केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मॉडल किरायेदारी अधिनियम के मसौदे को मंजूरी दी

By भाषा | Published: June 2, 2021 08:51 PM2021-06-02T20:51:47+5:302021-06-02T20:51:47+5:30

Union Cabinet approves the draft Model Tenancy Act | केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मॉडल किरायेदारी अधिनियम के मसौदे को मंजूरी दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मॉडल किरायेदारी अधिनियम के मसौदे को मंजूरी दी

नयी दिल्ली, दो जून केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को व्यापक सुधार लाने के मकसद से ‘मॉडल किरायेदारी अधिनियम’ के मसौदे को मंजूरी प्रदान कर दी जिसके तहत प्रत्येक जिले में पृथक किराया प्राधिकार, अदालत और न्यायाधिकरण का गठन किया जायेगा ताकि मालिकों एवं किरायेदारों के हितों की रक्षा की जा सके ।

इस अधिनियम के तहत आवासीय परिसरों के लिये किरायेदारों को अधिकतम दो महीने के किराये के रूप में सुरक्षा जमा राशि देनी होगी जबकि वाणिज्यिक सम्पत्ति के मामले में छह महीने का किराया जमा करना होगा ।

मॉडल किरायेदारी अधिनियम का मसौदा अब राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को भेजा/वितरित किया जायेगा। इसे नया कानून बनाकर या वर्तमान किरायेदार कानून में उपयुक्त संशोधन करके लागू किया जा सकता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में उक्त आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई ।

कानून में सभी नये किराये के संबंध में लिखित समझौता करने की बात कही गई है जिसे संबंधित जिला किराया प्राधिकार में पेश करना होगा ।

केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि इस कदम से देश भर में आवासीय किराया संबंधी कानूनी ढांचे को व्यवस्थित करने में मदद मिलेगी ।

सरकार का कहना है कि मॉडल किरायेदारी अधिनियम अग्रगामी प्रभाव से लागू होगा और वर्तमान किरायेदारी व्यवस्था को प्रभावित नहीं करेगा । किराया और अवधि का निर्धारण मालिक एवं किरायेदार की आपसी सहमति से होगा।

अधिनियम के प्रावधानों में कहा गया है कि सम्पत्ति का मालिक या प्रबंधक किरायेदार के अधीन परिसर में आवश्यक आपूर्ति को नहीं रोक सकेगा ।

मंत्रालय के अनुसार, किरायेदारी समझौते के जारी रहते हुए किरायेदार को बाहर नहीं किया जा सकेगा बशर्ते इस बारे में दोनों पक्षों के बीच लिखित सहमति हो ।

इसमें कहा गया है कि मॉडल किरायेदारी अधिनियम के तहत अगर समझौते में उल्लेख नहीं है, तब मकान मालिक आवास में किरायेदार द्वारा पहुंचाये नुकसान के अलावा, ढांचागत मरम्मत जैसी गतिविधि, जरूरी पड़ने पर नलकूप एवं इसके पाइप बदलने, पुताई आदि के लिये जिम्मेदार होगा ।

सरकारी बयान के अनुसार, इससे देशभर में किराये पर मकान देने के संबंध में कानूनी ढांचे को दुरुस्त करने में मदद मिलेगी, जिससे आगे इस क्षेत्र के विकास का रास्ता खुलेगा।

इसमें कहा गया है कि मॉडल किरायेदारी अधिनियम का मकसद देश में एक विविधतापूर्ण, टिकाऊ और समावेशी किराये के लिये आवासीय बाजार सृजित करना है । इससे हर आय वर्ग के लोगों के लिये पर्याप्त संख्या में किराये के लिये आवासीय इकाईयों का भंडार बनाने में मदद मिलेगी और बेघर होने की समस्या का हल निकलेगा।

इससे खाली पड़े घरों को किराये पर उपलब्ध कराया जा सकेगा।

सरकार को उम्मीद है कि इसके जरिये किरायेदारी बाजार को व्यापार के रूप में विकसित करने में निजी भागीदारी बढ़ेगी, ताकि रिहायशी मकानों की भारी कमी को पूरा किया जा सके।

मॉडल किरायेदारी अधिनियम से आवासीय किराया व्यवस्था को संस्थागत रूप देने में मदद मिलेगी।

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Web Title: Union Cabinet approves the draft Model Tenancy Act

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