उत्तर प्रदेशः 31 दिसंबर को मुख्य सचिव मिश्र का कार्यकाल हो रहा खत्म, क्या केंद्र से सेवा विस्तार का तोहफा फिर मिलेगा?

By राजेंद्र कुमार | Published: December 26, 2022 05:23 PM2022-12-26T17:23:00+5:302022-12-26T17:24:01+5:30

यूपी के नौकरशाहों (आईएएस) की इस कवायद की वजह है, दुर्गा शंकर मिश्र का इसी 31 दिसंबर को खत्म हो रहा कार्यकाल. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विश्वासपात्र अफसर होने के चलते ही दायित्व मिला था.

Uttar Pradesh tenure Chief Secretary Durga Shankar Mishra end December 31 will get gift service extension central government again | उत्तर प्रदेशः 31 दिसंबर को मुख्य सचिव मिश्र का कार्यकाल हो रहा खत्म, क्या केंद्र से सेवा विस्तार का तोहफा फिर मिलेगा?

सीनियर नौकरशाहों की निगाह मुख्यमंत्री सचिवालय और नियुक्ति विभाग के आला अफसरों पर लगी हुई हैं. (file photo)

Highlightsयूपी में ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट और निकाय चुनाव कराना चाहती है. एक साल या छह माह का सेवा विस्तार दिया जा सकता है.सीनियर नौकरशाहों की निगाह मुख्यमंत्री सचिवालय और नियुक्ति विभाग के आला अफसरों पर लगी हुई हैं.

लखनऊः उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र को क्या केंद्र सरकार से सेवा विस्तार का तोहफा फिर मिलेगा? यह सवाल बीत रहे साल में सूबे की नौकरशाही में पूछा जा रहा है.

राज्य के अधिकांश नौकरशाह इस सवाल का जवाब पाने के लिए मुख्य मंत्री सचिवालय और नियुक्ति विभाग के अफसरों को फोन कर यह पता लगाने में जुटे हैं कि क्या दुर्गा शंकर मिश्र के कार्यकाल को बढ़ाने के लिए कोई पत्र केंद्र सरकार से आया है. या राज्य सरकार ने इस संबंध में कोई पत्र केंद्र सरकार को भेजा है. 

यूपी के नौकरशाहों (आईएएस) की इस कवायद की वजह है, दुर्गा शंकर मिश्र का इसी 31 दिसंबर को खत्म हो रहा कार्यकाल. उन्हे बीते साल रिटायर होने वाले दिन ही एक साल का सेवा विस्तार देकर 31 दिसंबर को यूपी का मुख्य सचिव बनाया गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विश्वासपात्र अफसर होने के चलते ही उन्हें यह दायित्व मिला था.

बीते एक साल में बिना किसी विवाद के उनकी देखरेख में ही राज्य में विधानसभा चुनाव हुए. ऐसे में अब चर्चा है कि सरकार अपने इस काबिल अफसर की देखरेख में ही यूपी में ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट और निकाय चुनाव कराना चाहती है. इसके लिए उन्हें एक साल या छह माह का सेवा विस्तार दिया जा सकता है.

अगर किसी कारण से दुर्गा शंकर मिश्र को सेवा विस्तार नहीं मिल पाया तो ऐसी स्थिति में वर्ष 1988 या 1989 बैच के अफसर को कार्यवाहक मुख्य सचिव नियुक्त किया जा सकता है. अब ऐसी चर्चाओं के बीच सूबे के सीनियर नौकरशाहों की निगाह मुख्यमंत्री सचिवालय और नियुक्ति विभाग के आला अफसरों पर लगी हुई हैं.

इन दो जगहों से ही सूबे के मुख्य सचिव की तैनाती को लेकर केंद्र सरकार को पत्र जाएगा, या पूछताछ की जाएगी. फिलहाल मौजूदा मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र के सेवा विस्तार के लिए राज्य सरकार की तरफ से अभी तक कोई पत्र केंद्र सरकार को नहीं भेजा गया है और ना ही अभी तक केंद्र सरकार की तरफ से इस संबंध में कोई पूछताछ हुई है.

जिसके चलते ही मुख्य सचिव बनने के इच्छुक कई सीनियर आईएएस अफसरों को उम्मीद है कि उन्हे इस कुर्सी पर बैठने का मौका मिल सकता है. दुर्गा शंकर मिश्र को सेवा विस्तार न मिलने पर वर्ष 1985 बैच के अधिकारी पूर्व मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी को फिर मुख्य सचिव बन सकते हैं. वह यूपी कैडर के सबसे सीनियर अफसर हैं.

उनके बाद वर्ष 1987 बैच के अफसरों में यूपी में तैनात अपर मुख्य सचिव ऊर्जा महेश कुमार गुप्ता का नाम आता है. राजस्व परिषद के अध्यक्ष संजीव कुमार मित्तल, केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर तैनात आईएएस अरुण सिंघल, लीना नंदन और सुनील कुमार भी 1987 बैच के अफसर हैं.

इन अफसरों के अलावा मुख्य सचिव की रेस में वर्ष 1988 बैच के मनोज कुमार सिंह का नाम सबसे ज्यादा चर्चा है. मनोज कुमार कृषि उत्पादन आयुक्त हैं. अब देखना यह है कि यह साल बीतने के पहले केंद्र सरकार किस अधिकारी को यूपी के मुख्य सचिव की कुर्सी पर बैठने को लेकर अपनी सहमति देती है.

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