भाजपा-शिअद में अटूट गठबंधन, 2022 में एक साथ लड़ेंगे पंजाब विधानसभा चुनावः सुखबीर
By भाषा | Updated: January 27, 2020 15:19 IST2020-01-27T15:19:48+5:302020-01-27T15:19:48+5:30
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने 26 जनवरी को मुफ्त स्मार्टफोन देने के अपने चुनावी वादे पर नहीं खरा उतरने को लेकर कांग्रेस नीत पंजाब सरकार पर प्रहार करते हुए कहा, ‘‘मैं आपको बताना चाहता हूं कि वह (कांग्रेस नीत सरकार) (लोगों को) कुछ भी नहीं देगी। वह तो बस, तारीखें दे रही है। पंजाब के लोग दो साल बाद बोरिया बिस्तर समेटकर उसे भेज देंगे।’’

मैं आपको कई मामलों का ब्योरा दे सकता हूं जिनमें कांग्रेस नेताओं ने नशीली दवाओं के आपूर्तिकर्ताओं को छुड़वाया।
भाजपा के दिल्ली विधानसभा चुनाव अकेले अपने बलबूते पर लड़ने के फैसले के कुछ दिन बाद शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने सोमवार को संकेत दिया कि पंजाब में उसका पार्टी के साथ गठबंधन बना हुआ है।
जब अमृतसर में संवाददाताओं ने बादल से पूछा कि क्या शिअद और भाजपा 2022 में पंजाब विधानसभा चुनाव अलग अलग लड़ेंगे तो उन्होंने कहा कि ‘ऐसी खबरें बस मीडिया में हैं और वह पिछले 20 दिनों से ऐसी खबरें सुनते आ रहे हैं।’ बादल ने 26 जनवरी को मुफ्त स्मार्टफोन देने के अपने चुनावी वादे पर नहीं खरा उतरने को लेकर कांग्रेस नीत पंजाब सरकार पर प्रहार करते हुए कहा, ‘‘मैं आपको बताना चाहता हूं कि वह (कांग्रेस नीत सरकार) (लोगों को) कुछ भी नहीं देगी। वह तो बस, तारीखें दे रही है। पंजाब के लोग दो साल बाद बोरिया बिस्तर समेटकर उसे भेज देंगे।’’
शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला ने रविवार को पटियाला में कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि 31मार्च से पहले युवाओं को मुफ्त स्मार्टफोन दे दिये जायेंगे। बादल ने आरोप लगाया कि पंजाब में कांग्रेस के मंत्रियों के कथित ‘संरक्षण’ में बालू खनन माफिया ‘फल-फूल’ रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ पुलिस महानिदेशक का पंजाब पुलिस पर कोई नियंत्रण नहीं है जबकि निचले रैंक के अधिकारी-- डीएसपी और एसएचओ कांग्रेस नेताओं के इशारे पर काम कर रहे हैं। मैं आपको कई मामलों का ब्योरा दे सकता हूं जिनमें कांग्रेस नेताओं ने नशीली दवाओं के आपूर्तिकर्ताओं को छुड़वाया।’’
सीएए के मुद्दे पर बादल ने कहा कि उनकी पार्टी इस कानून के पक्ष में है इसलिए उसने उसके पक्ष में वोट दिया लेकिन साथ ही वह यह भी चहती है कि मुसलमानों को भी उसमें शामिल किया जाए। जब भाजपा ने शिअद से इस कानून पर अपना रुख बदलने को कहा था तब उसने ऐलान किया था कि वह आगामी दिल्ली चुनाव नहीं लड़ेगा।