उन्नाव मदरसा मामला: सलमान खुर्शीद का दावा, डर के माहौल में रह रहा है कमजोर वर्ग
By स्वाति सिंह | Updated: July 13, 2019 14:52 IST2019-07-13T13:21:28+5:302019-07-13T14:52:52+5:30
अल्पसंख्यक समुदाय की चिंताओं को उठाते हुए शुक्रवार को दावा किया कि विविधता के पारंपरिक विचार की बजाए देश की एकता के लिए 'एकरुपता' को 'अभिन्न' बताए जाने पर जोर दिया जा रहा है।

खुर्शीद ने कहा 'अगर एक लोकतंत्र में असहमति एवं मतभेद के लिए जगह नहीं होगी तो उस लोकतंत्र पर सवाल उठने चाहिए।
उन्नाव जिले में कथित रूप से 'जय श्रीराम' का नारा लगाने से इनकार करने पर मदरसे के चार छात्रों से मारपीट किए जाने का मामला सामने आने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद चिंता जताई है। खुर्शीद ने शनिवार को कहा कि समाज के कमजोर वर्गों के लोग भय के माहौल में रह रहे हैं।
उन्नाव से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस क्षेत्राधिकारी (नगर) उमेश चंद्र त्यागी ने दर्ज रिपोर्ट के हवाले से शुक्रवार बताया कि एबी नगर स्थित मदरसा दारूल उलूम फैज—ए—आम में पढ़ने वाले चार छात्र गुरुवार को जीआईसी मैदान में क्रिकेट खेलने गये थे। वहां पहले से ही खेल रहे कुछ युवकों ने मदरसा छात्रों से 'जय श्रीराम' का नारा लगाने को कहा। इससे इनकार करने पर उन्होंने उनकी बल्ले और स्टम्प से पिटाई की। इस वारदात में मदरसे के चारों छात्रों को चोटें आयीं।
अल्पसंख्यक समुदाय की चिंताओं को उठाते हुए शुक्रवार को दावा किया कि विविधता के पारंपरिक विचार की बजाए देश की एकता के लिए 'एकरुपता' को 'अभिन्न' बताए जाने पर जोर दिया जा रहा है।
अपनी पुस्तक 'विजिबल मुस्लिम - इनविजिबल सिटिजन : अंडरस्टेंडिंग इस्लाम इन इंडियन डेमोक्रेसी' के विमोचन पर यहां रखे गए एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि निराशावादी बनने के लिए कोई खास कारण नहीं है लेकिन बात जब अल्पसंख्यक समुदाय की आती है तो कुछ चिंताए उठती हैं।
खुर्शीद ने कहा 'अगर एक लोकतंत्र में असहमति एवं मतभेद के लिए जगह नहीं होगी तो उस लोकतंत्र पर सवाल उठने चाहिए। असहमति या मतभेद पर विचारों का आदान-प्रदान न हो पाना लोकतंत्र की त्रासदी है।'
उन्होंने कहा 'एकरूपता को एकता के लिए अभिन्न बताए जाने पर जोर दिया जा रहा है। हम पारंपरिक विचार में यकीन रखते हैं, आप में से भी कई रखते होंगे कि देश की एकजुटता के लिए विविधता अनिवार्य है।'
पुस्तक पर रखी गई समूह चर्चा में उनके साथ लोकसभा सांसद असदउद्दीन ओवैसी और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता नलिन कोहली भी मौजूद थे। ओवैसी ने भी कहा कि एक देश में समरूपता नहीं होनी चाहिए और उसकी विविधता का सम्मान होना चाहिए।