उपहार अग्निकांड : पुलिस ने अदालत से कहा कि दस्तावेजों से छेड़छाड़ को हल्के में नहीं लिया जा सकता है

By भाषा | Published: August 27, 2021 07:16 PM2021-08-27T19:16:06+5:302021-08-27T19:16:06+5:30

Uphaar fire: Police tells court that tampering of documents cannot be taken lightly | उपहार अग्निकांड : पुलिस ने अदालत से कहा कि दस्तावेजों से छेड़छाड़ को हल्के में नहीं लिया जा सकता है

उपहार अग्निकांड : पुलिस ने अदालत से कहा कि दस्तावेजों से छेड़छाड़ को हल्के में नहीं लिया जा सकता है

1997 के उपहार अग्निकांड जैसे संवेदनशील मामलों में दस्तावेजों का लापता हो जाना और साक्ष्यों से छेड़छाड़ को हल्के में नहीं लिया जा सकता है। यह बात शुक्रवार को दिल्ली पुलिस ने यहां की एक अदालत में कही। मामला मुख्य मामले के साक्ष्यों से छेड़छाड़ का है जिसमें रियल इस्टेट उद्योगपति सुशील एवं गोपाल अंसल को दोषी ठहराया गया था और उच्चतम न्यायालय ने उन्हें दो वर्ष कैद की सजा सुनाई थी। बहरहाल, उच्चतम न्यायालय ने उन्हें जेल में पहले ही बिताए गए समय के कारण रिहा कर दिया और शर्त रखी कि वे 30- 30 करोड़ रुपये का जुर्माना भरें जिसका इस्तेमाल राजधानी में ट्रॉमा सेंटर बनाने में किया जाए। वर्तमान मामले में अंसल भाईयों के साथ अदालत के कर्मचारी दिनेश चंद शर्मा तथा पी. पी. बत्रा, हर स्वरूप पंवार, अनूप सिंह और धर्मवीर मल्होत्रा पर मामला दर्ज हुआ था। सुनवाई के दौरान ही पंवार और मल्होत्रा की मौत हो गई। अभियोजन ने मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पंकज शर्मा के समक्ष कहा, ‘‘उपहार सिनेमा अग्निकांड उस वक्त महानगर का सबसे संवेदनशील मामला था। इस तरह के मामले में दस्तावेजों का गायब होना और उनसे छेड़छाड़ किए जाने को हल्के में नहीं लिया जा सकता है।’’ हिंदी फिल्म ‘‘बोर्डर’’ की स्क्रीनिंग के दौरान 13 जून 1997 को उपहार सिनेमा में आग लग गई थी जिसमें 59 लोगों की मौत हो गई थी।

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Web Title: Uphaar fire: Police tells court that tampering of documents cannot be taken lightly

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