दिल्ली: विपक्षी दल शरद पवार की अगुवाई में 2024 के आम चुनाव में नरेंद्र मोदी सरकार को चुनौती देने के लिए तैयार कर रहे हैं। खबरों के अनुसार 23 जून को पटना में होने वाली गैर-भाजपा विपक्षी दलों की पहली बैठक से पहले एनसीपी प्रमुख शरद पवार के नेतृत्व में कॉमन मिनिमम प्रोग्राम (सीएमपी) का मसौदा तैयार करने के लिए एक समिति बनाने के लिए आरंभिक चर्चा शुरू हो गई है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड पटना में विपक्षी दलों की पहली बैठक की मेजबानी करने वाला है। इसी क्रम में विपक्षी दलों का अगले साल होने वाले आम चुनाव में संयुक्त एजेंडा क्या हो। कॉमन मिनिमम प्रोग्राम (सीएमपी) क्या हो। इसे बनाने के लिए विपक्ष शरद पावर के नेतृत्व में काम कर रहा है।
समाचार वेबसाइट डेक्कन हेराल्ड के अनुसार विपक्ष के एक नेता ने कहा, “नीतीश कुमार ने कई मौकों पर स्पष्ट किया है कि वह पीएम उम्मीदवार नहीं हैं। वह विपक्ष को एक साथ लाने की कोशिश कर रहे हैं। इस कारण से विपक्षी दलों की आपसी रजामंदी से कॉमन मिनिमम प्रोग्राम सहित अन्य मुद्दों पर स्वीकार्य फैसला लेने के लिए विभिन्न समितियों के गठन का प्रयास कर रहा है।
विपक्षी दलों ने शरद पवार के लंबे सार्वजनिक जीवन के अनुभव और राजनीतिक कौशल को देखते हुए कॉमन मिनिमम प्रोग्राम (सीएमपी) बनाने की जिम्मेदारी उन्हें दे सका है। मराठा जनमत पर खासा प्रभाव रखने वाले शरद पवार ने साल 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के बाद भाजपा विरोधी महाविकास अघाड़ी के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और कांग्रेस और उद्धव ठाकरे की शिवसेना को एक मंच पर लाने में कामयाब हुए थे।