लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कुशासन और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए वर्ष 1992 में लोकायुक्त संस्था का गठन हुआ था. वर्तमान में लोकायुक्त के पद पर जस्टिस संजय मिश्रा का दायित्व संभाल रहे हैं. जनवरी 2024 में लोकायुक्त के पद पर उनका कार्यकाल पूरा हो चुका है, लेकिन योगी सरकार ने दो साल पूरा होने के पहले भी नया लोकायुक्त की तलाश नहीं कर सकी है. परिणाम स्वरूप लोगों का इस संस्थान से विश्वास कम होता जा रहा है और सूबे के लोग विभागों के आला अफसरों के भ्रष्टाचार को लेकर लोकायुक्त के पास जाने से करने लगे हैं. अब यह कहा जा रहा है कि योगी सरकार नए लोकायुक्त की तैनाती के लिए फ्रिक ही नहीं कर रही है. इसलिए लोगों ने भी इस संस्थान की तरफ रुख करना छोड़ दिया है.
सीएम सचिवालय की पहल का इंतजार :
हालांकि इस संस्थान के गठन के समय यह दावा किया गया था कि उक्त संस्था उत्तर प्रदेश में कुशासन और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने का हथियार बनेगी. इसी सोच के तहत उक्त संस्थान में एक लोकायुक्त और तीन उप लोकायुक्त के पद सृजित किए गए. इस वक्त लोकायुक्त के पद पर जस्टिस संजय मिश्रा अपना आठ साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद भी तैनात हैं. इसी प्रकार उप लोकायुक्त के पद पर काम कर रहे शंभू सिंह यादव का कार्यकाल भी अगस्त 2024 में पूरा हो चुका है.
परंतु कानूनी प्रावधान के चलते नए लोकायुक्त और उप लोकायुक्त की शपथ होने तक तक जस्टिस संजय मिश्रा और शंभू सिंह यादव अपनेआ-अपने पदों पर कार्य करते रहेंगे. अब सवाल यह है कि उक्त खाली पदों को आखिर योगी सरकार कब भरने की पहल करेंगी? इस बारे में राज्य के मुख्य सचिव एसपी गोयल कुछ भी कहने को तैयार नहीं हैं. यहीं हाल लोकायुक्त के पद को भरने की प्रक्रिया को पूरा करने वाले सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव का भी है, वह खाते हैं कि मुख्यमंत्री सचिवालय से जब इस संबंध में निर्देश मिलेगा तब लोकायुक्त संस्थान के रिक्त पदों को भरने की कार्रवाई शुरू की जाएगी. चूंकि अभी तक इस संबंध में आदेश नहीं मिला है, इसलिए कोई पहल नहीं ही गई.
लोकायुक्त के पास लंबित मामले :
शासन के अफसरों के अनुसार, जस्टिस संजय मिश्रा की लोकायुक्त के पद पर में तैनाती होने में भी विलंब हुआ था. सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप करने पर ही 31 जनवरी 2016 को उनकी तैनाती ही गई थी. राज्य में लोकायुक्त की नियुक्ति तीन सदस्यीय कमेटी करती है. इस कमेटी में मुख्यमंत्री, नेता विपक्ष और हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस होते हैं. वर्तमान में योगी सरकार ने लोकायुक्त का कार्यकाल पूरा होने के बाद भी इस मामले में कोई पहल अभी तक नहीं की है.
जबकि जस्टिस संजय मिश्रा का लोकायुक्त के पद पर कार्यकाल जनवरी 2024 में ही पूरा हो चुका है. फिर भी योगी सरकार ने नए लोकायुक्त की नियुक्ति के लिए कमेटी की बैठक बुलाने की पहल नहीं की.जबकि फरवरी 2024 में उत्तर प्रदेश सरकार ने लोकायुक्त और उप लोकायुक्तों का कार्यकाल 8 साल से घटाकर 5 साल (या 70 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो) करने का फैसला जरूर लिया.
इस फैसले के चलते ही अब सपा नेता यह कह रहे हैं कि प्रदेश सरकार लोकायुक्त का कार्यकाल कम करने का फैसला लेने में देर नहीं करते लेकिन इस पद पर किसी की नियुक्ति करने का फैसला लेने में तेजी नहीं दिखा रही. वही दूसरी तरफ लोकायुक्त जस्टिस संजय मिश्रा ने विधानसभा में 2024 की जो वार्षिक रिपोर्ट रखी है, उस रिपोर्ट के अनुसार, लोकायुक्त ने वर्ष 2024 में 2,131 मामलों का निस्तारण किया और वर्तमान में लोकायुक्त के पास कुल लंबित 4,484 मामले हैं जिनकी वह जांच कर रहे हैं.