नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) के खिलाफ उत्तर प्रदेश के कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इन प्रदर्शनकारियों के खिलाफ योगी आदित्यनाथ की सरकार ने कार्रवाई करते हुए 1200 लोगों पर केस दर्ज किया है। जिसमें 560 महिलाओं का भी नाम है। जिसमें अलीगढ़ में 60 महिलाएं, प्रयागराज में 300, इटावा में 200 महिलाएं शामिल हैं। लखनऊ के घंटाघर के पास कई मुस्लिम महिलाएं विरोध प्रदर्शन कर रही हैं।
इसी दौरान घंटाघर पर सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रही महिलाओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में यूपी शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी के खिलाफ हजरतगंज पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई गई है।
सीएए प्रदर्शन के नाम पर बर्दाश्त नहीं करेंगे हिंसा : योगी आदित्यनाथ
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर निशाना साधाते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदर्शन के नाम पर हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। साथ ही उन्होंने विपक्षी दलों पर आरोप लगाया कि वे प्रदर्शन के नाम पर उन महिलाओं एवं बच्चों को आगे कर रहे हैं जिन्हें सीएए के बारे में कुछ भी नहीं मालूम है। कानपुर के साकेतनगर स्थित मैदान में बुधवार को सीएए के समर्थन में आयोजित एक रैली को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि प्रदर्शन के नाम पर हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा । उन्होंने कहा, ‘‘यह लोग स्वयं आंदोलन करने की स्थिति में नहीं हैं क्योंकि इन्हें मालूम है कि अगर यह तोड़फोड़ करेंगे तो इनकी प्रापर्टी जब्त हो जाएगी। ’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘अब इन्होंने क्या किया है? अपने घर की महिलाओं को चौराहे चौराहे पर बैठाना प्रारंभ कर दिया है। बच्चों को (प्रदर्शन में)बैठाना प्रारंभ कर दिया है।...इतना बड़ा अपराध कि पुरूष घर में सो रहा है रजाई ओढ़कर और महिलाओं को आगे करके चौराहे चौराहे पर बैठाया जा रहा है ।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस, सपा और वामपंथी दल देश की कीमत पर राजनीति कर रहे हैं और अब विरोध के नाम पर महिलाओं को आगे करने का हथकंडा अपनाया जा रहा है जिन्हें यह भी नहीं मालूम कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) क्या है? उन्होंने दावा किया, ‘‘ इनके (विपक्षी दलों के) लिये देश महत्तवपूर्ण नही है। इनके लिये हिंदू, सिख, बौध्द, जैनी और पारसी महत्वपूर्ण नही है। अब तो कांग्रेस के लिये इसाई भी महत्तवपूर्ण नही रहे। ’’