उर्दू में गीता का अनुवाद करने वाले शायर अनवर जलालपुरी का निधन, 5 मशहूर शेर

By पल्लवी कुमारी | Published: January 2, 2018 03:49 PM2018-01-02T15:49:05+5:302018-01-02T16:06:48+5:30

40 साल तक लोगों के दिलों को जोड़ने वाले शायर अनवर का इस तरह छोड़कर चला जाना साहित्य जगत, उर्दू अदब के लिए गहरा धक्का है।

urdu shayar anwar jalalpuri passes away in lucknow | उर्दू में गीता का अनुवाद करने वाले शायर अनवर जलालपुरी का निधन, 5 मशहूर शेर

उर्दू में गीता का अनुवाद करने वाले शायर अनवर जलालपुरी का निधन, 5 मशहूर शेर

भगवद गीता का उर्दू से हिंदी में अनुवाद करने वाले मशहूर उर्दू शायर अनवर जलालपुरी का मंगलवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 71 वर्ष के थे। अनवर जलालपुरी को गत 28 दिसम्बर को उनके घर में मस्तिष्काघात के बाद लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था।

वह बाथरूम में फिसलकर गिर गए थे और उनके सिर पर चोट आई थी। तब से वह वेंटिलेटर पर थे।अस्पताल के प्रवक्ता ने कहा, "सोमवार को उनकी स्थिति खराब हो गई और मंगलवार सुबह 11 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।"

अनवर जलालपुरी को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा यश भारती से सम्मानित किया गया था।  लगभग 40 साल तक लोगों के दिलों को जोड़ने वाले शायर अनवर का इस तरह छोड़कर चला जाना साहित्य जगत, उर्दू अदब के लिए गहरा धक्का है। अनवर साहब की लिखी शायरी को चार पीढ़ियों ने गुनगनाया है। जिसमें मुन्नवर राणा, वसीम बरेलवी, बशीर बद्र, नवाज देवबंदी तक ने अनवर साहब की शायरी लोगों तक पहुंचाई है।

ये है उनकी कुछ शायरियां 

1- 'मैं जा रहा हूँ मेरा इंतजार मत करना, 
मेरे लिये कभी भी दिल सोगवार मत करना' 

2- गुलों के बीच में मानिन्द ख़ार मैं भी था
फ़क़ीर ही था मगर शानदार मैं भी था

3- वह जिन लोगों का माज़ी से कोई रिश्ता नहीं होता
उन्हीं को अपने मुस्तक़बिल का अन्दाज़ा नहीं होता

4- मैं भी हर उलझन से पा सकता था छुटकरा मगर
मेरे गमख़ाने में में कोई चोर दरवाज़ा न था

5- सच बोलते रहने की जो आदत नहीं होती
इस तरह से ज़ख्मी ये मेरा सर नहीं होता

6- ख़राब लोगों से भी रस्म व राह रखते थे
पुराने लोग ग़ज़ब की निगाह रखते थे

7- पराया कौन है और कौन अपना सब भुला देंगे
मताए ज़िन्दगानी एक दिन हम भी लुटा देंगे

8- बुरे वक़्तो में तुम मुझसे न कोई राब्ता रखना
मैं घर को छोड़ने वाला हूँ अपना जी कड़ा रखना

Web Title: urdu shayar anwar jalalpuri passes away in lucknow

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