UP: ट्रैफिक रूल्स तोड़ने में नोएडा पहले और लखनऊ दूसरे स्थान पर, राज्य में दस माह में 1.27 करोड़ लोगों का चालन, इनमें एक भी पुलिसवाला नहीं

By रुस्तम राणा | Updated: December 4, 2025 18:42 IST2025-12-04T18:39:57+5:302025-12-04T18:42:40+5:30

इस रिकॉर्ड पर सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ ने गर्व करते हुए उसे यूपी की खुशहाली से जोड़ा था, लेकिन अब यूपी के लोगों ने दस माह के भीतर ट्रैफिक रूल्स तोड़ने का ही रिकॉर्ड बना दिया है. 

UP: Noida ranks first and Lucknow second for violating traffic rules; 12.7 million people were fined in the state in ten months, not a single policeman among them | UP: ट्रैफिक रूल्स तोड़ने में नोएडा पहले और लखनऊ दूसरे स्थान पर, राज्य में दस माह में 1.27 करोड़ लोगों का चालन, इनमें एक भी पुलिसवाला नहीं

UP: ट्रैफिक रूल्स तोड़ने में नोएडा पहले और लखनऊ दूसरे स्थान पर, राज्य में दस माह में 1.27 करोड़ लोगों का चालन, इनमें एक भी पुलिसवाला नहीं

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में 24 करोड़ से अधिक की आबादी रहती है. सूबे की इस आबादी में से बीते साल 4.43 लाख लोगों ने कारों की खरीद कर एक नया रिकॉर्ड बनाते हुए गुजरात और तमिलनाडु जैसे राज्यों को  कारों की खरीद के मामले में पीछे छोड़ दिया था. इस रिकॉर्ड पर सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ ने गर्व करते हुए उसे यूपी की खुशहाली से जोड़ा था, लेकिन अब यूपी के लोगों ने दस माह के भीतर ट्रैफिक रूल्स तोड़ने का ही रिकॉर्ड बना दिया है. 

राज्य के परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, गत 01 जनवरी से 27 अक्टूबर तक प्रदेश भर में 1 करोड़ 27 लाख 82 हजार 501 लोगों का ट्रैफिक रूल्स को तोड़ने के कारण ई-चालान हुआ है. राज्य में लोगों के द्वारा ट्रैफिक रूल्स को तोड़ने का यह जो रिकॉर्ड बना है, इसके बारे में सूबे के परिवहन मंत्री दयशंकर सिंह कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. वह कह रहे हैं कि जिनका ट्रैफिक रूल्स  तोड़ने के लिए ई-चालान हुआ है, वह जल्द से जल्द चालान का भुगतान कर दें. 

परिवहन मंत्री का कहना है

परिवहन मंत्री की इस अपील को लोग कितना मानेंगे? इसके लेकर कई सवाल उठाए जा रहे हैं. कहा जा रहा हैं कि यूपी के सससे प्रमुख शहरों जैसे की गौतमबुद्धनगर (नोएडा), लखनऊ, गाजियाबाद, आगरा, अलीगढ़, कानपुर, अयोध्या में रहने वाले लोग ही सबसे अधिक ट्रैफिक रूल्स तोड़ रहे हैं. परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, ट्रैफिक रूल्स तोड़ने के मामले में गौतमबुद्धनगर (नोएडा) पहले और लखनऊ दूसरे तथा  गाजियाबाद तीसरे स्थान पर है. 

यूपी के ये तीन प्रमुख शहर दुनिया भर में अपने हुनर और कारोबार के बारे में विख्यात हैं. इसके बाद भी इन शहरों में इस साल 27 अक्टूबर तक 10-10 लाख से ज्यादा चालान हुए हैं. नोएडा में 19,36,710, लखनऊ में 12,30,084 और गाजियाबाद में 10,58,363 हुए ई-चालान का ब्यौरा जारी किया गया है. 

