UP MLC Elections 2022: उत्तर प्रदेश विधान परिषद की 27 सीटों के लिए आज मतदान हुआ। कुल 36 सीट पर चुनाव हो रहा था। लेकिन 9 बीजेपी एमएलसी निर्विरोध चुने गए हैं। उत्तर प्रदेश विधान परिषद के द्विवार्षिक चुनाव में शनिवार को शाम चार बजे तक मतदान समाप्त हो गया और कुल 98.11 प्रतिशत मतदान हुआ।
विधान परिषद चुनाव में सपा और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला है, क्योंकि कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी ने कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है। हालांकि, कुछ निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में हैं। मतों की गिनती 12 अप्रैल को होगी। उत्तर प्रदेश विधानमंडल के उच्च सदन की 36 सीटें 35 स्थानीय अधिकारियों के निर्वाचन क्षेत्रों में फैली हुई हैं।
राज्य की 100 सदस्यीय विधान परिषद में इस समय भाजपा के 34, जबकि सपा के 17, बसपा के चार और कांग्रेस, अपना दल (सोनेलाल) व निषाद पार्टी के एक-एक सदस्य हैं। वहीं, शिक्षक दल के दो, जबकि निर्दल समूह का एक और एक निर्दलीय सदस्य भी विधान परिषद में मौजूद है। राज्य विधान परिषद की 36 सीटें सात मार्च को संबंधित सदस्यों का कार्यकाल समाप्त होने के कारण रिक्त हो गई थीं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपना वोट डालने वाले शुरुआती मतदाताओं में से एक थे। हालांकि, समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव मैनपुरी में अपना वोट नहीं डाल सके, क्योंकि मथुरा-एटा-मैनपुरी स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्र से दो एमएलसी निर्विरोध चुने गए हैं। सैफई मतदान केंद्र पर सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव, सपा के प्रमुख राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने मतदान किया।
भारत निर्वाचन आयोग के अनुसार, राज्य में शाम चार बजे तक औसतन 98.11 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया, जिसमें गोरखपुर में सबसे कम 96. 50 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि रायबरेली निर्वाचन क्षेत्र में सबसे अधिक 99.35 प्रतिशत मतदान हुआ। उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय के अनुसार, चुनाव मैदान में 95 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं। कार्यालय के मुताबिक, विधान परिषद चुनाव में 739 मतदान केंद्रों पर मतदान हुआ, जिसमें 1,20,657 मतदाता हैं।
चुनाव कार्यालय के मुताबिक, जिन स्थानीय निकाय निर्वाचन क्षेत्रों के लिए मतदान हो रहा है, उनमें मुरादाबाद-बिजनौर, रामपुर-बरेली, पीलीभीत-शाहजहांपुर, सीतापुर, लखनऊ-उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर, बाराबंकी, बहराइच, गोंडा, फैजाबाद, बस्ती-सिद्धार्थनगर, गोरखपुर-महाराजगंज, देवरिया, आजमगढ़-मऊ, बलिया, गाजीपुर, जौनपुर, वाराणसी, इलाहाबाद, झांसी-जालौन-ललितपुर, कानपुर-फतेहपुर, इटावा-फरुखाबाद, आगरा-फिरोजाबाद, मेरठ-गाजियाबाद और मुजफ्फरनगर-सहारनपुर शामिल हैं। ये 27 सीटें 58 जिलों में फैली हुए हैं।
वहीं, आठ स्थानीय प्राधिकरणों के निर्वाचन क्षेत्रों से नौ विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) निर्विरोध चुने गए हैं। योगी ने एक अप्रैल को पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था, ‘‘वर्तमान में प्रदेश की 36 सीटों पर विधान परिषद चुनाव हो रहे हैं। इनमें से नौ सीटों पर भाजपा निर्विरोध जीत चुकी है। अगर ये सभी 36 सीटें भाजपा की झोली में आती हैं तो यह मानकर चलिए कि विधान परिषद में पार्टी के दो-तिहाई से अधिक सदस्य होंगे।’’ उन्होंने कहा था कि विधानसभा के बाद विधान परिषद में भी दो-तिहाई से अधिक बहुमत मिलने पर भाजपा को प्रदेश में विकास कार्यों तथा गरीबों से जुड़ी कल्याणकारी योजनाओं को आगे बढ़ाने में किसी भी तरह की बाधा का सामना नहीं करना पड़ेगा।
इस बीच, मैनपुरी में समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष देवेंद्र सिंह यादव ने बताया, ‘‘अखिलेश यादव ने अपना वोट नहीं डाला, क्योंकि इस सीट से एमएलसी निर्विरोध चुने गए हैं।’’ अखिलेश यादव करहल विधानसभा क्षेत्र (मैनपुरी जिले में) से विधायक हैं और मथुरा-एटा-मैनपुरी स्थानीय प्राधिकरण के निर्वाचन क्षेत्र से मतदाता हैं। इटावा से मिली खबर के अनुसार अस्वस्थता के चलते कार से मतदान केंद्र सैफई के अंदर पहुंच कर सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने मतदान किया।