वाराणसी: यूपी इलेक्शन 2022 के अंतिम चरण के मतदान के लिए शनिवार की शाम 6 बजे चुनाव प्रचार थम गया। प्रचार के अंतिम दिन वाराणसी की सड़कों पर दिनभर नेताओं की गाड़ियां घूमती रहीं और साथ चले रहे कार्यकर्ता पूरी जोश में अपनी पार्टी के जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे।
बड़े-बड़े नेता बनारस की जनता से अपने पक्ष में मतदान की अपील कर रहे थे तो पुलिस-प्रशासन भी चुनाव आचार संहिता का पालन करवाने के लिए चाक-चौबंद था।
वाराणसी की सभी सीटों पर भाजपा की जीत सुनिश्चित करने के लिए स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी में टिके हुए हैं। वहीं सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी पीएम मोदी की मौजूदगी में एक बड़ा रोड शो निकालकर वाराणसी की सियासी लड़ाई को दिलचस्प बना दिये हैं।
इसके साथ ही कांग्रेस महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी भी पूरी ताकत के साथ वाराणसी में डंटी रहीं कि कांग्रेस को लड़ाई में बनाये रखा जाए। यही कारण था कि उनके भाई और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी भी पीएम मोदी के आगमन से पहले बाबा विश्वनाथ के दरबार में हाजिरी लगाने के लिए पहुंचे।
भाजपा वाराणसी की आठों विधानसभा पर दोबारा परचम लहराने का दम्भ भर रही है तो सपा और कांग्रेस उसके गढ़ को भेदने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। फिलहाल सभी दलों के प्रत्याशी डोर-टू-डोर जनता के दरबार में सीधे जाकर वोट मांग रहे हैं और अपने पक्ष में वोट के की अपील कर रहे हैं लेकिन 7 मार्च को मतदाता के पक्ष में ईवीएम का बटन दबाएंगे ये कहना बड़ा ही मुश्किल है।
चुनाव आयोग भी बनारस के सियासी चुनाव को लेकर काफी सतर्क है और नेताओं के जनसमपर्क में पैसे, साड़ी, कुर्ता-धोती और शराब के संभावित वितरण को लेकर अपनी बारीक निगाह से नजर बनाये हुए है। 7 मार्च को होने वाले आखिरी चरण के वोटिंग में योगी सरकार कुल सात मंत्रियों की साख दांव पर है।
इनमें से एक कैबिनेट, दो राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और तीन राज्य मंत्री स्तर के हैं। इसमें से तीन मंत्री बनारस के अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़ रहे हैं। वाराणसी की शिवपुर विधानसभा सीट से योगी सरकार में पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री अनिल राजभर फिर किस्मत आजमा रहे हैं। इनके सामने सुभासपा-सपा गठबंधन के अरविंद राजभर मैदान में हैं।
वहीं शहर उत्तरी से स्टांप एवं निबंधन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवींद्र जायसवाल के खिलाफ सपा से अशफाक अहमद डबलू और कांग्रेस से गुलेराना तबस्सुम किस्मत आजमा रही हैं। वाराणसी शहर के दक्षिणी सीट की बात करें तो साल 2017के चुनाव में पहली बार विधायक बने यूपी के मौजूदा पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नीलकंठ तिवारी के सामने सपा के किशन दीक्षित कड़ी टक्कर दे रहे हैं।
वाराणसी में साल 2017 के चुनाव में सभी आठ सीटों पर भाजपा और उसके गठबंधन दलों को जीत मिली थी, जिसमें सेवापुरी में अपना दल के नील रतन पटेल नीलू जीते थे जो इस बार भाजपा के कमल के निशान पर चुनावी मैदान में हैं। अजगरा सीट से उस समय पार्टी के घटक दल सुभासपा के कैलाश नाथ सोनकर ने जीत दर्ज की थी।
वहीं शहर दक्षिणी से नीलकंठ तिवारी, कैंट से सौरभ श्रीवास्तव, शिवपुर से अनिल राजभर, उत्तरी से रवींद्र जायसवाल, पिंडरा से डॉ अवधेश सिंह और रोहनिया से सुरेंद्र नारायण सिंह ने कमल का फूल खिलाया था।
मालूम हो कि यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के सातवें चरण का चुनाव प्रचार शनिवार को शाम 6 बजे पूरी तरह से थम गया। इस चरण में वाराणसी समेत पूर्वांचल के आजमगढ़, मऊ, जौनपुर, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मीरजापुर, सोनभद्र और भदोही जिलों में मतदान होना है।
इन जिलों की 54 सीटों पर कुल 613 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। जिनके भाग्य का फैसला 2.06 करोड़ मतदाता करेंगे। पिछले चुनाव में पूर्वांचल की इन 54 सीटों में से भाजपा ने 29, सपा ने 11, बसपा ने 6, अपना दल (सेक्यूलर) ने 4, सुभासपा ने 3 और निषाद पार्टी ने 1 सीट जीती थी।