मोदी कैबिनेट ने तीन तलाक अध्यादेश को दी मंजूरी, विपक्ष ने बताया- मुस्लिम महिलाओं संग खिलवाड़

By जनार्दन पाण्डेय | Published: September 19, 2018 12:38 PM2018-09-19T12:38:36+5:302018-09-19T16:13:21+5:30

आज सुबह ही हैदाराबाद में एक तीन तलाक का मामला सामने आया था, जहां व्हाट्सएप के जरिए एक महिला को तीन तलाक दिया था।

Union Cabinet approved an Triple Talaq bill ordinance | मोदी कैबिनेट ने तीन तलाक अध्यादेश को दी मंजूरी, विपक्ष ने बताया- मुस्लिम महिलाओं संग खिलवाड़

फाइल फोटो

नई दिल्‍ली, 19 सितंबरः विधि मंत्रालय के एक सूत्र के अनुसार बुधवार को कैबिनेट ने तीन तलाक को दंडनीय अपराध घोषित करने संबंधी अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। इससे पहले इस बिल को मॉनसून सत्र में राज्यसभा में पास कराने में मोदी सरकार असफल रही थी। समाचार एजेंसी एएनआई के ट्वीट के अनुसार भी केंद्रीय कैबिनेट ने तीन तलाक को लेकर अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। अब तीन तलाक के मामले अपराध की श्रेणी में आएंगे।

इस पर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'मोदी सरकार मु‌स्लिम महिलाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है। वह तीन तलाक बिल से देश में फुटबॉल के मैच जैसा माहौल बनाना चाहती है।'


आज सुबह ही हैदाराबाद में एक तीन तलाक का मामला सामने आया था, जहां व्हाट्सएप के जरिए एक महिला को तीन तलाक दिया था।

यह विधेयक लोकसभा से पारित होने के बाद राज्यसभा में लंबित है। जबकि पिछले साल 28 दिसंबर को लोकसभा में तीन तलाक बिल पारित हुआ था। तब मुस्लिम महिला (विवाह अधिकारों का संरक्षण) विधेयक , 2017 तीन तलाक या मौखिक तलाक को आपराधिक घोषित करने वाले इस विधेयक को सत्ता पक्ष के सभी सदस्यों ने समर्थन किया था।

तब केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने विधेयक पर चर्चा के दौरान सदन में कहा था कि जब बहुत से मुस्लिम देश इस पर प्रतिबंध लगा सकते हैं तो भारत क्यों नहीं? यह धर्म के बारे में नहीं है, यह लैंगिक न्याय व एक महिला के गरिमा के बारे में है। सर्वोच्च न्यायालय ने इसे (एक बार में तीन तलाक को) गैरकानूनी करार दिया है, लेकिन प्रथा अभी भी प्रचलित है। संविधान की मूल संरचना के हिस्से के तौर पर क्या यह हमारी बहनों का मौलिक अधिकार नहीं है?

इन्होंने किया जताया था ऐतराज

राष्ट्रीय जनता दल (राजद), ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलिमीन (एआईएमआईएम), भारतीय यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल), बीजू जनता दल के सदस्यों व कुछ दूसरी पार्टियों ने मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2017 को पेश किए जाने का विरोध किया। हालांकि, कांग्रेस के किसी सदस्य को बोलने की अनुमति नहीं दी गई। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि कांग्रेस ने पहले से इस मुद्दे पर बोलने के लिए नोटिस नहीं दिया था, इसी वजह से इजाजत नहीं दी गई।

सत्ता पक्ष के सभी सदस्यों ने किया था समर्थन

विधेयक को ध्वनि मत के बाद पेश किया गया। सत्ता पक्ष के सभी सदस्यों ने विधेयक पेश किए जाने का समर्थन किया। विधेयक तीन तलाक या मौखिक तलाक को आपराधिक घोषित करता है और इसमें तलाक की इस प्रथा का इस्तेमाल करने वाले के खिलाफ अधिकतम तीन साल की जेल व जुर्माने का प्रावधान है। यह मुस्लिम महिलाओं को भरण-पोषण व बच्चे की निगरानी का अधिकार देता है।

'मुस्लिमों के साथ महिला से अन्याय'

एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि विधेयक मूल अधिकारों का उल्लंघन करता है। तीन तलाक पीड़ित महिला के भरण-पोषण के अधिकार के प्रावधान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मौजूदा कानूनी ढांचे में सामंजस्य का आभाव है। विधेयक में कहा गया है कि पति को जेल भेजा जाएगा व इसमें यह भी कहा गया कि वह गुजारा भत्ता देगा...कैसे एक व्यक्ति जो जेल में है वह गुजारा भत्ता देगा? विधेयक पर पर्याप्त सलाह नहीं ली गई है। यह मुस्लिम महिला से अन्याय होगा... एक कानून बनाइए जिसमें दूसरे धर्मों की 20 लाख महिलाओं को जिन्हें त्याग दिया गया, उन्हें न्याय मिले। इसमें हमारी गुजरात की भाभी भी शामिल हैं।

English summary :
According to a law ministry source, on Wednesday, the cabinet has approved the ordinance for declaring Triple Talaq as a punishable offense. Earlier, the Modi government had failed to pass this bill in the Rajya Sabha in the monsoon session. According to the latest news on Triple Talaq, the central cabinet has approved the ordinance for the Triple Talaq. Now Triple Talaq cases will fall into the category of crime.


Web Title: Union Cabinet approved an Triple Talaq bill ordinance

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