लखनऊः समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया शुक्रवार को लखनऊ में थे. इस दौरान उन्होंने प्रदेश में पुलिस द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार का उल्लेख करते हुए योगी सरकार पर निशाना साधा. इसके साथ ही उन्होंने सूबे के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को दिल्ली के वाई-फ़ाई का पासवर्ड बताया. तो केशव प्रसाद मौर्य ने भी पलटवार करते हुए अखिलेश यादव को कांग्रेस का मोहरा बता दिया. अखिलेश यादव और केशव प्रसाद मौर्य के बीच बीते एक माह से चल रहे इस तरह के आरोप और प्रत्यारोप के चलते सूबे की राजनीति गरमा गई है.
कहा जा रहा है कि इन दोनों नेताओं के बीच यह जंग अभी जारी रहेगी क्योंकि केशव प्रसाद मौर्य इस वक्त अपने पार्टी संगठन में वर्चस्व की लड़ाई लड़ रहे हैं. जिसके चलते वह पार्टी में संगठन को बड़ा और सरकार को छोटा बताकर अपने कद को बढ़ाने में जुटे हैं. इसके लिए वह अखिलेश यादव के हर कथन का तुरंत ही जवाब दे रहे हैं.
यही वजह है कि शुक्रवार को जैसे ही अखिलेश यादव ने यह कहा कि केशव प्रसाद मौर्य दिल्ली वाई-फाई का पासवर्ड हैं, वह दिल्ली का मोहरा हैं. तो केशव प्रसाद मौर्य ने जवाबी हमला करते हुए यह कहा कि सपा बहादुर कांग्रेस का मोहरा हैं, और वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को लेकर कोई गलतफहमी न रखें.
ऐसा नहीं है कि केशव प्रसाद मौर्य और सपा मुखिया अखिलेश यादव के बीच इस तरह ही तीखी बयानबाजी पहली बार हुई है. बीते लोकसभा चुनाव में भाजपा को यूपी में मिली शिकस्त के बाद से ही सपा के नेता लगातार यूपी में भाजपा की हार को लेकर तंज कस रहे थे.
इसी क्रम में केशव प्रसाद मौर्य ने यह कहा कि सरकार से बड़ा संगठन होता है. उनके इस बयान को आधार बनाकर अखिलेश यादव ने सौ लाओ सरकार बनाओं मानसून आफ़र लिखकर तंज़ कसा तो पूरी भाजपा ही अखिलेश यादव को निशाने पर लेगी लगी.
केशव को लेकर यह बोला अखिलेश ने
भाजपा के ऐसे आरोपों का जवाब देने के लिए ही अखिलेश यादव ने पार्टी मुख्यालय में मीडियाकर्मियों से वार्ता करते हुए केशव प्रसाद मौर्य को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा है कि हमने सुना, केशव प्रसाद मौर्य दिल्ली का पासवर्ड हैं. वह दिल्ली के मोहरे हैं. यह कहते हुए अखिलेश यादव ने भाजपा के भीतर चल रही राजनीति पर निशाना साधा.
भाजपा में चुनावी शिकस्त को लेकर बहुत खींचतान हो रही हैं. तमाम नेता हार के कारणों पर अपने-अपने विचार पार्टी के शीर्ष नेताओं को बता चुके हैं. अब दिल्ली में सीएम योगी और उनके दोनों उप मुख्यमंत्रियों के साथ इस मामले में पार्टी के केंद्रीय नेताओं से विचार-विमर्श होना है. जिसका संज्ञान लेते हुए ही अखिलेश यादव शुक्रवार को यह सियासी दांव चला है.
केशव प्रसाद मौर्य ने किया पलटवार
सपा मुखिया के किए गए तंज़ पर केशव प्रसाद मौर्य ने भी पलटवार करते हुए सपा मुखिया को कांग्रेस का पिछलग्गू बताने के प्रयास किया है. केशव का कहना है कि अखिलेश यादव कांग्रेस का मोहरा हैं. इससे अधिक वह कुछ नहीं हैं. इसलिए कांग्रेस का मोहरा बन चुके सपा बहादुर अखिलेश यादव जी भाजपा को लेकर गलतफहमी न पालें. केशव प्रसाद ने अखिलेश यादव को सलाह दी कि अति पिछड़ों को निशाना बनाने और उन्हें अपमान करने की जगह सपा को समाप्त होने से बचाने पर ध्यान दें. भाजपा 2027 में 2017 दोहराएगी. कमल खिला है, खिलेगा, खिलता रहेगा. फिलहाल केशव प्रसाद और अखिलेश यादव के बीच एक दूसरे के खिलाफ आरोपों की दागी जा रही बयानों की मिसाइलों के चलते सूबे की राजनीति गरमाई हुई है.