उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में देर रात हुए एक दर्दनाक हादसे में 6 प्रवासी श्रमिकों की मौत हो गई। मिली जानकारी के अनुसार इन श्रमिकों को एक तेज रफ्तार बस ने कुचल दिया। घटना मुजफ्फरनगर-सहारनपुर हाईवे की है। पुलिस के अनुसार इस घटना में दो लोग घायल भी हुए हैं।
कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे को देखते हुए जारी लॉकडाउन के बीच ये श्रमिक पैदल ही हरियाणा से बिहार अपने घर जा रहे थे। पुलिस ने बताया है कि बस खाली था और घटना के बाद चालक फरार हो गया है। ये घटना बुधवार रात 11 बजे मुजफ्फरनगर जिले में हुई।
न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार एक अधिकारी ने बताया कि ये मजदूर हरियाणा से चले थे और बिहार में अपने घर पैदल जा रहे थे जब कल देर रात यहां से करीब 20 किलोमीटर दूर घलीली जांच चौकी और रोहाना टोल प्लाजा के बीच दिल्ली-सहारनपुर राजमार्ग पर वे बस की चपेट में आ गए।
हादसे में घायल सुशील, नाथू सैनी, पवन सैनी, प्रमोद और रामजी राय को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दो मृतकों की पहचान बिजेंदर (25) और हर्ष (20) के रूप में की गई है। बाकियों की पहचान अभी नहीं की जा सकी है।
ये हादसा उस समय हुआ है जब यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार पहले ही एक बयान में अधिकारियों को ये सुनिश्चित करने को कह चुकी है कि राज्य में किसी भी हालत में सड़क पर कोई प्रवासी मजदूर चलता नजर नहीं आए।
वहीं, केन्द्र ने भी कहा है कि अपने गृह निवास लौटने के लिए प्रवासियों के सड़कों और रेल की पटरियों पर चलने की घटनाओं का उसने गंभीरता से संज्ञान लिया है और राज्यों से यह सुनिश्चित करने को भी कहा है कि ये लोग देश में चलाई जा रही विशेष ट्रेनों में यात्रा करें।
बता दें कि बुधवार को भी उत्तर प्रदेश के दो अलग-अलग जिलों में हुए सड़क हादसों में चार लोगों की मौत हो गयी थी जबकि 46 अन्य घायल हो गये। चित्रकूट जिले में बरगढ़ थाना क्षेत्र के रीवा मार्ग में कलचिहा गांव के पास सड़क किनारे बैठे चार प्रवासी मजदूरों को मंगलवार शाम लोडर ट्रक ने कुचल दिया, जिससे एक मजदूर की मौत हो गयी और तीन अन्य घायल हो गये।
प्रदेश के ही कानपुर देहात जिले के अकबरपुर में दो ट्रकों की टक्कर में एक मासूम बच्चे और दो प्रवासी श्रमिकों की मौत हो गयी जबकि 43 अन्य श्रमिक घायल हो गये। पिछले ही हफ्ते महाराष्ट्र से भी खबर आई थी जहां औरंगाबाद में ट्रेन से कुचलकर 16 मजदूरों की मौत हो गई थी। ये सभी भी पैदल अपने गृह राज्य मध्य प्रदेश लौट रहे थे और यात्रा के दौरान थक कर रेलवे ट्रैक पर सो गए थे।