उत्तर प्रदेश पुलिसः अनुशासनहीन अफसरों की दी चेतावनी?, 31 मई को हो रहे रिटायर डीजीपी प्रशांत कुमार
By राजेंद्र कुमार | Updated: May 28, 2025 19:56 IST2025-05-28T19:55:18+5:302025-05-28T19:56:00+5:30
Uttar Pradesh Police: पुलिस अफसरों में रिटायर हो रहे डीजीपी प्रशांत कुमार का सभी पुलिस अधिकारियों को जारी किए गए परिपत्र चर्चा का मुद्दा बन गया है.

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लखनऊः उत्तर प्रदेश पुलिस के कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार इसी 31 मई को रिटायर हो रहे हैं. उनके स्थान पर मुख्यमंत्री योगी किसी सूबे के नया डीजीपी बनाएंगे? इसका अभी खुलासा नहीं हुआ है, लेकिन इस वक्त सूबे के पुलिस अफसरों में रिटायर हो रहे डीजीपी प्रशांत कुमार का सभी पुलिस अधिकारियों को जारी किए गए परिपत्र चर्चा का मुद्दा बन गया है. डीजीपी के इस परिपत्र में हर जिले में होने वाली पुलिस परेड में पुलिस अफसरों के शामिल ना होने को अनुशासनहीनता माना गया है.
डीजीपी का कहना है कि प्रदेश पुलिस के अधिकारी परेड में भाग नही लेते हैं, जिससे अनुशासन के साथ उनके स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. पुलिस अफसरों के इस व्यवहार पर नाराजगी जताते हुए डीजीपी प्रशांत कुमार ने अनुशासनहीनता करने वालों पर पुलिस अफसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
इसलिए जारी हुआ परिपत्र
डीजीपी प्रशांत कुमार द्वारा जारी किए गए इस परिपत्र के उक्त निर्देश से जिलों में तैनात आईजी, डीआईजी और एसपी सभी पुलिस अफसर भौचक हैं. इनकी समझ में नहीं आ रहा है कि गत 29 अप्रैल को प्रमुख सचिव गृह संजय कुमार ही अध्यक्षता में हुई पुलिस के कामकाज की समीक्षा में उठे मुद्दों को लेकर आखिर रिटायर होने के ठीक पहले अचानक डीजीपी ने यह परिपत्र क्यों जारी किया.
29 अप्रैल की बैठक में सूबे के कुछ जिलों के थानों में कारतूसों की चोरी और असलहों के रख-रखाव में लापरवाही, पुलिसकर्मियों के अनुशासनहीनता के कुछ मामलों और पुलिस लाइन में होने वाली परेड में अफसरों के शामिल न होने की घटनाओं को गंभीरता से लिया गया था और प्रमुख सचिव गृह ने ऐसे मामलों में डीजीपी से कहा था कि अनुशासनहीनता करने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की जाए.
डीजीपी के परिपत्र के निर्देश
बताया जा रहा है कि प्रमुख सचिव गृह के इस निर्देश पर ही डीजीपी ने सख्ती दिखाते हुए सभी जिलों के पुलिस मुखिया और पुलिस कमिश्नर को कई निर्देश देकर आरोपी पुलिस कर्मियों पर सख्त कार्रवाई करने को कहा है. यह भी कहा है कि जिलों में एसपी, सेनानायकों आदि द्वारा अपने कार्य के प्रति जागरूकता और समर्पण बनाए रखे.
अधिकारियों और कर्मचारियों के मध्य समुचित समन्वय के कारण ही जो अनुशासनहीनता की घटनाएं हो रही हैं, उस पर रोक लगाने के लिए वरिष्ठ अधिकारी अपने अधीनस्थों के साथ बेहतर समन्वय स्थापित करें और उनके सुख-दुख में शामिल होकर संवेदनशीलता का परिचय दें. अपने कार्य व आचरण से ऐसे उदाहरण प्रस्तुत करें, जिससे ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो.
इसके साथ ही हर जिले में तैनात अधिकारी प्रत्येक मंगलवार और शुक्रवार को होने वाली परेड में शामिल हों. इस मामले में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. अधिकारी परेड में शामिल हो इसके चेकिंग के लिए डीजीपी ने उनकी बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज कराने के आदेश भी परिपत्र में दिया है.
इसके यह भी कहा गया है कि अवकाश, भ्रमण, ड्यूटी व अपरिहार्य परिस्थितियों को छोड़कर पुलिस अधिकारी हर शुक्रवार परेड में हिस्सा लें. जबकि अपर पुलिस अधीक्षक, उप सेनानायकों द्वारा मंगलवार की परेड में अनिवार्य रूप से हिस्सा लिया जाए. पुलिस लाइन की परेड में सभी कर्मचारियों की उपस्थिति होनी चाहिए.
इस दौरान पुलिस लाइन, वाहिनी प्रांगण में भ्रमण कर साफ-सफाई, परेड ग्राउंड, क्वार्टर गार्द, आर्मरी, बैरेक, स्टोर, मेस, कैंटीन, अस्पताल, कल्याण केन्द्र, परिवहन शाखा, सड़क, बिजली, पानी, स्नान गृह, शौचालय, स्कूल, मनोरंजन गृह, अग्निशमन केंद्र, नियंत्रण कक्ष, आवासीय व्यवस्था आदि का निरीक्षण किया जाए.
इसके अलावा इस परिपत्र में दागी पुलिसकर्मियों की तैनाती थाने के माल खाने में तैनाती करने से माना किया गया है. परिपत्र में कहा गया है कि कारतूस चोरी होने, कानून-व्यवस्था ड्यूटियों में फायरिंग के दौरान फायर न होने, शस्त्र के सही प्रकार से कार्य न करने की घटनाएं भी सामने आती हैं, लिहाजा विशेष ध्यान देकर शस्त्रों की नियमित सफाई व मरम्मत कार्य कराया जाए.
शस्त्र, कारतूसों आदि का नियमित भौतिक सत्यापन कराया जाए. थाने में हेड आर्मोरर और आर्मोरर के पूर्व इतिहास की जानकारी रखी जाए. इसके अलावा हर जिले में एसपी और सेनानायकों को हर महीने एक बार व रेंज स्तर पर तीन महीने में एक बार पुलिस कर्मचारियों का सम्मेलन अवश्य करने का निर्देश डीजीपी के परिपत्र में दिया गया है. ताकि जिन पुलिस कर्मियों को कोई समस्या हो, वह ऐसे सम्मेलन में आकार अपनी समस्या का निदान अफसरों से करा सकें.