मुजफ्फरपुर और देवरिया बालिका शेल्टर होम जैसे हालात दूसरी जगहों पर भी हो सकते हैं: मेनका गांधी
By स्वाति सिंह | Published: August 6, 2018 06:04 PM2018-08-06T18:04:54+5:302018-08-06T18:08:26+5:30
मेनका गांधी ने सभी सांसदों पर सवाल उठाते हुए कहा 'मैं लगातार दो साल से सभी सांसद को यह कहते हुए चिट्ठी भी लिखती हूं कि वह अपने क्षेत्र के सभी बच्चों और औरतों के लिए जो संस्थान हैं उनको जाकर देख लें
नई दिल्ली, 6 अगस्त: मुजफ्फरपुर शेल्टर होम रेप केस मामला और अब उत्तर प्रदेश के देवरिया मामला सामने आने के बाद सोमवार को केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने अपना बयान जारी किया। उन्होंने कहा 'मुझे पता कि ऐसी और भी बहुत सी जगहें मिलेंगी जहां ऐसी घटनाएं हुई हैं।उन्होंने कहा 'मुजफ्फरपुर और देवरिया जैसी घटनाओं से आश्चर्यजनक और दुखद घटना है।'
It’s not only frightening, it makes me sad. I know there will be many more because for years and years, we have paid no attention, apart from giving them money: Union Minister Maneka Gandhi on Deoria and Muzaffarpur shelter home rape cases #Delhipic.twitter.com/cUgPNLqauv
— ANI (@ANI) August 6, 2018
मेनका गांधी ने सभी सांसदों पर सवाल उठाते हुए कहा 'मैं लगातार दो साल से सभी सांसद को यह कहते हुए चिट्ठी भी लिखती हूं कि वह अपने क्षेत्र के सभी बच्चों और औरतों के लिए जो संस्थान हैं उनको जाकर देख लें।इसके बाद जहां भी ऐसी शिकायत आई उसके बाद हमने 24 घंटे के अंदर काम किया। इसके अलावा हमने एक ऑडिट किया था। पिछले दो साल में हमने जगह-जगह एनजीओ भेजे हैं।केवल यह देखने के लिए कि शेल्टर होम में क्या हो रहा है।लेकिन अगर फिर भी इस तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं तो इसका मतलब है कि किसी ने भी अपना काम जिम्मेदारी से नहीं किया। बस जांच के नाम पर खानापूर्ति की गई।'
I propose that MPs go to institutions in their constituencies & give me reports. I'll take immediate action.A long term solution is to make large homes for 1000 women, 1000 children, with all-women staff rather than small centres. I'll sanction money:Union Minister Maneka Gandhi pic.twitter.com/6vaSI8EeBw
— ANI (@ANI) August 6, 2018
उन्होंने आगे कहा कि ऐसी समस्याओं के स्थाई समाधान के लिए बड़े सुधार गृह बनाए जाने चाहिए जिसमे कम से कम 1000 बच्चों को रखने की क्षमता हो और इसके साथ ही महिला स्टाफ ही होना चाहिए।
गौरतलब है कि रविवार 6 अगस्त को यूपी पुलिस को जब इस संरक्षण गृह से भाग कर आई एक लड़की ने जो बताया, उसे सुन पुलिस भी हैरान थे। पुलिस ने रात में ही संरक्षण गृह पर छापा मारा तो 42 में से 18 लड़कियां गायब मिलीं। पुलिस ने 24 लड़कियों को वहां से आजाद करवा दिया है। मामले में कार्रवाई करते हुए संरक्षण गृह की संचालिका गिरिजा त्रिपाठी और उनके पति मोहन को गिरफ्तार कर लिया गया है।पुलिस अधीक्षक रोहन पी कनय के मुताबिक, मां विंध्यवासिनी महिला एवं बालिका संरक्षण गृह नाम के एनजीओ की सूची में 42 लड़कियों के नाम दर्ज हैं। लेकिन पुलिस ने जब रविवार रात को छापा मारा तो 18 लड़कियां वहां से गायब मिली थी। उस वक्त संरक्षण गृह में सिर्फ 26 लड़कियां ही थी।
इससे पहले बिहार से भी ऐसी घटना हो चुकी है। टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस (टीआईएसएस), मुम्बई द्वारा अप्रैल में राज्य के समाज कल्याण विभाग को सौंपी गई एक ऑडिट रिपोर्ट में यह मामला सबसे पहले सामने आया था। बालिका गृह में रहने वाली 42 में से 34 लड़कियों के चिकित्सकीय परीक्षण में उनके साथ यौन उत्पीड़न की पुष्टि हुई है। एनजीओ ‘सेवा संकल्प एवं विकास समिति’ द्वारा चलाए जा रहे बालिका गृह का मालिक बृजेश ठाकुर इस मामले में मुख्य आरोपी है। इस मामले में 31 मई को 11 लोगों के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। ठाकुर समेत 10 लोगों को तीन जून को गिरफ्तार किया गया था। एक व्यक्ति फरार है।
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