फर्जी कागजों के आधार पर नौकरी के मामले में स्टेनो सहित पांच लोग गिरफ्तार
By भाषा | Updated: September 25, 2019 06:13 IST2019-09-25T06:13:14+5:302019-09-25T06:13:14+5:30
गिरफ्तार लोगों के पास से फर्जी अंक पत्र/प्रमाण-पत्र/नोटिस तथा रिश्वत के करीब ढाई लाख रुपये बरामद हुए हैं। एसटीएफ इन सभी से पूछताछ कर रही है।

प्रतीकात्मक फोटो
फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी करने के मामले में एसटीएफ ने जिला सिद्धार्थनगर के बेसिक शिक्षा अधिकारी के स्टेनो और एक अध्यापक सहित पांच लोगों को गोखरपुर से गिरफ्तार किया है। एसटीएफ द्वारा जारी बयान के अनुसार सोमवार शाम बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्रों के आधार पर सहायक अध्यापक के पद पर नौकरी कर रहे सच्चिदानंद पांडेय तथा स्टेनो हरेंद्र कुमार सिंह सहित पांच व्यक्तियों को जनपद गोरखपुर से गिरफ्तार किया गया।
बयान में कहा गया कि पकड़े गए तीन अन्य लोगों में चंद्रदेव, बाबूलाल और अवधेश शामिल हैं। गिरफ्तार लोगों के पास से फर्जी अंक पत्र/प्रमाण-पत्र/नोटिस तथा रिश्वत के करीब ढाई लाख रुपये बरामद हुए हैं। एसटीएफ इन सभी से पूछताछ कर रही है।
अभी हाल ही में पश्चिम बंगाल के बैरकपुर में सेना की भर्ती रैली में शामिल होने आए उम्मीदवारों में से करीब 50 को फर्जी दस्तावेज के साथ पकड़ा गया है। सरकार की ओर से जारी विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई थी। फर्जी दस्तावेजों में आधार कार्ड, शैक्षणिक और जन्म प्रमाण पत्र एवं निवास प्रमाण पत्र शामिल हैं जिसे उत्तर प्रदेश और बिहार के उम्मीदवारों ने जमा कराया गया था।
अधिसूचना के मुताबिक सैनिकों की तकनीकी श्रेणी, नर्सिंग सहायक, पशु चिकित्सा, सामान्य ड्यूटी, लिपिक, स्टोर कीपर और ट्रेडमैन पदों पर भर्ती होनी थी। अधिसूचना के मुताबिक पश्चिम बंगाल के पुरुलिया, बांकुड़ा, हुगली और 24 परगना जिलों के उम्मीदवारों को ही भर्ती में शामिल होने के लिए कहा गया था। उत्तरी 24 परगना जिले के बैरकपुर में 15 से 20 सितंबर के बीच भर्ती रैली आयोजित की गई ।
विज्ञप्ति में कहा गया कि लग रहा है कि इस घोटाले की जड़े गहरी है और दलाल उत्तरी मैदान के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले उम्मीदवारों को बरगला रहे हैं। इनमें से कई देशभर में आयोजित रैली में दिखते हैं जिनके पास फर्जी दस्तावेज हैं जो हर राज्य की अर्हता के अनुरूप है।
बयान में कहा गया, ‘‘ उम्मीदवारों ने बताया कि उन्होंने दलालों को फर्जी दस्तावेजों के लिए 2,000 से 25,000 रुपये का भुगतान इस करार के साथ किया था कि नियुक्ति होने पर एक लाख से चार लाख रुपये और देंगे।’’ इनमें से कई प्रत्याशियों को पेशेवर दलालों ने झांसे में लिया और रैली से पहले ही फर्जी दस्तावेज बनाने और निवास प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए कोलकाता पहुंच गए थे।