उत्तर प्रदेश: मायावती 27 अगस्त को छठी बार चुनी जाएंगी बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष
By राजेंद्र कुमार | Published: August 23, 2024 06:40 PM2024-08-23T18:40:49+5:302024-08-23T18:43:48+5:30
बसपा के नेताओं के अनुसार, पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक इसी 27 अगस्त को बुलाई गई है। पार्टी की संगठनात्मक रणनीति के लिहाज से इस बैठक को अहम माना जा रहा है।
लखनऊ: बीते लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को मिली करारी शिकस्त से पार्टी की सुप्रीमो मायावती अब उबर चुकी हैं। जिसके चलते अब उन्होंने पार्टी संगठन की खामियों को दूर करने के लिए जहां एक तरफ 27 अगस्त को छठी बार अपने को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने की पुख्ता रणनीति तैयार कर ली है।
वहीं दूसरी तरफ मायावती ने पार्टी संगठन में सेकंड लाइन तैयार करने के लिए युवा नेताओं को आगे लाने का फैसला किया है। इसके साथ ही उन्होंने कैडर वोट के सहारे यूपी में 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में हर हाल में दो-तीन सीटें जीतने की ठानी है।
ऐसी चुनी जाएंगी राष्ट्रीय अध्यक्ष
बसपा के नेताओं के अनुसार, पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक इसी 27 अगस्त को बुलाई गई है। पार्टी की संगठनात्मक रणनीति के लिहाज से इस बैठक को अहम माना जा रहा है। अभी तक ऐसे ही अचानक बुलाई गई बैठक में भी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की ताजपोशी हुई है।
बसपा संस्थापक कांशीराम का जब स्वास्थ्य खराब रहने लगा था तब उन्होने अचानक ही 18 सितंबर 2003 को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर उसमें मायावती को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने का ऐलान किया था। तब से लेकर अभी तक बसपा सुप्रीमो मायावती ही पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।
बसपा में राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यकाल पांच साल का होता है। इस नियम के चलते ही मायावती वर्ष 2004, वर्ष 2009, वर्ष 2014 और वर्ष 2019 में निर्विरोध पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनी गईं। अब फिर 27 अगस्त को लखनऊ में होने वाली पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में उन्हें छठी पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना जाएगा।
लखनऊ में होने वाली राष्ट्रीय और प्रदेश पदाधिकारियों के साथ मंडल प्रभारी और जिला अध्यक्ष भी होंगे शामिल। पार्टी के यह सभी नेता राष्ट्रीय कार्यकारिणी में मायावती को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने के लिए मायावती के नाम का अनुमोदन करेंगे। फिर सर्वसम्मति से उन्हे पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने का ऐलान किया जाएगा।
कैडर वोट को एकजुट करने का प्रयास
इसके साथ ही पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान ही मायावती के भतीजे और उत्तराधिकारी आकाश आनंद के कदम में इजाफा करने के साथ ही पार्टी के कोषाध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष और राष्ट्रीय प्रवक्ता आदि पदों पर भी पार्टी नेताओं का चयन किया जाएगा। मायावती के भाई आनंद कुमार और सतीश चंद्र मिश्रा और उनके दामाद को भी कार्यकारिणी में जिम्मेदारी दी जाएगी।
इसके साथ ही कार्यकारिणी बैठक में पार्टी अपना राष्ट्रीय एजेंडा भी पेश करेंगी और प्रदेश की 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर भी नई रणनीति के बारे खुलासा किया जाएगा। उप चुनाव में आरक्षण के मुद्दे पर बसपा आक्रामक तरीके से दलित समाज के सहारे चुनावी नैया पार करेगी।
बूथ से लेकर जिला स्तर तक कैसे कमिटियों का गठन कर उसमें एससी समाज को तवज्जो दी जाएगी, पार्टी नेताओं को यह बताया जाएगा। मायावती का मानना है कि अपने कैडर वोट को मजबूत कर वह भाजपा और सपा को तगड़ी चुनौती देने में सक्षम हैं। विधानसभा और लोकसभा के चुनाव में कैडर वोट के बिखरने के कारण ही यूपी में बसपा की हार हुई थी।