केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, 'बुरका पहनने पर देश में कोई प्रतिबंध नहीं लगा है'
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 27, 2022 06:48 PM2022-02-27T18:48:20+5:302022-02-27T18:51:46+5:30
मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि बुरका विवाद अभी अदालत में है। लेकिन भारत में बुरका पहनने पर कहीं भी कोई प्रतिबंध नहीं लगा है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कुछ संस्थानों के अपने अनुशासन होते हैं, उसके अपने ड्रेस कोड होते हैं, जिसका पालन संस्थान से संबंधित हर व्यक्ति को करना चाहिए।
हैदराबाद: बुरके पहनने पर भारत में कोई प्रतिबंध लागू नहीं है। यह बात केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने हैदराबाद में 37वें "हुनर हाट" के उद्घाटन के मौके पर कही।
केंद्रीय मंत्री नकवी ने रविवार को कहा कि देश में कहीं भी बुरका पहनने पर कोई प्रतिबंध नहीं लगा है लेकिन लोगों को अपने संवैधानिक अधिकारों के प्रति जागरूक रहने के साथ-साथ उसके प्रति अपने कर्तव्यों के पालन को भी समान रूप से महत्व देना चाहिए।
नकवी ने पत्रकारों के साथ बात करते हुए कहा, "बुरका विवाद अभी अदालत में है। लेकिन भारत में बुरका पहनने पर कहीं भी कोई प्रतिबंध नहीं लगा है। यह इसके साथ यह भी स्पष्ट है कि कुछ संस्थानों के अपने अनुशासन होते हैं। उसका अपना ड्रेस कोड होता है, जिसका सभी को पालन करना चाहिए। जब हम संविधान के अधिकारों की बात करते हैं तो साथ ही हमें अपने संवैधानिक कर्तव्यों की भी बात करनी चाहिए।"
केंद्रीय अल्पसंख्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने यह बात 37वें "हुनर हाट" में कही। जहां केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी और तेलंगाना के गृह मंत्री मोहम्मद महमूद अली भी मौजूद थे।
"हुनर हाट" का उद्घाटन करते हुए नकवी ने कहा कि हुनर हाट कारीगरों और शिल्पकारों को सशक्त बनाने का एक शानदार प्रयास है। इसके जरिये ने पिछले सात वर्षों में लगभग आठ लाख कारीगरों और शिल्पकारों को रोजगार के अवसर मिले हैं।
इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हुनर हाट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत और वोकल फॉर लोकल अभियान का विश्वसनीय ब्रांड बन गया है।
नकवी ने कहा कि इस पहल ने देश के दूर-दराज के इलाकों से पारंपरिक कला और शिल्प कौशल और बाजारों में अपनी पुश्तैनी विरासत में लगे लाखों परिवारों में ऊर्जा और उत्साह का संचार किया है।
समारोह के उद्घाटन संबोधन में किशन रेड्डी ने कहा कि हुनर हाट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मेक इन इंडिया' के अभियान को मजबूत कर रहा है और यह देश की पारंपरिक कला, कौशल और गौरवशाली विरासत के संरक्षण और प्रचार के लिए एक प्रभावशाली मंच है।
मालूम हो कि बुरका विवाद पिछले साल दिसंबर में तब शुरू हुआ था जब कर्नाटक के उडुपी में एक कॉलेज ने कॉलेज परिसर में बुरका पहनने के कारण छह छात्रों को कथित तौर पर प्रवेश देने से मना कर दिया था क्योंकि बुरका उस कॉलेज के ड्रेस कोड में शामिल नहीं था।
उसके बाद कॉलेज के फैसले का विरोध करते हुए लड़कियों ने बुरका पहनने की मांग करते हुए कर्नाटक हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जिसने 5 फरवरी को दिये अपने अंतरिम आदेश में कहा कि छात्र-छात्राओं के द्वारा कॉलेज कैंपस में धार्मिक प्रतीकों से संबंधित किसी भी सामग्री को शरीर पर पहनकर आना प्रतिबंधित रहेगा, जिससे शांति, सद्भाव और सार्वजनिक व्यवस्था को खतरा पहुंच रहा है।
कर्नाटक हाईकोर्ट ने पिछले ही हफ्ते बुरके मामले में अपनी सुनवाई पूरी की है और जल्द ही वह इस मामले में अपना अंतिम आदेश सुनाने वाली है।