उप्र राज्य विधि आयोग ने जनसंख्या नियंत्रण कानून के मसौदे की रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी

By भाषा | Published: August 17, 2021 06:04 PM2021-08-17T18:04:47+5:302021-08-17T18:04:47+5:30

UP State Law Commission submitted the report of the draft population control law to the Chief Minister | उप्र राज्य विधि आयोग ने जनसंख्या नियंत्रण कानून के मसौदे की रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी

उप्र राज्य विधि आयोग ने जनसंख्या नियंत्रण कानून के मसौदे की रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी

उत्‍तर प्रदेश राज्‍य विधि आयोग के अध्यक्ष ने उत्तर प्रदेश जनसंख्या नियंत्रण, स्थिरीकरण और कल्याण विधेयक-2021 के मसौदे के साथ अपनी रिपोर्ट मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ को सौंपी है। हालांकि, यह अभी स्पष्ट नहीं है कि उत्तर प्रदेश विधान मंडल के मौजूदा मॉनसून सत्र में विधेयक पेश किया जाएगा या नहीं। प्रदेश सरकार के विधि एवं न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक से इस मसले पर जब 'पीटीआई-भाषा' ने संपर्क किया तो उन्होंने किसी प्रकार की टिप्‍पणी करने से इनकार कर दिया। उत्तर प्रदेश विधि आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) ए एन मित्तल ने मंगलवार को 'पीटीआई-भाषा' से कहा, "रिपोर्ट कल (सोमवार को उप्र के मुख्यमंत्री को) सौंपी गई।" रिपोर्ट के कुछ मुख्य बिंदुओं के अनुसार, आयोग ने दो बच्चों के परिवार या एक बच्चे के मानदंड की नीति का पालन करने वालों को प्रोत्साहित करने की संस्तुति की है मसलन ऐसे लोगों के लिए विशिष्ट कार्ड जारी किया जाना चाहिए। आयोग ने यह भी प्रस्तावित किया है कि स्कूली पाठ्यक्रम में जनसंख्या नियंत्रण का विषय दिया जाना चाहिए ताकि उचित शिक्षा के साथ-साथ स्कूली उम्र के बच्चों को मार्गदर्शन भी दिया जा सके। रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण और स्थिरीकरण के संबंध में विशेष कानून बनाया जाना चाहिए। किसी भी नीति की सफलता प्रोत्साहन और हतोत्साहन पर निर्भर करती है, इसलिए जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए दो बच्चों के मानदंड को अपनाने वाले लोक सेवकों को कुछ प्रोत्साहन और एक बच्चे की नीति अपनाने वाले को अतिरिक्त प्रोत्साहन प्रदान किए जाने चाहिए। इसमें कहा गया है कि राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित एकमुश्त राशि के रूप में केवल एक बच्चा होने वाले विवाहित जोड़ों को विशेष लाभ प्रदान किया जाना चाहिए। जो दो बच्‍चों के मानदंड का पालन नहीं करता है उसे किसी भी तरह की छूट का लाभ नहीं दिया जाना चाहिए। आयोग ने नीति का पालन नहीं करने वाले व्यक्ति को जिला पंचायत व स्‍थानीय निकाय के चुनाव लड़ने पर प्रतिबंधित करने की संस्तुति की है। गौरतलब है कि इस विधेयक का मसौदा पिछले महीने जारी कर आयोग ने आपत्तियां और सुझाव मांगे थे। आयोग के सूत्रों का कहना है कि इसमें करीब नौ हजार लोगों ने अपने सुझाव दिये हैं और इनमें अधिकांश लोग प्रस्तावित कानून के पक्ष में हैं।

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Web Title: UP State Law Commission submitted the report of the draft population control law to the Chief Minister

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