UP Election 2022: पांच बार के विधायक और पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय बीजेपी में, बसपा प्रमुख मायावती को झटका
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 16, 2022 01:34 PM2022-01-16T13:34:47+5:302022-01-16T13:36:08+5:30
UP Election 2022: पेशे से अधिवक्ता रामवीर उपाध्याय 1996 में पहली बार बसपा के टिकट पर विधानसभा के सदस्य चुने गये और 1997 में मायावती ने उन्हें अपनी सरकार में परिवहन और ऊर्जा मंत्री बनाया।
UP Election 2022: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से त्यागपत्र देने के ठीक एक दिन शनिवार को पांच बार के विधायक एवं पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सदस्यता ग्रहण कर ली। उपाध्याय हाथरस जिले के सादाबाद क्षेत्र से विधानसभा के सदस्य हैं।
भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनीष दीक्षित ने बताया कि बसपा के वरिष्ठ विधायक रामवीर उपाध्याय को ब्रज क्षेत्र के क्षेत्रीय अध्यक्ष रजनीकांत माहेश्वरी ने आगरा में पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराई। दीक्षित ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली राज्य सरकार में जो गरीब कल्याण और लोक कल्याण के कार्य हुए हैं, उससे लोगों का भरोसा बढ़ा है और इसलिए बड़ी संख्या में दूसरे दलों के लोग भाजपा में शामिल हो रहे हैं।
My father has joined BJP. We will make BJP come into power again. My father has applied for a ticket from the Sadabad constituency in the Hathras district but it is upon the party to decide: Chirag Upadhyay, son of former UP minister and BSP MLA Ramveer Upadhyay pic.twitter.com/bDynkGC3uh
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 15, 2022
उन्होंने कहा कि उपाध्याय के भाजपा में शामिल होने से पार्टी को मजबूती मिलेगी। जानकारी के अनुसार पांच बार के विधायक और मायावती तथा कल्याण सिंह के नेतृत्व की बसपा-भाजपा गठबंधन की सरकार में परिवहन और ऊर्जा के अलावा मायावती के नेतृत्व में दो बार और ऊर्जा तथा चिकित्सा शिक्षा जैसे विभागों के मंत्री रह चुके उपाध्याय को भारतीय जनता पार्टी ब्रज क्षेत्र के क्षेत्रीय अध्यक्ष रजनीकांत माहेश्वरी ने उनके शास्त्रीपुरम स्थित आवास पर जाकर उन्हें भाजपा की सदस्यता ग्रहण कराई।
माहेश्वरी ने उपाध्याय को साफा बांधा और पार्टी का पटका पहनाया। अस्वस्थ होने की वजह से उपाध्याय के पुत्र चिराग उपाध्याय उन्हें व्हील चेयर पर लेकर आए और इस मौके पर उनकी पत्नी सीमा उपाध्याय भी मौजूद थीं। शुक्रवार को बसपा नेतृत्व को लिखे पत्र में रामवीर उपाध्याय ने कैडर वोट खिसकने का दावा करते हुए कहा,‘‘ आपने मेरी बताई सच्चाई नकारते हुए मुझे पार्टी से निलंबित कर दिया जिससे मेरी और मेरे समर्थकों की भावना आहत हुई।’’
उन्होंने 25 वर्षों की पार्टी की सेवा का हवाला देते हुए लिखा,‘‘ चूंकि आज बहुजन समाज पार्टी मान्यवर कांशीराम साहब द्वारा बनाए हुए सिद्धांतों एवं आदर्शों से भटक चुकी है, इस कारण मैं बहुजन समाज पार्टी की सदस्यता से त्यागपत्र देता हूं।’’ उपाध्याय ढाई दशक तक बहुजन समाज पार्टी में रहे हैं।
पेशे से अधिवक्ता उपाध्याय 1996 में पहली बार बसपा के टिकट पर विधानसभा के सदस्य चुने गये और 1997 में मायावती ने उन्हें अपनी सरकार में परिवहन और ऊर्जा मंत्री बनाया। बसपा-भाजपा गठबंधन की 1997 की कल्याण सिंह की सरकार में भी वह इसी विभाग के मंत्री बने रहे। 2002 में वह दूसरी बार विधानसभा के सदस्य चुने गये और 2007 में उन्हें तीसरी बार विधानसभा में जाने का मौका मिला। उपाध्याय 2012 और 2017 में भी विधानसभा के सदस्य रहे।