ट्रैफिक रूल्स तोड़ने के मामले में चौथे नंबर पर आगरा जिला है, यहां 9.28 लाख चालान हुए हैं. पांचवें नंबर पर अलीगढ़ और छठे नंबर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी का नंबर है. ट्रैफिक रूल्स तोड़ने के मामले में सबसे नीचले स्थान पर बलरामपुर, बस्ती, कन्नौज, औरैया और कुशीनगर आदि हैं. परिवाहन विभाग के अफसरों के अनुसार सूबे में ट्रैफिक रूल्स तोड़ने के अधिकांश मामले ओवरस्पीडिंग. 

हेलमेट और सीट बेल्ट न लगाने के हैं. परिवहन मंत्री कहते हैं कि इस साल अब तक हुए सवा करोड़ से अधिक ई-चालान में 63 लाख से अधिक बिना हेलमेट स्कूटर और मोटरसाइकिल चलाने वालों के है. यह हाल भी तब है जबकि राज्य में बिना हेलमेट पेट्रोल और डीजल दो पहिया वाहन में ना डालने का आदेश है. लेकिन बिना हेलमेट स्कूटर और मोटर साइकिल चलाने वालों के हुए चालान से यह जाहिर होता है कि लोग हेलमेट के महत्व को लेकर जागरूक नहीं हैं. इस तरफ ध्यान देने की जरूरत है. 

चालान में पुलिसकर्मियों का ब्यौरा नहीं

परिवहन विभाग के द्वारा ट्रैफिक रूल्स तोड़ने के मामले में हुए ई-चालान का जो ब्यौरा जारी किया गया, उसमें यह नहीं बताया गया है कि इस साल ट्रैफिक रूल्स तोड़ने के मामले में कितने पुलिसकर्मियों का चालान हुआ है. इस संबंध में यातायात निदेशालय ने कोई जानकारी नहीं दी है। कहा जा रहा है कि ई-चालान सड़क किनारे लगाए गए सीसीटीवी से ट्रैफिक रूल्स तोड़ने वाले वाहन की ली गई फोटो के जरिए किया जाता है. 

चूंकि ई-चालान में गाड़ी का नंबर ही दर्ज होता है और यातायात निदेशालय के पुलिसकर्मी अपने विभाग की ट्रैफिक  रूल्स तोड़ने वाली गाड़ियों को देखकर  उनका चालना जारी नहीं करते. फिलहाल राज्य में सवा करोड़ से अधिक हुए ई-चालान में पुलिसकर्मी के चालान का आंकड़ा न होना चर्चा का विषय बना हुआ है.     

लखनऊ में 9000 वाहनों की आरसी सस्पेंड 

ट्रैफिक रूल्स तोड़ने के मामले में परिवहन विभाग ने एक ही आदेश में लगभग 9000 वाहनों का रजिस्ट्रेशन (आरसी) सस्पेंड कर दिया है. इन लोगों ने कई बार ट्रैफिक रूल्स तोडा है और अभी तक चालान का भुगतान नहीं किया है. इस नाते इनकी आरसी  सस्पेंड की गई है. आरसी  सस्पेंड होने के बाद अब इन वाहनों का न इंश्योरेंस कराया जा सकता है, न सर्विस बुक में कोई अपडेट होगा और न ही वाहन की बिक्री संभव है. इतना ही नहीं यदि यह गाड़ियां सड़क पर दिखीं तो उन्हें मौके पर ही सीज कर दिया जाएगा. 

परिवहन विभाग के अफसरों का कहना है कि अब एसी ही कार्रवाई अन्य जिलों में की जाएगी ताकि लोग ट्रैफिक रूल्स तोड़ने से बचें.लखनऊ के  एडीसीपी ट्रैफिक अशोक कुमार सिंह कहते हैं कि आरसी सस्पेंड होना सिर्फ शुरुआत है. जिन वाहनों की आरसी निलंबित है,यदि वे सड़क पर पाई गईं, तो उन्हें जब्त कर लिया जाएगा. जुर्माना भरते ही इन वाहनों की स्वतः बहाल हो जाएगी. 

Web Title: UP: Noida ranks first and Lucknow second for violating traffic rules; 12.7 million people were fined in the state in ten months, not a single policeman among them

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