लखनऊः उत्तर प्रदेश विधानमंडल का 19 से 24 दिसंबर तक चलाने वाला शीतकालीन सत्र योगी सरकार के लिए आसान नहीं होगा. इस संक्षिप्त सत्र के दौरान योगी सरकार के गुड गवर्नेंस को लेकर विपक्ष प्रदेश सरकार की घेराबंदी करेगा. योगी सरकार से सवाल करेगा कि जब मूल बजट की दो तिहाई धनराशि भी सूबे के सरकार खर्च नहीं कर सकी है तो क्यों अनुपूरक बजट के जरिए 30 हजार करोड़ रुपए विकास कार्यों के लिए जताए जा रहे हैं. इसके साथ विपक्षी दल विधानसभा में वंदे मातरम पर चर्चा कराने संबंधी योगी सरकार के फैसले का विरोध करेंगे.
समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव ने गुरुवार को विपक्षी दलों के इस रुख का खुलासा करते हुए कहा कि यूपी सरकार जनता के जरूरी मुद्दों पर चर्चा से बचना चाहती हैं, इसी वजह से वह विधानसभा में वंदे मातरम के मुद्दे पर चर्चा करवाना चाहती है. जबकि लोकसभा में इस मुद्दे पर चर्चा हो चुकी है. योगी सरकार के इस फैसले का सदन में विरोध किया जाएगा.
एक तिहाई बजट खर्च न करना बनेगा सरकार की मुसीबत
उत्तर प्रदेश विधानमंडल के बेहद संक्षिप्त से शीतकालीन सत्र में योगी सरकार 22 दिसंबर को वित्तीय वर्ष 2025-26 का अनुपूरक बजट पेश करेगी. इस अनुपूरक बजट का आकार 30 हजार करोड़ रुपए तक होने का अनुमान है. बताया जा रहा है कि इस अनुपूरक बजट के जरिए यूपीडा की एक्सप्रेसवे परियोजनाओं के कार्यों के लिए भारी-भरकम धनराशि देने तथा लोक निर्माण विभाग को सड़क परियोजनाओं के लिए करीब छह हजार करोड़ दिए जाने और ग्राम्य विकास, धर्माथ कार्य व पर्यटन स्थलों के विकास के लिए भी धनराशि देने की योजना है.
आजमगढ़ सपा विधायक नफीस अहमद कहते हैं, विकास कार्यो के लिए अनुपूरक बजट लाने का विरोध विपक्ष नहीं करता, लेकिन हम यह जानना चाहते हैं कि जब चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 के 8,40,582.33 करोड़ रुपए के मूल बजट से अभी तक एक तिहाई धनराशि ही खर्च हुई है तो फिर योगी सरकार अनुपूरक बजट क्यों ला रही है.
नफीस अहमद के मुताबिक चालू वित्तीय वर्ष के बजट में सिर्फ योजनाओं के लिए ही लगभग 3.88 लाख करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है लेकिन वित्तीय वर्ष के आठ माह में सिर्फ 1.28 लाख करोड़ रुपए ही खर्च हो सके हैं. रोचक तथ्य तो यह है कि लोक निर्माण विभाग जैसे कई बड़े विभागों ने योजनाओं के लिए आबंटित धनराशि अभी तक आधी भी खर्च नहीं की है और अब फिर इन्हें विभाग के कई नई योजनाओं के लिए अनुपूरक बजट के जरिए धनजुताया जा रहा है.सरकार की इस नीति का विरोध सदन के भीतर किया जाएगा और सरकार ने जवाब भी मांगा जाएगा.
पूछा जाएगा कि अब तक लाये गए अनुपूरक बजट से किन योजनाओं को पूरा किया गया है. विपक्ष का यह सवाल योगी सरकार के लिए मुसीबत बनेगा. इसके अलावा राज्य की कानून व्यवस्था तथा शिक्षा और चिकित्सा की बदहाल स्थिति पर सदन में चर्चा करने की मांग भी की जाएगी. सूबे में बढ़ रही महिला अपराध की घटनाओं एयर सड़क दुर्घटनाओं को लेकर भी सदन में विपक्ष योगी सरकार को घेरेगा.
अनुपूरक बजट 22 दिसंबर को पेश होगा
विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना के अनुसार, शीतकालीन सत्र में 19 से 24 दिसंबर तक के तिथिवार कार्यक्रम तय हो गया है. कार्यक्रम के अनुसार 19 दिसंबर शुक्रवार को सत्र की शुरुआत होगी. पहले दिन सपा विधायक सुधाकर सिंह पर शोक प्रकट करके सदन स्थगित हो जाएगा. 20 व 21 दिसंबर को शनिवार व रविवार के कारण सदन की बैठक नहीं होगी.
22 दिसंबर को प्रश्नकाल के बाद सदन में अनौपचारिक कार्य किए जाएंगे, जिनमें अध्यादेशों, अधिसूचनाओं, नियमों को सदन के पटल पर रखा जाएगा. इसी दिन दोपहर को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए अनुदान मांगें सदन में प्रस्तुत की जाएगी. फिर 23 दिसंबर मंगलवार को प्रश्नकाल व विधायी कार्य के साथ-साथ अनुपूरक बजट पर चर्चा की जाएगी.
24 दिसंबर बुधवार को अनुपूरक बजट पर चर्चा के साथ ही इसे पास कराया जाएगा. शीतकालीन सत्र के दौरान यूपी पेंशन हकदारी एवं विधिमान्यकरण, यूपी नगर निगम (संशोधन) और यूपी दुकान और वाणिज्य अधिष्ठान (संशोधन) अध्यादेशों को विधेयक के रूप में मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया जाएगा.