिए पहले भी कोशिशें की गई हैं लेकिन योगी आदित्यनाथ ने अहम वक्त पर इसका आदेश देकर मास्टर स्ट्रोक खेला है। 

Uttar Pradesh: Yogi Sarkar Directs 17 obc castes in to sc category, political analysis | योगी सरकार ने यूपी की 17 अति पिछड़ी जातियों को दिया एससी का दर्जा, बिगाड़ा विपक्षियों का चुनावी गणित!

योगी सरकार ने यूपी की 17 अति पिछड़ी जातियों को दिया एससी का दर्जा

Highlightsइन 17 अति पिछड़ी जातियों को एससी में शामिल किए जाने के लिए पहले भी कोशिशें की गई हैंबीजेपी ने कोर्ट के स्टे हटने के बाद चुपचाप इसके आदेश तो जारी कर दिए लेकिन खुलकर इसका क्रेडिट नहीं ले पा रही।

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति का दर्जा दिए जाने के आदेश जारी कर दिए हैं। बीजेपी सरकार के इस फैसले को सपा-बसपा के काट और एसबीएसपी की भरपाई के तौर पर देखा जा रहा है। इन 17 अति पिछड़ी जातियों को एससी में शामिल किए जाने के लिए पहले भी कोशिशें की गई हैं लेकिन योगी आदित्यनाथ ने अहम वक्त पर इसका आदेश देकर मास्टर स्ट्रोक खेला है। 

14 प्रतिशत आबादी पर नजर

प्रदेश सरकार ने जिन 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल किया है उसमें निषाद, बिंद, मल्लाह, केवट, कश्यप, भर, धीवर, बाथम, मछुआरा, प्रजापति, राजभर, कहार, कुम्हार, धीमर, मांझी, तुरहा और गौड़ शामिल हैं। माना जाता है कि सूबे  में इनकी आबादी करीब 14 प्रतिशत है। अब इन्हें अनूसूचित जाति का सर्टिफिकेट मिलेगा तो बीजेपी को इसका चुनावी फायदा मिल सकता है।

बीजेपी के लिए दोधारी तलवार

उत्तर प्रदेश विधानसभा की 12 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में बीजेपी इस मुद्दे का इस्तेमाल करेगी। लेकिन यह दोधारी तलवार की तरह है। 17 जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने का चुनावी फायदा तो मिलेगा लेकिन इससे पहले से अनुसूचित जाति में शामिल जातियां नाराज हो सकती हैं। यही वजह है कि बीजेपी ने कोर्ट के रोक हटने के बाद आदेश तो जारी कर दिए लेकिन खुलकर इसका क्रेडिट नहीं ले पा रही।

जानें टाइम लाइन

- 2005 में मुलायम सरकार ने इस बारे में एक आदेश जारी किया था, लेकिन हाई कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी। 

- इसके बाद प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया। 2007 में मायावती सत्ता में आईं तो इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया।

- विधानसभा चुनाव से ठीक पहले दिसंबर-2016 में इस तरह की कोशिश अखिलेश यादव ने भी की थी। उन्होंने 17 अतिपिछड़ी जातियों को एससी में शामिल करने के प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी भी दिलवा दी। 

- केंद्र को नोटिफिकेशन भेजकर अधिसूचना जारी की गई, लेकिन इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई। मामला केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय में जाकर अटक गया था।

Web Title: Uttar Pradesh: Yogi Sarkar Directs 17 obc castes in to sc category, political analysis

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