आर्टिकल 370 के बाद अमेरिकी सांसदों ने पाकिस्तान से भारत के खिलाफ बदले की कार्रवाई से बचने को कहा
By भाषा | Published: August 9, 2019 02:38 AM2019-08-09T02:38:51+5:302019-08-09T02:38:51+5:30
अमेरिका के दो प्रभावशाली डेमोक्रेटिक सांसदों ने पाकिस्तान से कहा है कि वह भारत के खिलाफ ‘‘बदले की किसी भी कार्रवाई’’ से बचे और अपने देश में सक्रिय आतंकवादी समूहों के खिलाफ ‘‘ठोस कार्रवाई’’ करे।
अमेरिका के दो प्रभावशाली डेमोक्रेटिक सांसदों ने पाकिस्तान से कहा है कि वह भारत के खिलाफ ‘‘बदले की किसी भी कार्रवाई’’ से बचे और अपने देश में सक्रिय आतंकवादी समूहों के खिलाफ ‘‘ठोस कार्रवाई’’ करे। पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा हटाने के भारत के कदम को ‘‘एकतरफा और गैरकानूनी’’ बताते हुए बुधवार को भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया को निष्कासित कर दिया तथा नयी दिल्ली के साथ राजयनिक संबंधों को कमतर कर दिया था।
सीनेटर रॉबर्ट मेनेंदेज और कांग्रेस सदस्य इलियट एंगल ने बुधवार को एक संयुक्त बयान में जम्मू कश्मीर में पाबंदियों पर चिंता भी जताई। मेनेंदेज सीनेट की विदेश संबंध मामलों की समिति के शीर्ष सदस्य हैं जबकि एंगल प्रतिनिधि सभा की विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष हैं। उन्होंने बयान में कहा, ‘‘पाकिस्तान को नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ कराने में मदद समेत किसी भी तरह की बदले की कार्रवाई से बचना चाहिए और अपनी जमीन पर मौजूद आतंकवादी ढांचे के खिलाफ ठोस कार्रवाई करनी चाहिए।’’
जम्मू कश्मीर में नजरबंदी और प्रतिबंधों पर चिंता जताते हुए सांसदों ने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र होने के नाते भारत के पास अपने सभी नागरिकों को सूचना तक पहुंच, आपस में एकत्र होने की आजादी देने और कानून के तहत समान संरक्षण सहित समान अधिकारों की रक्षा और उन्हें बढ़ावा देने के महत्व को दिखाने का अवसर है। उन्होंने कहा, ‘‘पारदर्शिता और राजनीतिक भागीदारी प्रतिनिधिक लोकतंत्रों का आधार हैं और हम उम्मीद करते हैं कि भारत सरकार जम्मू कश्मीर में इन सिद्धांतों का पालन करेगी।’’
भारत ने हमेशा कहा है कि जम्मू कश्मीर उसका अभिन्न अंग है और मुद्दा पूरी तरह से देश का आंतरिक मामला है। भारतीय संसद ने मंगलवार को जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को हटाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने संबंधी संकल्प और विधेयक को मंजूरी दे दी। भारत सरकार ने राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए कई प्रतिबंध लगाए हैं और अधिकांश संचार सेवाओं को निलंबित रखा है।