नई दिल्ली, 16 अगस्त: भारतीय राजनीति के करिश्माई नेता पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का लम्बी बीमारी के बाद 93 साल की उम्र में निधन हो गया। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में वह 11 जून से भर्ती थे। अटल बिहारी वाजपेयी ने संकट के कई अवसरों पर देश को नेतृत्व प्रदान किया और समावेशी राजनीति को आगे बढ़ाते हुए बखूबी गठबंधन सरकार चलायी।
अटली जी के निधन पूरा विश्व शोक में है। यूएस असेंबली का हवाला देते हुए एएनआई ने ट्वीट करते हुए कहा- अपने कार्यकाल के दौरान, प्रधानमंत्री वाजपेयी ने संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ मजबूत साझेदारी की वकालत की थी। जो हमें "प्राकृतिक सहयोगी" के रूप में संदर्भित करते हैं। हम उनकी निधन पर गहरी संवेदना प्रक्रट करते हैं।
वहीं चीन ने भी अटल जी के निधन पर शोक जताया है। अटल जी के निधन पर पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान भी उन्हें याद किया है। सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तान की पत्रकार मेहर तरार और पाक के सय्यैद हसन शाह ने भी ट्वीट करके श्रद्धांजलि अर्पित की है। इसके साथ ही कई देशों ने भी अटल जी के निधन पर शोक जताया है।
अटल बिहारी वाजपेयी ने अपनी अंतिम सांस दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में ली। उनके निधन के बाद पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई। इस दुखद पल में सभी की आंखें नम हैं। उन्हें एम्स में जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया था। पिछले दो दिनों से लगातार उनकी तबीयत में गिरावट देखी जा रही थी।
अटल बिहारी का 93 साल में निधन हुआ । गुरुवार शाम 5: 05 मिनट पर उनका निधन हुआ है। वह पिछले 9 हफ्तों से दिल्ली के भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, दिल्ली (एम्स) में भर्ती थे। 93 वर्षीय दिग्गज नेता को गुर्दे में संक्रमण, मूत्र नली में संक्रमण, पेशाब की मात्रा कम और सीने में जकड़न की शिकायत के बाद 11 जून को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, दिल्ली (एम्स) में भर्ती कराया गया था।