जंतर मंतर पर पत्रकार के संग मारपीट पर बिफरीं केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी, कहा- वो किसान नहीं गुण्डे हैं...

By सतीश कुमार सिंह | Published: July 22, 2021 05:34 PM2021-07-22T17:34:56+5:302021-07-22T17:36:29+5:30

जंतर मंतर पर किसानों ने नारेबाजी की और सरकार से तीनों कानून रद्द करने की मांग की। प्रदर्शन कर रहे किसान जंतर-मंतर के एक छोटे से हिस्से में मौजूद हैं और पुलिस ने दोनों ओर अवरोधक लगा रखे हैं।

Union Minister Meenakshi Lekhi said They are not farmers, they are hooligans... These are criminal acts alleged attack on a media person | जंतर मंतर पर पत्रकार के संग मारपीट पर बिफरीं केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी, कहा- वो किसान नहीं गुण्डे हैं...

तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाए और न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी दी जाए। (file photo)

Highlightsकेंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की एक विशेष इकाई, ढाल और डंडों के साथ घटनास्थल पर मौजूद है।पानी की बौछारें करने के वाले टैंक वहां मौजूद हैं और ‘मेटल डिटेक्टर गेट’ की व्यवस्था भी की गई है।टिकरी बॉर्डर, सिंघू बॉर्डर तथा गाजीपुर बॉर्डर पर किसान पिछले साल नवम्बर से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

नई दिल्लीः संसद का मानसून सत्र चल रहा है। विपक्ष लगातार सरकार पर हमला बोल रहा है। कांग्रेसी सांसदों ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ संसद परिसर में प्रदर्शन किया। नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर आज से किसानों ने जंतर मंतर पर किसान संसद भी लगाई हुई है।

आज 'किसान संसद' में एक मीडियाकर्मी पर कथित हमले को लेकर केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने किसानों के लिए अपशब्द का प्रयोग कर दिया। मीनाक्षी लेखी ने कहा के वो किसान नहीं हैं, गुंडे हैं। ये आपराधिक कृत्य हैं। 26 जनवरी को जो हुआ वह भी शर्मनाक आपराधिक गतिविधियां थी। विपक्ष ने इस तरह की गतिविधियों को बढ़ावा दिया है। 

संसद में मानसून सत्र के बीच केन्द्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने मध्य दिल्ली स्थित जंतर-मंतर पर बृहस्पतिवार को प्रदर्शन किया। पुलिस ने मध्य दिल्ली के चारों ओर सुरक्षा बढ़ा दी है और वाहनों की आवजाही पर कड़ी नजर रखी जा रही है। दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने अधिकतम 200 किसानों को नौ अगस्त तक जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने की अनुमति दे दी है।

संसद भवन इससे कुछ ही मीटर की दूरी पर है। पुलिस की सुरक्षा के साथ 200 किसानों का एक समूह बसों में सिंघू बॉर्डर से जंतर-मंतर पहुंचे। किसान यहां अपनी पहचान उगागर करने वाले बैज पहने और हाथ में अपनी यूनियनों के झंडे लिए हुए नजर आए। प्रदर्शन पूर्वाह्न 11 बजे शुरू होना था, लेकिन किसान यहां 12 बजकर 25 मिनट पर पहुंचे।

केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं ने बृहस्पतिवार को कहा कि उन्हें आशंका है कि सरकार इजराइली सॉफ्टवेयर पेगासस के जरिए उनकी जासूसी करवा रही है। किसान नेता शिव कुमार कक्का ने कहा, ‘‘यह एक अनैतिक सरकार है। हमें अंदेशा है कि हमारे नंबर उन लोगों की सूची में शामिल हैं, जिनकी जासूसी करायी जा रही है।’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘जासूसी के पीछे सरकार है। यह स्पष्ट है और यह मुद्दा जोर पकड़ रहा है। हम जानते हैं कि वे हम पर भी नजर रख रहे हैं।’’ स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने कहा कि किसान नेताओं के फोन नंबर साल 2020-21 के आंकड़ों में मिलेंगे। यादव ने कहा, ‘‘जब यह आंकड़ा सार्वजनिक होगा, निश्चित तौर पर हमारे नंबर भी मिलेंगे।’’

Web Title: Union Minister Meenakshi Lekhi said They are not farmers, they are hooligans... These are criminal acts alleged attack on a media person

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