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कई नई परंपराओं का गवाह बनेगा यूपी का बजट सत्र, योगी सरकार की होगी कड़ी परीक्षा

By राजेंद्र कुमार | Updated: February 19, 2023 18:15 IST

अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में प्रदेश की सभी 80 सीटों पर जीत हासिल करने की जिस योजना रचना पर केंद्र व प्रदेश सरकार काम कर रही है उसे इस बजट के माध्यम से साधने की कोशिश की जायेगी। इसी क्रम में योगी सरकार युवाओं को खुश करने की कोशिश करेगी। इसके लिए युवाओं को रोजगार व स्वरोजगार से जोड़ने की योजनाओं को शुरू किया जा सकता है।

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ठळक मुद्दे22 फरवरी को पेश होगा यूपी का बजटयह सत्र होली के बाद 10 मार्च तक चलेगाकरीब सात लाख करोड़ रुपये का होगा बजट

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र 20 फरवरी से शुरू हो रहा है। यह सत्र होली के बाद 10 मार्च तक चलेगा। 22 फरवरी को वित्त वर्ष 2023- 24 का बजट पेश किया जाएगा। करीब सात लाख करोड़ रुपए के बजट में 2024 आमचुनाव की तैयारियों की झलक भी देखने को मिलेगी। इसके माध्यम से प्रदेश सरकार सभी वर्गों युवा, महिलाएं, किसान के साथ आम ग्रामीण और उद्यमियों को आकर्षित करती हुई नजर आएगी। युवाओं से संबंधित प्रदेश सरकार की योजनाओं में अधिक धनराशि का आवंटन किए जाने की सूचनाएं हैं।

यूपी का यह बजट सत्र कई मायने में ऐतिहासिक है। यह बजट सत्र कई इतिहास रचने जा रहा है। 20 फरवरी से शुरू हो रहा यह सत्र सदन के नियमों के बदलाव का गवाह बनेगा। सत्र के दौरान यूपी विधानसभा की प्रक्रिया और कार्य-संचालन नियमावली का संशोधित ड्राफ्ट चर्चा के लिए पेश होगा। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा। इसी सत्र से विधानसभा में संसद की तर्ज पर सर्वश्रेष्ठ विधायक के चयन पर भी काम शुरू होगा। इस बजट सत्र की एक खास बात यह भी होगी कि इस सत्र में 14 दिन बैठकें होंगी और यह 14 दिन योगी सरकार के लिए परीक्षा की घड़ी साबित होंगे। 

इसकी वजह है, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के बाद राज्य में योगी सरकार में हुए घोटाला का सामने आना। बीते एक हफ्ते में योगी सरकार में मंत्री रहे धर्म सिंह सैनी पर लगा घूस लेने के मामले का खुलासा हुआ है। इसके अलावा योगी सरकार में आर्म्स एक्ट के सजायाफ़्ता मंत्री राकेश सचान को 72 औद्योगिक प्लॉट आवंटित होने का प्रकरण और एससी-एसटी तथा दिव्यांगों की स्कॉलरशिप में हुए फ्राड का मामला भी उजागर हुआ है। बुलडोजर से न्याय दिलाने की अवधारणा के चलते कानपुर में एक गरीब ब्राह्मण परिवार की मां-बेटी की हुई दर्दनाक मौत भी बीते एक हफ्ते में हुई है और बीते हफ्ते ही योगी सरकार ने गन्ना मूल्य में इजाफा ना करने का फैसला भी लिया है। ये सब वह मामले हैं, जिनका सदन में जवाब देना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए मुश्किल होगा।  इन सवालों का सीधा जवाब पाने के लिए विपक्षी दल योगी सरकार को सदन में घेरेंगे। तब विपक्ष के सवालों का जवाब देना योगी सरकार के लिए आसान नहीं होगा।

22 फरवरी को पेश होगा बजट

अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में प्रदेश की सभी 80 सीटों पर जीत हासिल करने की जिस योजना रचना पर केंद्र व प्रदेश सरकार काम कर रही है उसे इस बजट के माध्यम से साधने की कोशिश की जायेगी। इसी क्रम में योगी सरकार युवाओं को खुश करने की कोशिश करेगी। इसके लिए युवाओं को रोजगार व स्वरोजगार से जोड़ने की योजनाओं को शुरू किया जा सकता है। युवाओं से जुड़ी योजनाओं के बाद सरकार का फोकस राज्य में उद्योगों की स्थापना के लिए बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करने पर होगा। बजट में पीडब्ल्यूडी, औद्योगिक विकास, नगर विकास, ऊर्जा, जल शक्ति जैसे विभागों को विकास मद में अधिक धनराशि आवंटित किए जाने की चर्चाएं हैं। इस बजट के माध्यम से सरकार गांव, गरीब, किसान व महिलाओं से जुड़ी योजनाओं पर आवंटन भी बढ़ाएगी। केंद्रीय बजट की तरह उन योजनाओं पर अधिक ध्यान दिए जाने की सूचनाएं हैं जिससे बड़ा वर्ग लाभान्वित होता है. बजट में ग्रामीण सड़कें, एक्सप्रेस-वे परियोजनाएं, सिंचाई, ओडीओपी के लिए अधिक धनराशि मिलने की उम्मीद है।

सदन में रखा जाएगा संशोधन का ड्राफ्ट 

यूपी विधानसभा प्रक्रिया तथा कार्य-संचालन नियमावली में संशोधन का ड्राफ्ट तैयार हो गया है। ड्राफ्ट को 28 फरवरी को सदन में रखे जाने की संभावना है। सदन में ड्राफ्ट पर चर्चा होगी और जो महत्वपूर्ण सुझाव आएंगे, उन्हें जोड़ते हुए नियमावली को मंजूरी दी जाएगी। विधानसभा सचिवालय इसकी अधिसूचना जारी करेगा और इसी के साथ विधानसभा के कई पुराने नियम खत्म हो जाएंगे और कई नए नियम लागू हो जाएंग. यूपी की विधानसभा में ई-विधान लागू होने के बाद से छह दशक से अधिक पुरानी प्रक्रिया और कार्य संचालन की नियमावली को बदले जाने की जरूरत महसूस की जा रही थी। सूत्रों के मुताबिक संशोधित नियमावली की भाषा भी पहले से काफी सरल की जा रही है, ताकि नए विधायकों को नियम समझने में दिक्कत न हो। विधानसभा प्रश्नोत्तरी के नियमों में भी बदलाव किया गया है। नई नियमावली लागू होने के बाद सुबह साढ़े दस बजे तक उस दिन के एजेंडे के सभी प्रश्नों के उत्तर विधायकों के टैबलेट पर मौजूद होंगे।

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