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शेर और तेंदुआ ही नहीं सियार, लोमड़ी और मधुमक्खियों के हमले पर मिलेगा 4 लाख का मुआवजा, योगी सरकार की घोषणा

By राजेंद्र कुमार | Updated: May 29, 2025 15:46 IST

Uttar Pradesh: राहत आयुक्त कार्यालय की तरफ से इस संदर्भ में शासन को भेजे गए प्रस्ताव को मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई राज्य कार्यकारिणी समिति ने स्वीकृति दे दी है.

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ठळक मुद्देUttar Pradesh: अभी शेर, तेंदुआ, भालू, भेड़िया के हमले में मृत्यु होने पर दस लाख का मुआवजा मिलता है.Uttar Pradesh: पीड़ित परिवार की तरफ से 1070 नंबर संपर्क करके मुआवजे के लिए सूचना देनी होगी.Uttar Pradesh: 24 से 72 घंटे में मुआवजे की राशि जारी किए जाने का प्रावधान किया गया है.

लखनऊः उत्तर प्रदेश में शेर, तेंदुआ, भेड़िया, भालू आदि जंगली जानवरों के हमला करने पर सरकार पीड़िता व्यक्ति या उसके परिवारीजनों को दस लाख रुपए तक का मुआवजा देती है. यह मुआवजा मानव-वन्यजीव संघर्ष के मामले को लेकर वन विभाग के जरिए पीड़ित व्यक्ति या उसके परिजन को दिया जाता है. इसके साथ ही योगी सरकार ने अब सियार, लोमड़ी और मधुमक्खियों के हमले को भी राज्य आपदा की श्रेणी में शामिल करने का फैसला किया है. इस फैसले के तहत अब राज्य आपदा की श्रेणी में सियार, लोमड़ी तथा मधुमक्खियों के हमले को अधिसूचित कर दिया जाएगा. इसके चलते सियार, लोमड़ी तथा मधुमक्खियों के हमलों में किसी नागरिक की मृत्यु होने पर पीड़ित परिवार को चार लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा और घायल होने पर सरकारी अस्पताल में निशुल्क उपचार कराया जाएगा.

राज्य आपदा की श्रेणी में शामिल किया गया

प्रदेश के राहत आयुक्त कार्यालय की तरफ से इस संदर्भ में शासन को भेजे गए प्रस्ताव को मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई राज्य कार्यकारिणी समिति ने स्वीकृति दे दी है. जल्दी इस आदेश को पूरे प्रदेश में लागू करने के आदेश जारी किया जाएगा. प्रदेश के राहत आयुक्त भानुचंद्र गोस्वामी के अनुसार, सियार, लोमड़ी और मधुमक्खियों के हमले में यदि किसी की मौत होती है तो मुआवजे के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट में संबंधित आपदा से मृत्यु होने की पुष्टि होना जरूरी है. इसी रिपोर्ट के आधार पर पीड़ित परिवार की तरफ से 1070 नंबर संपर्क करके मुआवजे के लिए सूचना देनी होगी.

इसके अलावा संबंधित जिलाधिकारी कार्यालय या संबंधित एडीएम को सूचना देनी होगी. इसके बाद संबंधित तहसील से रिपोर्ट लेकर 24 से 72 घंटे में मुआवजे की राशि जारी किए जाने का प्रावधान किया गया है. इसी के बाद राज्य आपदा निधि ने पीडिया व्यक्ति या उनके परिवारजन को मुआवजे की धनराशि दी जाएगी. और सियार, लोमड़ी तथा मधुमक्खियों के हमले से घायल व्यक्ति का निशुल्क इलाज कराया जाएगा. उनका यह भी कहना है कि अभी राज्य में राहत आयुक्त के स्तर से किसी आपदा का शिकार हुए व्यक्ति की मौत होने पर मुआवजा दिया जाता है.

इसके लिए सरकार ने राज्य आपदा की श्रेणी बनाई हुई है. बेमौसम वर्षा (अतिवृष्टि), आकाशीय बिजली, आंधी-तूफान, लू प्रकोप, नाव दुर्घटना, सर्पदंश, सीवर सफाई व गैस रिसाव, बोरवेल में गिरना, मानव वन्य जीव द्वन्द, पानी (कुआं, नदी, झील, तालाब, पोखर, नगर, नाला, गड्ढा, जलप्रपात) में डूबकर मृत्यु, सांड व नीलगाय के हमले को आपदा की श्रेणी में रखा गया है. इस तरह की आपदा का शिकार हुए लोगों को चार लाख का मुआवजा सरकार देती है. अब राज्य आपदा की इस श्रेणी में सियार, लोमड़ी व मधुमक्खियों के हमले को भी शामिल किया जाएगा.

इसलिए सक्रिय हुई सरकार

सियार, लोमड़ी और मधुमक्खियों के हमले को राज्य आपदा की श्रेणी में शामिल किए जाने की वजह बीटी 25 मई को ललितपुर जिले में मधुमक्खियों द्वारा कई अफसरों पर किया गया हमला बताया जा रहा है. राहत आपदा कार्यालय के अफसरों के अनुसार गत 25 मई को ललितपुर जिले के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल देवगढ़ बौद्ध गुफा में जल जीवन मिशन के तहत पानी की परियोजनाओं का निरीक्षण करने के लिए सीडीओ कमलाकांत एडीएम राजेश श्रीवास्तव, और विशेष सचिव रेशम विकास सुनील वर्मा ललितपुर से 35 किलोमीटर दूर देवगढ़ गांव में पानी की  की व्यवस्था देखने गए थे.

तभी इन पर मधुमक्खियों ने हमला कर दिया. तभी अधिकारियों के इस दल पर मधुमक्खियों ने हमला कर दिया. मधुमक्खियों के इस हमले में एडीए राजेश श्रीवास्तव जो नमामि गंगे का कार्य देख रहे बुरी तरह से घायल हुए. मधुमक्खियों ने उन्हे करीब 500 डंक मारे, इस कारण वह बेहोश हो गए और उन्हें गंभीर हालत में झांसी इलाज के लिए लाया गया. सीडीओ कमलाकांत भी मधुमक्खियों ने घायल किया उन्हें भी ललितपुर में भर्ती कराया गया है. इस घटना को सूबे की सरकार ने गंभीरता से लिया क्योंकि पूरे देश में मधुमक्खियों के हमले से आईएएस अफसरों के घायल होने की खबर प्रमुख से छपी.

इसी के बाद सीएम योगी ने इस मामले में अधिकारियों से रिपोर्ट ली और सियार, लोमड़ी और मधुमक्खियों के हमले को भी राज्य आपदा की श्रेणी में शामिल करने का आदेश दिया, ताकि  सियार, लोमड़ी और मधुमक्खियों के हमले में घायल लोगों का निशुल्क इलाज कराया जा सके और अगर ऐसे मामलों में किसी की मौत होती है तो इसके परिजन को मुआवजा दिया जा सके. 

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