UP Election Result 2022: यूपी की सियासत में जानिए बाहुबलियों के किस्मत कनेक्शन का हाल, कौन जीता और किसे जनता ने नकारा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 10, 2022 10:15 PM2022-03-10T22:15:40+5:302022-03-10T22:26:42+5:30
यूपी चुनाव के सियासत में खेले गये हार-जीते के इस खेल में कई बाहुबली भी अपनी किस्मत का दाव खेल रहे थे। इनमें से कुछ के नसीब ने साथ दिया और विधानसभा के दरवाजे उनके लिए खुल गये हैं। वहीं कुछ को जनता ने चुनावी मैदान में वोट न देकर चित कर दिया है।
दिल्ली: उत्तर प्रदेश चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने तमाम आशंकाओं को दरकिनार करते हुए सत्ता पर अपना कब्जा बनाये रखा वहीं तमाम तरह की संभावनों के बीच समाजवादी पार्टी को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा।
हार-जीते के इस सियासी खेल में कई बाहुबली भी अपनी किस्मत का दाव खेल रहे थे। इनमें से कुछ के नसीब ने साथ दिया और विधानसभा के दरवाजे उनके लिए खुल गये हैं। वहीं कुछ को जनता ने चुनावी मैदान में वोट न देकर चित कर दिया है।
सबसे पहले बात करते हैं बांदा जेल में बंद पूर्वांचल के माफिया डॉन मुख्तार अंसार के बेटे की। मुख्तार के बेटे अब्बास अंसारी मुख्तार की पारंपरिक सीट मऊ सदर पर सुभासपा के टिकट पर खड़े थे। पिता के जेल में रहते हुए अब्बास अंसारी ने मऊ सदर से पर्चा भरा और जनता ने उन्हें वोट देकर लखनऊ विधानसभा पहुंचा दिया है। अब्बास अंसारी को 1 लाख 24 हजार 591 वोट मिले, जबकि उनके निकटतम विरोधी भाजपा के अशोक सिंह को महज 86 हजार 575 वोटों से संतोष करना पड़ा। बसपा के भीम राजभर 44 हजार 516 वोट लेकर तीसरे नम्बर पर रहे।
भदोही के बाहुबली विजय मिश्रा को जनता ने नकार दिया है। इससे पहले विजय मिश्रा निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर 2017 का विधानसभा चुनाव जीते थे। ज्ञानपुर विधानसभा सीट से भाजपा के सहयोगी दल निषाद पार्टी से लड़ रहे विपुल दूबे ने बाजी मारी है। विपुल दुबे को 72230 वोट मिले हैं, वहीं सपा के राम किशोर बिंद दूसरे नंबर पर रहे और उन्हें 66343 वोट मिले हैं। जबकि प्रमासपा के टिकट पर खड़े बाहुबली विजय मिश्र तीसरे नंबर पर रहे और उन्हें महज 34770 वोटों से संतोष करना पड़ा। बसपा के उपेंद्र सिंह ज्ञानपुर सीट पर कोई करिश्मा न दिखा सके और उन्हें 30664 वोट मिले।
वाराणसी के शिवपुर सेंट्रल जेल में बंद बाहुबली एमएलसी बृजेश सिंह के भतीजे सुशील सिंह ने चंदौली के सैयदराजा विधानसभा सीट से अपने सीट को बरकरार रखा है। भाजपा के सुशील को 87225 वोट मिले हैं, वहीं उनके निकटम प्रतिद्वंदी मनोज कुमार सिंह डब्लू 76260 वोट मिले। सुशील सिंह ने यह चुनाव 10965 वोट से जीता है। इससे पहले भी सुशील सिंह ने साल 2017 में सैयदराजा सीट से बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी विनीत कुमार सिंह को हराया था।
गोरखपुर की चिल्लूपार विधानसभा सीट से भाजपा के राजेश त्रिपाठी ने हरिशंकर तिवारी के बेटे और सपा प्रत्याशी विनय शंकर तिवारी को 21645 मतों से हरा दिया है। हरिशंकर तिवारी चिल्लूपार से 22 वर्षों तक विधायक रहे। विनय शंकर तिवारी ने साल 2017 के चुनाव में बसपा के टिकट पर इस सीट से जीत दर्ज की थी लेकिन इस बार वो मौके की नजाकर को भांपते हुए सपा में चले गये थे लेकिन अकिलेश की साइकिल उनके लिए लकी साबित नहीं हुई। चिल्लूपार से चुनाव जीतने वाले राजेश त्रिपाठी हरिशंकर तिवारी को साल 2007 और साल 2012 में चुनाव हरा चुके हैं। विनय तिवारी को 2022 का चुनाव रहाकर राजेश त्रिपाठी ने साल 2017 में अपनी हार का बदला ले लिया है।
पूर्वांचल के जौनपुर की मल्हनी विधानसभा सीट से बाहुबली धनंजय सिंह को हार का सामना करना पड़ा है। जदयू के टिकट पर चुनाव लड़े रहे धनंजय सिंह को सपा के लकी यादव ने धनंजय सिंह को हरा दिया है। इस सीट पर सपा के लकी यादव को 94677 वोट मिले, जबकि जदयू के धनंजय सिंह दूसरे नंबर पर है और उन्हें 78711 वोट मिला। बसपा के शैलेंद्र यादव 23552 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहे और प्रदेश में सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के प्रत्याशी कृष्ण प्रताप सिंह केपी को महज 8057 वोट मिले।
बाहुबली रघुराज प्रताप सिंह ने प्रतापगढ़ की कुंडा विदानसभा सीट से लगातार सातवीं बार जीत दर्ज की है। सियासी हलके में राजा भैया के नाम से मशहूर रघुराज प्रताप सिंह ने भले ही सपा प्रत्याशी गुलशन यादव को हरा दिया हो, मगर इस बार उनकी जीत का अंतर बहुत कम रहा। राजा भैया को 99612 वोट मिले वहीं सपा के गुलशन यादव को 69297 वोट प्राप्त हुए है।