हरिद्वार जिले के एक गांव में जहरीली शराब पीने से होने वाली मौतों की संख्या 70 हो गई है। मरने वालों में हरिद्वार और पड़ोसी सहारनपुर जिलों के लोग शामिल हैं। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। इस मामले में सहारनपुर में अब तक कुल 30 लोगों की गिरफ्तारी की गई है।
एक अधिकारी ने बताया कि उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के बालूपुर और इससे लगे हुए गांवों में 24 लोगों की मौत हुई है। बृहस्पतिवार को बालूपुर से जहरीली शराब पीकर उत्तर प्रदेश के सहारनपुर स्थित अपने घर पहुंचे 46 लोगों की भी मौत हो गई। सहारनपुर के एसपी दिनेश कुमार ने कहा कि 400 लीटर शराब बरामद की गई है।
भाकपा ने जहरीली शराब से मौतों के लिये उत्तर प्रदेश सरकार को ठहराया जिम्मेदार
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के राज्य सचिव मण्डल ने उत्तर प्रदेश में जहरीली शराब से हो रही मौतों पर दुख और आक्रोश व्यक्त करते हुये इसके लिये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जिम्मेदार ठहराया है और उनसे त्यागपत्र की मांग की है।
भाकपा के राज्य सचिव गिरीश ने शनिवार(9 फरवरी) को यहाँ जारी एक बयान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर आरोप लगाया कि उनकी प्राथमिकता में उत्तर प्रदेश में सरकार चलाना नहीं अपितु लोगों को गुमराह करना और विपक्ष पर हमले बोलना है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री प्रदेश के शासन पर ध्यान देने के बजाय राम, कुंभ, गाय, गंगा जैसे मुद्दों पर ही सारी ऊर्जा खपाये रहते हैं। यही वजह है कि राज्य की कानून व्यवस्था तार तार हो चुकी है और अब प्रदेश में लगभग 100 लोगों की मौत हो चुकी है।
भाकपा ने किया मुआवजा का ऐलान
भाकपा राज्य सचिव ने आरोप लगाया कि संवेदनहीन सरकार और उसका प्रशासन मौतों का आंकड़ा कम करके दिखाने को शवों के पोस्टमार्टम न करके उन्हें स्वाभाविक मौतें बता रहा है। योगी के सत्ता संभालने के बाद यह तीसरा बड़ा हादसा है जिसमें जहरीली शराब से बड़े पैमाने पर मौतें हुयीं हैं।
भाकपा ने कहा कि योगी सरकार इन मौतों के लिये सीधे तौर पर जिम्मेदार है। लोगों की सामूहिक मौतों के लिये जिम्मेदार योगी को इसकी नैतिक ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए और अपने पद से इस्तीफ़ा दे देना चाहिये। भाकपा ने हर मृतक के परिवार को 25 लाख रुपये का मुआवजा और पीड़ितों को इलाज के लिये पांच लाख रुपये की सहायता प्रदान करने की मांग की है।