UP Election 2022: 5 साल बाद एक 'रथ' पर सवार हुए सपा के तीनों दिग्गज अखिलेश, मुलायम, शिवपाल, अपने गढ़ इटावा में दिखाई ताकत
By अनिल शर्मा | Published: February 18, 2022 08:44 AM2022-02-18T08:44:38+5:302022-02-18T09:11:40+5:30
विधानसभा चुनाव 2016 में अखिलेश ने पारिवारिक विवाद के चलते अपने चाचा शिवपाल को समाजवादी पार्टी से बाहर निकलने का रास्ता दिखाया था। बाद में शिवपाल ने अपनी खुद की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) बनाई। हालांकि, पीएसपी 2019 के लोकसभा चुनाव में राज्य में एक भी सीट जीतने में नाकाम रही थी।
इटावा: दो चरणों के मतदान के बाद उत्तर प्रदेश में प्रचार अभियान तेज हो गया है। इटावा से एक दिलचस्प तस्वीर सामने आई है जहां समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव, उनके पिता मुलायम सिंह यादव और उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव को पांच साल से अधिक समय के बाद पहली बार प्रचार अभियान में एक साथ देखा गया। तीनों आखिरी बार 2017 के चुनाव से पहले अक्टूबर 2016 में लखनऊ में "समाजवादी विकास रथ" को हरी झंडी दिखाने के दौरान नजर आए थे।
विधानसभा चुनाव 2016 में अखिलेश ने पारिवारिक विवाद के चलते अपने चाचा शिवपाल को समाजवादी पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया था। बाद में शिवपाल ने अपनी खुद की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) बनाई। हालांकि, पीएसपी 2019 के लोकसभा चुनाव में राज्य में एक भी सीट जीतने में नाकाम रही थी। शिवपाल सिंह यादव की पार्टी अब अखिलेश यादव के नेतृत्व वाले गठबंधन का हिस्सा है। अखिलेश और शिवपाल के बीच दरार पिछले साल आधिकारिक तौर पर समाप्त हो गई थी। दोनों भाजपा को हराने के लिए सारे झगड़े खत्म कर हाथ मिला लिया। हालांकि इसके बाद से दोनों नेताओं को कभी भी साथ में स्टेज शेयर करते नहीं देखा गया। हालांकि गुरुवार को वो मौका बना।
कभी सपा का गढ़ माने जाने वाले इटावा में अखिलेश यादव और शिवपाल दोनों ने न सिर्फ मंच साझा किया बल्कि एक-दूसरे को स्वीकार भी किया। अखिलेश ने कहा, ''चाचा (शिवपाल सिंह यादव) की वापसी से आगामी विधानसभा चुनाव में हमारी ताकत मजबूत होगी और यूपी चुनाव में बीजेपी को हराने में मदद मिलेगी।'' गुरुवार को समाजवादी पार्टी के ''समाजवादी विजय रथ'' की शुरुआत इटावा के लायन सफारी से हुई। रथ के आंदोलन के दौरान, शिवपाल और मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी और उसके गठबंधन के लिए प्रचार किया। मुलायम ने मैनपुरी जिले के करहल निर्वाचन क्षेत्र में भी एक रैली की, जहां अखिलेश यादव अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं।
दो चरणों के मतदान के रूप में 10 और 14 फरवरी को समाप्त हो गया है, शेष पांच चरणों के लिए मतदान 20 फरवरी, 23, 27 और 3 मार्च और 7 मार्च को होगा। मतों की गिनती 10 मार्च को होगी। उत्तर प्रदेश में 2017 के विधानसभा चुनाव में, भारतीय जनता पार्टी को उत्तर प्रदेश की 403 सीटों वाली विधानसभा में से 312 सीटें मिलीं, जबकि समाजवादी पार्टी (सपा) को 47, बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) को 19 और कांग्रेस को केवल सात सीटें मिलीं। बाकी सीटों पर अन्य उम्मीदवारों ने कब्जा जमाया था।