वाराणसीः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि कुछ लोग सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट बनाकर कांवड़ यात्रियों को बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं और उन्हें आतंकी एवं उपद्रवी तक कहा जा रहा है। यहां जनजातीय गौरव बिरसा मुंडा पर आधारित राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “अभी कांवड़ यात्रा चल रही है जिसमें समाज के श्रमिक वर्ग से लेकर उच्च वर्ग तक का हर व्यक्ति इस अभियान से जुड़ा हुआ है। यह एकता का अद्भुत संगम है जहां किसी तरह का कोई भेदभाव नहीं है और सभी भक्ति भाव से चलते हैं।”
उन्होंने कहा, “जौनपुर में उन्होंने (मुसलमानों ने) एक बड़ा ताजिया उठाया और हाईटेंशन की चपेट में आने से तीन लोग मर गए। बाद में उन्होंने रास्ता जाम किया। पुलिस ने पूछा क्या करें, मैंने कहा कि मारकर बाहर करो इनको क्योंकि ये लातों के भूत हैं, बातों से नहीं मानेंगे। इन्होंने कहने के बावजूद ताजिये की ऊंचाई बढ़ाई जिससे ये तार की चपेट में आए।”
योगी आदित्यनाथ ने कहा, “लेकिन यहां ‘मीडिया ट्रायल’ होता है। कांवड़ियों को बदनाम किया जाता है और खूब उसके बारे में लिखा जाता है। उन्हें उपद्रवी और आतंकवादी तक बोलने का दुस्साहस किया जाता है। यह वह मानसिकता है जो भारत की हर प्रकार की विरासत को अपमानित करना चाहती है।” उन्होंने कहा कि ये वही लोग हैं जिन्होंने जनजातीय समुदाय को भारत से अलग करने का प्रयास किया।
उन्हें भड़काने का काम किया है तथा उन्हें भारत के खिलाफ संघर्ष करने के लिए उकसाने का हर स्तर पर षड़यंत्र किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह वही समुदाय है जो भारत की आस्था का सदैव अपमान करता है और यही लोग सोशल मीडिया मंच पर फर्जी अकाउंट बनाकर जातीय संघर्ष की स्थिति पैदा करना चाहते हैं।
उन्होंने तीन वर्ष पहले की एक घटना का उल्लेख करते हुए कहा, “एक जगह आगजनी की घटना हुई। मैंने कहा कि इस घटना की प्रकृति दिखाती है कि इस समुदाय ने यह घटना नहीं की होगी। मैंने पुलिस से पूरा वीडियो फुटेज निकालने को कहा। फुटेज में सामने आया कि आगजनी करने वाला एक व्यक्ति केसरिया गमछा बांधे हुए था और आगजनी करते समय अचानक उसका गमछा निकला।
उसके मुंह से निकल पड़ा या अल्लाह।” मैंने कहा, “हिंदुओं को बदनाम करने के लिए किस शऱारत के तहत केसरिया गमछा बांधकर एक व्यवस्था को अपमानित किया जा रहा है। यह घटना दिखाती है कि ये कौन लोग हैं जो फर्जी अकाउंट बनाकर जातीय संघर्ष की स्थिति पैदा करना चाहते हैं।” उन्होंने कहा कि यह सावन का महीना है तथा इससे ठीक पहले मोहर्रम का आयोजन हुआ।
मुख्यमंत्री ने कहा, “हमने एक व्यवस्था बनाई और कहा कि ताजिया की ऊंचाई इससे अधिक नहीं रखना। अधिक ऊंचाई रहने पर आप पेड़ की टहनियां काटने, किसी के मकान का बारजा हटाने, हाईटेंशन तार हटाने की मांग करेंगे।” मुख्यमंत्री ने कहा, “एक आयोजन के लिए हम हाईटेंशन तार, घर का बारजा नहीं हटा सकते और 40-50 वर्ष में तैयार होने वाले वृक्ष की टहनियां नहीं काट सकते।
एक बड़े तबके लिए बिजली का तार हटाकर बिजली आपूर्ति बाधित करना उनके साथ अन्याय है जो बिजली के बिल का भुगतान कर रहे हैं।” मुख्यमंत्री ने कहा, “उत्तर प्रदेश में हमने मोहर्रम के लिए यह व्यवस्था बनाई है कि आप अस्त्र-शस्त्र का प्रदर्शन नहीं करेंगे। पहले मोहर्रम का हर जुलूस उत्पात, आगजनी, तोड़फोड़ का कारण बनता था और बहन-बेटियां सड़कों पर नहीं निकल पाती थीं।”