'प्लीज पासवर्ड बता दीजिए' यूजर ने पीएम मोदी के ट्विटर अकाउंट के पासवर्ड मांगे, फिर आया ये मजेदार जवाब
By धीरज पाल | Updated: March 8, 2020 13:57 IST2020-03-08T13:57:20+5:302020-03-08T13:57:20+5:30
पीएम मोदी ने अपना ट्विटर हैंडल की कमान स्नेहा के हाथों में सौंपा है। वे पूरे दिन पीएम मोदी के ट्विटर हैंडल से अपने संघर्ष और कामयाबी की बातें बताएंगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day 2020) के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना सोशल अकाउंट प्रेरणास्त्रोत महिलाओं के हाथ में थमा दिया है। ये वो महिलाएं हैं जिन्होंने देश के लिए कुछ बेहतर किया है। बता दें कि पीएम मोदी ने अपना ट्विटर हैंडल की कमान स्नेहा के हाथों में सौंपा है। वे पूरे दिन पीएम मोदी के ट्विटर हैंडल से अपने संघर्ष और कामयाबी की बातें बताएंगी।
पीएम मोदी के सोशल हैंडल सौंपने के बाद यूजर्स के कमेंट भी आने शुरू हो गए। मजेदार की बात तो तब हुआ जब एक यूजर ने पीएम मोदी के ट्विटर हैंडल का पासवर्ड मांगा। इसका जवाब देते हुए स्नेहा ने ट्वीट कर कहा कि "New India...लॉग इन तो करके देखिए।"
New India...try logging in :)
— Narendra Modi (@narendramodi) March 8, 2020
@snehamohandosshttps://t.co/ydnMKzsY0W
कौन हैं स्नेहा मोहनदास?
स्नेहा मोहनदास चेन्नई की रहने वाली हैं। फूडबैंक इंडिया नाम से वह एक संस्थान चलाती है। इस संस्थान का मुख्य उद्धेश्य बेघर व गरीब लोगों को खाना खिलाना है। स्नेहा ने ट्विटर में अपना एक वीडियो भी साझा किया है, जिसमें उन्होंने अपनी पहल फूड बैंक इंडिया के बारे में बताया। स्नेहा ने बताया कि साल 2015 में फूडबैंक इंडिया की शुरुआत हुई थी। स्नेहा फूडबैंक इंडिया की फाउंडर हैं। वर्तमान में इस संस्था के साथ सैकड़ों लोग जुड़ चुके हैं. वो कहती हैं, मेरा सपना है कि भारत हंगर फ्री नेशन बने।
इसकी प्रेरणा उन्हें अपनी मां से मिली। उनकी मां स्नेहा के जन्मदिन और अन्य आयोजनों पर बेघर बच्चों को घर पर बुलाती थीं। वहीं से उन्हें इसकी आदत पड़ी। स्नेहा कहती हैं कि मैं अपनी इस पहल से युवा पीढ़ी को ज्यादा से ज्यादा जोड़ना चाहती हूं। इसी को ध्यान में रखकर मैंने सोशल मीडिया में फूड बैंक चेन्नई से फेसबुक पेज बनाया। इसका असर ये हुआ कि 18 प्लस चैप्टर इंडिया और एक साउथ अफ्रीका में बन गया।
फूड बैंक इंडिया का कॉन्सेप्ट बताते हुए स्नेहा कहती हैं कि मैं इस मुहिम से लोगों को जुड़ने के लिए कहती हूं। इसके लिए वो रोज कुछ एक्स्ट्रा पकाएं और उसमें से एक हिस्सा बेघरों को दें, न कि बचा हुआ बासी खाना। मैं ऐसे लोगों के पास अपने वॉलंटियर भेजती हूं, जहां से हम मैटेरियल जुटाते हैं। इसके अलावा हमने हंगर स्पॉट की पहचान कर रखी है। जहां ये मैटेरियल पहुंचाया जाता है। स्नेहा ने कहा कि इसका मैं सारा क्रेडिट अपने वॉलंटियर को देती हूं। उन्होंने ट्विटर पर अपना सक्सेस मंत्र भी बताया।