केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि उन्होंने रेलवे के निजीकरण के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। स्टॉकहोम में उन्होंने कहा कि रेलवे भारत सरकार की संपत्ति बनी रहेगी और देश के नागिरिकों की सेवा करती रहेगी। हालांकि उन्होंने कहा कि हम रेलवे में बड़ी मात्रा में निवेश पर विश्वास रखते हैं। उन्होंने कहा कि हम विश्व की ए़डवांस तकनीकि को रेलवे से जोड़ेंगे।
हाल ही में ऐसी खबरें आई थी जिसमें रेलवे के निजीकरण की सुगबुगाहट मिल रही थी। कहा गया था कि रेल मंत्रालय ने निजीकरण के लिए एक कमेटी का गठन किया है। इसमें रेलवे बोर्ड के चेयरमैन, डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स के सेक्रेटरी, मिनिस्ट्री आफ हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स के सेक्रेटरी और फाइनेंशियल कमिश्नर (रेलवे) शामिल हैं।
बताया जा रहा है कि इस कमेटी के प्रमुख एजेंडे में 50 रेलवे स्टेशनों और 150 ट्रेनों के निजीकरण का मुद्दा है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन की एक चिट्ठी भी वायरल हो रही थी जिसमें 400 रेलवे स्टेशनों को विश्व स्तर का बनाए जाने का जिक्र है।
रेलवे में निजीकरण को लेकर देशभर के कई मंडलों के कर्मचारी संघ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। अजमेर मंडल में आज सुबह 9 बजे से 2 बजे तक गांधी भवन चौराहे पर धरना दिया गया। ऑल इंडिया रेलवे मेन्स फेडरेशन और नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे इम्प्लॉइज यूनियन भी निजीकरण के प्रस्ताव के विरोध में ब्लैक डे मना रहा है।