UP Elections 2022: क्या यूपी चुनाव में है भाजपा-सपा में टक्कर और बाकी पार्टियां हैं बेअसर?
By शीलेष शर्मा | Published: February 20, 2022 08:05 PM2022-02-20T20:05:51+5:302022-02-20T20:07:14+5:30
अधिकांश विश्लेषकों का मानना है की प्रदेश में पूरा चुनाव सपा और भाजपा पर आ कर अटक गया है।
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा और सपा के बीच हो रहे कड़े मुकाबले में कांग्रेस, बसपा और असुद्दीन ओवैसी की पार्टी खोई हुई नजर आ रही है। राजनीतिक विश्लेषक और टीवी चैनलों पर इन दलों की न तो कोई चर्चा है और न ही इनको चुनावी समर में देख रहे हैं। अधिकांश विश्लेषकों का मानना है की प्रदेश में पूरा चुनाव सपा और भाजपा पर आ कर अटक गया है। लेकिन कांग्रेस इस तर्क को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है।
पार्टी के महासचिव रणदीप सुरजेवाला का दावा कि कांग्रेस उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन करेगी। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कांग्रेस की साख को बचाने के लिए जहाँ ऐंढ़ी चोटी का जोर लगा दिया है वहीं उनकी चिंता अमेठी और रायबरेली में गांधी परिवार की साख को बचाने में भी बनी हुई है।
राहुल गांधी के अमेठी से चुनाव हार जाने के बाद से रायबरेली और अमेठी में कांग्रेस का जनाधार कमजोर हुआ है। अब इसी जनाधार को मज़बूत करने के लिए पिछले दो दिनों से प्रियंका ने अमेठी रायबरेली में डेरा डाल रखा है।
कांग्रेस के आंतरिक सूत्र बताते हैं कि पार्टी को 2017 की तुलना में काफी अधिकल सीटें प्राप्त होंगी। इसके साथ ही मतों का जो प्रतिशत 6. 25 फीसदी था जिसके आधार पर 54,16,540 मत कांग्रेस को मिले थे। इस बार कांग्रेस अपने वोट प्रतिशत में बड़ी उछाल ला कर यह साबित कर देगी कि उसका जनाधार काफी मज़बूत हुआ है जिसका श्रेय प्रियंका गांधी को जाता है।
बसपा प्रदेश की चुनिंदा सीटों पर अपना दांव लगा रही है जिनके जीतने की उम्मीद पार्टी के नेता मायावती को है हालाँकि वे सत्ता में वापसी का दावा कर रही हैं। ओवैसी की पार्टी बिहार की तरह उत्तर प्रदेश में कामयाब होती नहीं दिख रही है और वह महज वोट कटुआ पार्टी साबित हो सकती है जिसका नुकसान सपा, कांग्रेस और बसपा को होगा।