नयी दिल्ली: केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बारे में अपनी टिप्पणी पर विवाद होने के बाद रविवार को स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि उन्होंने दिवंगत नेता को देश में कांग्रेस पार्टी की जननी कहा था और मीडिया ने उनकी टिप्पणी की गलत व्याख्या की। अभिनेता से राजनेता बने गोपी ने कहा कि वह अपने दिल की भावनाओं के मुताबिक बात करने वाले व्यक्ति हैं और उनका दृढ़ विश्वास है कि इंदिरा गांधी के बारे में उन्होंने जो कुछ कहा, उसमें कुछ भी गलत नहीं है।
भाजपा नेता ने तिरुवनंतपुरम में मीडिया को संबोधित करते हुए संवाददाताओं से पूछा कि क्या वे भाषा के प्रासंगिक अर्थ को नहीं समझते हैं। सुरेश गोपी ने अपनी टिप्पणी को लेकर स्पष्टीकरण देते हुए कहा, "मैंने क्या कहा, जहां तक कांग्रेस का सवाल है...चाहे किसी को पसंद हो या नहीं...के. करुणाकरण केरल में कांग्रेस पार्टी के पिता हैं। भारत में कांग्रेस पार्टी की मां इंदिरा गांधी हैं। मैंने यह बात दिल से कही है।"
हालांकि, केंद्रीय पेट्रोलियम और पर्यटन राज्य मंत्री ने रविवार को भी इंदिरा गांधी की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, "इंदिरा गांधी देश की स्वतंत्रता के बाद और अपनी मृत्यु तक भारत की वास्तविक निर्माता हैं। मैं वैसे भी ये श्रेय उन्हें दूंगा ही। मैं उस व्यक्ति को सिर्फ इसलिए नहीं भूल सकता क्योंकि वह राजनीतिक रूप से प्रतिद्वंद्वी पार्टी से थीं, जिन्होंने देश के लिए ईमानदारी से काम किया।"
सुरेश गोपी ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को "मदर ऑफ इंडिया" करार दिया था वहीं कांग्रेस के दिवंगत नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री के. करुणाकरण को साहसी प्रशासक बताया था। गोपी ने शनिवार को त्रिशूर में पुनकुन्नम स्थित करुणाकरण के स्मारक "मुरली मंदिर" जाने के बाद संवाददाताओं से बातचीत के दौरान यह टिप्पणी की थी।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता ने करुणाकरण और मार्क्सवादी नेता ई.के. नयनार को अपना राजनीतिक गुरु भी बताया। गोपी ने कहा कि वह इंदिरा गांधी को मदर ऑफ इंडिया मानते हैं, जबकि करुणाकरण उनके लिए राज्य में कांग्रेस पार्टी के पिता थे। उन्होंने स्पष्ट किया कि करुणाकरण को केरल में कांग्रेस का पिता बताना दक्षिणी राज्य की सबसे पुरानी पार्टी के संस्थापकों या सह-संस्थापकों के प्रति कोई अनादर नहीं है। गोपी ने त्रिशूर लोकसभा सीट जीतकर केरल में भाजपा का खाता खोला है। इस सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय रहा जिसमें कांग्रेस, भाजपा और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवारों के बीच कड़ी टक्कर देखी गई।
(इनपुट - भाषा)