उपहार सिनेमा अग्निकांड : अदालत ने अंसल बंधुओं की सजा निलंबित करने पर आदेश सुरक्षित रखा

By भाषा | Updated: November 27, 2021 17:42 IST2021-11-27T17:42:10+5:302021-11-27T17:42:10+5:30

Uphaar cinema fire: Court reserves order on suspension of sentence of Ansal brothers | उपहार सिनेमा अग्निकांड : अदालत ने अंसल बंधुओं की सजा निलंबित करने पर आदेश सुरक्षित रखा

उपहार सिनेमा अग्निकांड : अदालत ने अंसल बंधुओं की सजा निलंबित करने पर आदेश सुरक्षित रखा

नयी दिल्ली, 27 नवंबर दिल्ली की एक अदालत ने 1997 के उपहार सिनेमा अग्निकांड मामले में सबूतों से छेड़छाड़ करने के लिए रियल एस्टेट कारोबारी सुशील और गोपाल अंसल को सुनाई गई सात साल की जेल की सजा निलंबित की जाए या नहीं, इस पर अपना फैसला शनिवार को तीन दिसंबर के लिए सुरक्षित रख लिया। उपहार सिनेमा हॉल में आग लगने से 59 लोगों की मौत हो गई थी।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अनिल अंतिल ने मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा अंसल बंधुओं की दोषसिद्धि और जेल की सजा के खिलाफ दायर उनकी अपील पर शनिवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। अपनी दोषसिद्धि और सजा को चुनौती देने के अलावा अंसल बंधुओं ने सत्र अदालत से अपील पर फैसला होने तक उनकी जेल की सजा को निलंबित करने का आग्रह किया था।

अदालत ने आरोपियों के साथ-साथ पीड़ितों और पुलिस की दलीलें सुनीं और आदेश सुरक्षित रख लिया। उपहार अग्निकांड के पीड़ितों के संगठन ‘एवीयूटी’ की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा ने अपील का विरोध किया और अदालत से कहा कि सबूतों से छेड़छाड़ का अपराध बेहद गंभीर प्रकृति का है क्योंकि यह पूरी आपराधिक न्याय प्रणाली को प्रभावित करता है। दिल्ली पुलिस ने भी अंसल बंधुओं द्वारा दायर अपील का विरोध किया और अदालत से कहा कि दोषियों की जेल की सजा को निलंबित करने से पीड़ितों को मानसिक आघात लगेगा तथा उनकी पीड़ा और बढ़ेगी।

मामला अग्निकांड से जुड़े मुख्य मामले में सबूतों के साथ छेड़छाड़ से संबंधित है, जिसमें अंसल बंधुओं को दोषी ठहराया गया था और उच्चतम न्यायालय ने उन्हें दो साल की जेल की सजा सुनाई थी। हालांकि, शीर्ष अदालत ने अंसल बंधुओं को उनके जेल में बिताए समय को ध्यान में रखते हुए इस शर्त पर रिहा कर दिया था कि वे 30-30 करोड़ रुपये का जुर्माना देंगे जिसका इस्तेमाल राष्ट्रीय राजधानी में एक ट्रॉमा सेंटर के निर्माण के लिए होगा।

मजिस्ट्रेट अदालत ने अदालत के पूर्व कर्मचारी दिनेश चंद शर्मा और दो अन्य लोगों - पी पी बत्रा और अनूप सिंह को भी सात साल जेल की सजा सुनाई थी और उन पर तीन-तीन लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। अदालत ने अंसल बंधुओं पर भी 2.25 - 2.25 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। मामले में 20 जुलाई 2002 को पहली बार सबूतों से छेड़छाड़ का पता चला था और शर्मा के खिलाफ विभागीय जांच शुरू की गई थी, जिसे बाद में निलंबित कर दिया गया था। बाद में 25 जून 2004 को उसे सेवा से हटा दिया गया था।

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Web Title: Uphaar cinema fire: Court reserves order on suspension of sentence of Ansal brothers

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