UP: सीएए पर मचे बवाल के बाद एएमयू में कक्षाएं हुईं शुरू, धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं हालात
By भाषा | Published: January 31, 2020 08:41 PM2020-01-31T20:41:44+5:302020-01-31T20:41:44+5:30
एएमयू के प्रवक्ता उमर पीरजादा ने बताया कि विधि संकाय और उच्चतर माध्यमिक विद्यालय को छोड़कर सभी संकायों में आज कक्षाएं सुचारु रूप से चलीं। उन्होंने कहा कि विधि संकाय से जुड़ा मामला भी सामाजिक विज्ञान संकाय के कुछ वरिष्ठ शिक्षकों के हस्तक्षेप से सुलझा लिया गया है।
संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ प्रदर्शनों के कारण जारी गतिरोध के बाद अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में शुक्रवार को पहली बार लगभग सभी संकायों में कक्षाएं शुरू हुईं। सीएए की मुखालिफत कर रहे जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के छात्रों पर पुलिस कार्रवाई के विरोध में 15 दिसम्बर को एएमयू में हुए बवाल के मद्देनजर घोषित छुट्टियों के बाद विश्वविद्यालय खुला 13 जनवरी को खुला, लेकिन छात्रों का परीक्षा और कक्षाओं का बहिष्कार जारी रहा।
हालांकि कुलपति तारिक मंसूर की अपील के बाद आज सूरतेहाल में बदलाव नजर आया। एएमयू के प्रवक्ता उमर पीरजादा ने बताया कि विधि संकाय और उच्चतर माध्यमिक विद्यालय को छोड़कर सभी संकायों में आज कक्षाएं सुचारु रूप से चलीं। उन्होंने कहा कि विधि संकाय से जुड़ा मामला भी सामाजिक विज्ञान संकाय के कुछ वरिष्ठ शिक्षकों के हस्तक्षेप से सुलझा लिया गया है।
पीरजादा ने कहा कि कुलपति मंसूर ने गत गुरुवार को जारी एक वीडियो संदेश में एएमयू के छात्रों को आश्वासन दिया था कि सीएए के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन से उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। कुलपति ने यह भी भरोसा दिलाया था कि 15 दिसम्बर को परिसर में हुए बवाल के मामले में गिरफ्तार निर्दोष छात्रों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने के लिये सभी जरूरी कदम उठाये जाएंगे।
एएमयू के जे.एच. इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रोफेसर सूफियान बेग ने बताया कि विभिन्न पाठ्यक्रमों की लगभग सभी कक्षाएं आज शुरू हो गयीं। उम्मीद है कि सोमवार तक हालात पूरी तरह सामान्य हो जाएंगे। इस बीच, एएमयू में 15 दिसम्बर को हुई हिंसा के मामले में विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ 16 साल के एक विक्षिप्त लड़के का नाम भी शामिल किये जाने को लेकर पुलिस के सामने असहज कर देने वाली स्थिति पैदा हो गयी है।
एएमयू छात्रों के वकील असद हयात के मुताबिक पुलिस ने मुकदमे में दिमागी तौर पर कमजोर जिस 16 साल के लड़के को शामिल किया है, वह एएमयू का छात्र नहीं है। उसकी मां उसे 16 दिसम्बर को ही जमानत पर छुड़ाकर ले जा चुकी है।
एएमयू में शुक्रवार से हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं। चरणबद्ध ढंग से खुले विश्वविद्यालय के लगभग सभी संकायों में छात्रों की अच्छी उपस्थिति रही। जाकिर हुसैन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के प्रिंसिपल प्रोफेसर सूफियान बेग ने बताया कि अलग-अलग पाठयक्रमों की लगभग सभी कक्षाएं लगीं और हमें सोमवार तक स्थिति पूर्णतया सामान्य होने की उम्मीद है।
विश्वविद्यालय ने ऐलान किया है कि परीक्षाओं का कार्यक्रम पुन: निर्धारित किया जा रहा है। छात्रों के बहिष्कार के कारण पिछले चार दिन में कोई परीक्षा नहीं हुई है। एएमयू प्रवक्ता उमर पीरजादा ने भाषा को बताया कि विधि संकाय और लड़कों के उच्च माध्यमिक विद्यालय को छोड़कर सभी संकायों में कक्षाएं लगीं।
पीरजादा ने बताया कि विधि संकाय के मुद्दे को भी सुलझाया जा रहा है। कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने गुरुवार एक वीडियो संदेश में कहा था कि अगर छात्र संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ शांतिपूर्वक प्रदर्शन करते हैं तो उन्हें कोई दिक्कत नहीं है। कुलपति ने यह आश्वासन भी दिया था कि निर्दोष छात्रों पर लगे फर्जी मामले वापस लेने के लिए आवश्यक कदम उठाये जाएंगे।