यूपी: 'लव जिहाद' के दो चेहरे! एक मामले में शख्स को जेल, दूसरे में पुलिस ने महिला को पहुंचाया पति के घर
By विनीत कुमार | Updated: December 8, 2020 10:05 IST2020-12-08T09:50:11+5:302020-12-08T10:05:16+5:30
जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ कानून के तहत उत्तर प्रदेश में लगभग एक ही तरह के दो मामलों में पुलिस की अलग तरीके से कार्रवाई देखने को मिली है। ये मामले बरेली और मुरादाबाद से जुड़े हैं।

'लव जिहाद' के खिलाफ कानून के तहत अलग-अलग कार्रवाई! (फाइल फोटो)
उत्तर प्रदेश में जबरन धर्म-परिवर्तन के खिलाफ बना कानून लगातार चर्चा में है। अध्यादेश के लागू होने के बाद पिछले 9 दिनों में पुलिस ने 5 केस दर्ज किए हैं। हालांकि, अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या पुलिस इन मामलों में अलग-अलग तरीके से कार्रवाई कर रही है। दरअसल 24 घंटे के अंतराल के बीच ही दो अलग-अलग ऐसे मामले आए हैं जिसमें पुलिस की कार्रवाई में विरोधाभास नजर आता है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार शनिवार को बरेली में पुलिस ने एक पिता की शिकायत पर विचार नहीं किया जिसमें उन्होंने अपनी बेटी के एक हिंदू शख्स से शादी करलेने की बात कही थी। पुलिस ने कहा कि उन्होंने महिला के बयान को तवज्जो दी जिसमें उसने कहा था कि उसकी शादी कानून आने से पहले सितंबर में ही हो गई थी।
वहीं, रविवार को मुरादाबाद में पुलिस ने एक मुस्लिम शख्स को इसी धर्म-परिवर्तन के खिलाफ बने कानून के तहत गिरफ्तार किया और जेल में डाल दिया। यहां भी शख्स की पत्नी ये कह रही है कि उनकी शादी जुलाई में हुई थी। जिस मुस्लिम शख्स की शादी हुई थी, उसके भाई को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया है।
बरेली और मुरादाबाद पुलिस की कार्रवाई में अंतर
बरेली में पुलिस ने कहा कि उन्होंने महिला को उसके पति के घर छोड़ दिया है। वहीं, मुरादाबाद में पुलिस ने बताया कि महिला को स्टेट प्रोटेक्शन होम में रखा गया है।
दरअसल, शनिवार को 22 साल की अलीशा के पिता शाहिद मियां ने बरेली के प्रेम नगर पुलिस स्टेशन में ये शिकायत दर्ज कराने पहुंचे थे कि उनकी बेटी का तीन लोगों ने अपहरण कर लिया है। इसमें उस एक कंपनी के मालिक मनोज कुमार सक्सेना का भी नाम शामिल है जहां वह काम करती थी।
इसके अलावा अलीशा से शादी करने वाले सिद्धार्थ सक्सेना उर्फ अमन (24) और उनकी बहन चंचल का भी नाम एफआईआर में शामिल है। सभी तीनों बरेली के रहने वाले हैं।
पिता ने अपने एफआईआर में कहा कि उनकी बेटी 1 दिसंबर को अपने ऑफिस से बचे हुए कुछ पैसों को लेने के लिए घर से निकली थी और फिर वापस नहीं लौटी। इसके बाद उसका फोन भी बंद आ रहा था। तब वे उसके ऑफिस पहुंचे लेकिन सक्सेना ने कोई जानकारी नहीं दी।
शाहिद मियां के अनुसार अमन पर लगातार उनकी बेटी पर शादी के लिए दबाव बना रहा था। इसके कारण उनकी बेटी ने काम पर जाना बंद कर दिया था। इस पूरे मामले पर पुलिस अधिकारी अवनीश कुमार ने बताया कि एफआईआर के बाद अलीशा पुलिस स्टेशन आई थी और उसने बताया कि वो बालिग है। साथ ही उसने अपहरण की बात को भी गलत बताया।
अवनीश कुमार के अनुसार, 'लड़की ने हमसे कहा कि उसने अमन से आर्य समाज मंदिर में 29 सितंबर को शादी थी लेकिन उन्होंने इस बात को अपने परिवार वालों से छिपा कर रखा। लड़की के पास शादी से जुड़े दस्तावेज थे।'
पुलिस के अनुसार अलीशा का मेडिकल परीक्षण भी हुआ और उसने मजिस्ट्रेट के सामने भी वही बयान दिया जो उसने पुलिस को बताया था। पुलिस का कहना है कि इन्होंने कोई कानून नहीं तोड़ा क्योंकि पिता ने भी अपनी शिकायत में धर्म परिवर्तन कराए जाने की बात नहीं कही थी।
वहीं, पिता का कहना है कि शादी बिना धर्म परिवर्तन के हो ही नहीं सकती थी। पिता ने साथ ही कहा कि उन्होंने पुलिस से नए कानून के तहत पूरे मामले को देखने की गुजारिश की थी। नए कानून के तहत कार्रवाई क्यों नहीं हुई, इस पर सर्कल ऑफिसर, सिटी (बरेली), दिलीप सिंह ने कहा कि शादी सितंबर में हुई है जब ये कानून आया भी नहीं था।
मुरादाबाद में क्या है कहानी
मुरादाबाद में रविवार को राशिद अली (22) को कांठ क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया। राशिद को उस समय गिरफ्तार किया गया जब वो पिंकी (22) के साथ अपनी शादी के रजिस्ट्रेशन के लिए जा रहा था। इनके साथ राशिद का 25 साल का भाई सलीम अली भी था और इसलिए उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया।
बिजनौर की रहने वाली पिंकी के परिवार का कहना है कि राशिद ने शादी के द्वारा जबरन उनकी बेटी का धर्म परिवर्तन कराया है। वहीं, पत्रकारों से बात करते हुए पिंकी ने कहा कि उसकी शादी राशिद से 24 जुलाई को हुई थी। पिंकी ने कहा कि शादी के बाद से ही वो मुरादाबाद में रह रही है और अपनी इच्छा से उन्होंने शादी की है।

