बिहार के पूर्वी चंपारण में रक्तदाताओं का अनूठा समूह
By भाषा | Updated: December 9, 2021 18:10 IST2021-12-09T18:10:06+5:302021-12-09T18:10:06+5:30

बिहार के पूर्वी चंपारण में रक्तदाताओं का अनूठा समूह
मोतिहारी (बिहार), नौ दिसंबर बिहार में पूर्वी चंपारण जिले के एक युवा व्यवसायी ने अपनी बहन की मृत्यु से आहत होकर उन लोगों की हरसंभव मदद करने की ठान ली जिन्हें रक्त की जरूरत है। उन्होंने इस कार्य के लिए एक रक्तदान समूह की स्थापना की है।
कपड़े की एक दुकान के मालिक अनिरुद्ध लोहिया (42) ने स्वयंसेवकों का एक समूह ‘‘रक्तदान समूह मोतिहारी’’ की स्थापना साढ़े तीन साल पहले की थी।
पूर्वी चंपारण, जिसका मुख्यालय मोतिहारी है, के जिलाधिकारी श्रीशत कपिल अशोक ने कहा, ‘‘प्रशासन जरूरत के समय अनिरुद्ध लोहिया और उनकी टीम पर भरोसा करता है। कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान उनका योगदान अमूल्य था।’’
अशोक ने कोरोना महामारी के दौरान चिंताजनक क्षणों को याद करते हुए कहा कि संक्रमण की आशंका तथा लॉकडाउन प्रतिबंधों के कारण लोगों द्वारा रक्तदान किया जाना कम हो गया था। उन्होंने कहा कि उस समय अनिरुद्ध और उनकी टीम ने बिना किसी भय के अथक मेहनत की थी।
पुलिस अधीक्षक नवीन चंद्र झा ने कहा कि अनिरुद्ध लोहिया एवं उनकी संस्था के लोग रक्तदान का अभियान चलाकर मानव सेवा की बेहतर मिसाल पेश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोहिया के आग्रह पर समय-समय पर पुलिस लाइन से रक्तदान के लिए पुलिसकर्मियों को भेजा जाता है।
झा ने कहा कि लोहिया जैसे युवाओं के सहयोग से रेडक्रॉस में ज्यादा से ज्यादा रक्त संग्रह हो, ऐसा प्रयास होना चाहिए।
हालांकि सात हजार स्वयंसेवकों की एक टीम का नेतृत्व करने वाले अनिरुद्ध का कहना है, ‘‘मैंने 2018 में अपनी बड़ी बहन को खो दिया था। वह हृदय बीमारी से पीड़ित थी और उसे बचाया नहीं जा सका। उसे 40 यूनिट रक्त दिया गया था। मुझे खेद है कि मैं अपना रक्त उन्हें दान नहीं कर सका।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उनकी बहन अपनी दो छोटी बेटियों को छोड़ गई हैं। कोई भी उनकी मां को वापस नहीं ला सकता है। लेकिन उनके दर्द ने मुझे जीवन बचाने की चुनौती को स्वीकार करने के लिए प्रेरित किया।’’
भारतीय चिकित्सा संघ की स्थानीय इकाई के अध्यक्ष डॉ. आशुतोष शरण ने कहा , ‘‘रेड क्रॉस सोसाइटी, मोतिहारी का एक गौरवशाली अतीत रहा है। इसे राष्ट्रपति पुरस्कार भी मिल चुका है। वर्षों से चीजें धीमी हो गई थीं, लेकिन अनिरुद्ध और उनके प्रयास ने सब कुछ बदल दिया।’’
अनिरुद्ध ने कहा, ‘‘हमने मोतिहारी में रक्तदान करने वालों का एक समुदाय बनाया है लेकिन तकनीक के स्मार्ट इस्तेमाल ने हमें बिहार और यहां तक कि अन्य राज्यों में भी रक्तदान के इच्छुक लोगों के साथ संपर्क बनाने में सक्षम बनाया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कई बार हमें पड़ोसी देशों नेपाल और पाकिस्तान में रहने वाले लोगों द्वारा हमारे अभियान में शामिल होने के वास्ते उत्सुकता दिखाने संबंधी संदेश प्राप्त होने पर सुखद आश्चर्य हुआ है। हम सभी को अपना काम करने की आवश्यकता है। इस विश्वास के साथ कि रक्त की हर एक इकाई से फर्क पड़ सकता है।
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