UP Ki Taja Khabar: सम्भल में 40 दिन से एक मकान में फंसे हैं दिल्ली के 10 छात्र, पीएम मोदी से लगाई मदद की गुहार

By भाषा | Published: May 3, 2020 05:58 PM2020-05-03T17:58:20+5:302020-05-03T17:58:20+5:30

दिल्ली से आई छात्रा शीतल कश्यप ने बताया कि परीक्षाएं खत्म होने के बाद 23 मार्च को अपने साथ पढ़ने वाले कुछ छात्रों के साथ वह गढ़मुक्तेश्वर घूमने आयी थी।

UP Ki Taja Khabar: 10 students of Delhi are stuck in the same room for 40 days in Sambhal, pleading for help from PM Modi | UP Ki Taja Khabar: सम्भल में 40 दिन से एक मकान में फंसे हैं दिल्ली के 10 छात्र, पीएम मोदी से लगाई मदद की गुहार

UP Ki Taja Khabar: सम्भल में 40 दिन से एक मकान में फंसे हैं दिल्ली के 10 छात्र, पीएम मोदी से लगाई मदद की गुहार

Highlightsदिल्ली वापसी के लिए चंदौसी के उपजिलाधिकारी से बात की गयी तो उन्होंने कहा कि लॉकडाउन 14 अप्रैल तक है और अभी कुछ नहीं हो सकता।वे पिछले 40-45 दिनों से चंदौसी में फंसे हुए हैं, उनके पास भोजन के लिये भी पैसे नहीं हैं।

सम्भल: लॉकडाउन के कारण उत्तर प्रदेश के सम्भल जिले के चंदौसी में फंसे दिल्ली के 10 छात्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद की गुहार की है। कोविड-19 लॉकडाउन के कारण सभी छात्र पिछले करीब 40 दिन से चंदौसी में एक मकान में फंसे हुए हैं। उन्होंने दिल्ली, अपने घर वापसी के लिए अधिकारियों से मदद मांगी थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होने के बाद अब उन्हें प्रधानमंत्री मोदी से ही आस है।

दिल्ली से आई छात्रा शीतल कश्यप ने बताया कि परीक्षाएं खत्म होने के बाद 23 मार्च को अपने साथ पढ़ने वाले कुछ छात्रों के साथ वह गढ़मुक्तेश्वर घूमने आयी थी। उन्होंने बताया कि गढ़मुक्तेश्वर पहुंचने पर पता लगा कि दिल्ली में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है और किसी को वहां जाने की इजाजत नहीं है। शीतल ने बताया कि उन्होंने घबराकर अपने माता—पिता से बात की तो उन्होंने हमें चंदौसी तहसील के असालतपुर जारई गांव में अपने रिश्ते के मामा भगवान दास के यहां जाने को कहा।

शीतल ने बताया कि वहां पहुंचने पर लॉकडाउन घोषित हो गया। छात्रा ने कहा, ‘‘दिल्ली वापसी के लिए चंदौसी के उपजिलाधिकारी से बात की गयी तो उन्होंने कहा कि लॉकडाउन 14 अप्रैल तक है और अभी कुछ नहीं हो सकता। फिर 14 अप्रैल को बात करने पर उन्होंने कहा कि अभी भी दिल्ली जाना संभव नहीं है।’’ शीतल ने बताया कि हमारे पास जो पैसे थे वो भी ख़त्म हो गए, फिर हमने कुछ समय खेत में गेंहू काटकर 150-200 रुपए कमाये ताकि गरीब मामा पर ज्यादा बोझ ना पड़े। उन्होंने बताया कि एक मई को प्रशासन के एक और आला अफसर से बात हुई लेकिन उन्होंने भी हमें दिल्ली भेजने के लिए कोई संजोषजनक उत्तर नहीं दिया।

शीतल के साथ—साथ उनकी सहपाठी श्रुति तथा अन्य छात्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि वे पिछले 40-45 दिनों से चंदौसी में फंसे हुए हैं, उनके पास भोजन के लिये भी पैसे नहीं हैं, कृपया उन्हें घर पहुंचवा दें। इस बीच, चंदौसी के उपजिलाधिकारी महेश चन्द्र दीक्षित ने बताया कि छात्रों से उनकी से एक—दो बार बात हुई थी।

उन्होंने उनसे कहा कि उनके पास सिर्फ जिले में ही आवागमन का पास देने का अधिकार है, वे इस मामले में अपर जिलाधिकारी के पास ऑनलाइन आवेदन करें, अगर कोई दिक्कत हो तो सबका चंदौसी रहने का इंतजाम कर दिया जाएगा, मगर छात्रों ने कहा कि वे दिल्ली ही जाना चाहते हैं। वहीं, जिला अधिकारी अविनाश कृष्ण सिंह ने इस बारे में पूछे जाने पर कहा कि वह इस मामले के बारे में पता करेंगे।

Web Title: UP Ki Taja Khabar: 10 students of Delhi are stuck in the same room for 40 days in Sambhal, pleading for help from PM Modi

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