UN ने कश्मीर पर पेश की नेगेटिव रिपोर्ट, विरोध में एक हुईं बीजेपी और कांग्रेस
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: June 15, 2018 03:48 AM2018-06-15T03:48:05+5:302018-06-15T03:52:13+5:30
संयुक्त राष्ट्र ने कश्मीर और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में कथित मानवाधिकार उल्लंघन पर अपनी तरह की रिपोर्ट पेश की है।
नई दिल्ली, 15 जून: संयुक्त राष्ट्र ने कश्मीर और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में कथित मानवाधिकार उल्लंघन पर अपनी तरह की रिपोर्ट पेश की है।यूएन ने इस रिपोर्ट को पेश किया और साथ ही इन उल्लंघनों की अंतरराष्ट्रीय जांच कराने की मांग की।
वहीं, रिपोर्ट के सामने आने के बाद भारत ने इस पर प्रतिक्रिया दिया है। अपना यूएन पर कड़ा विरोध जताते हुए भारत ने इसको भ्रामक, पक्षपातपूर्ण और प्रेरि बताकर खारिज कर दिया। वहीं, इस रिपोर्ट के विरोध में देश के दो प्रमुख दल कांग्रेस और बीजेपी भी एक साथ आ गये हैं। बीजेपी और कांग्रेस ने इस रिपोर्ट को पूरी तरह से गलत करार दिया है।
वहीं, इस रिपोर्ट पर बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा कि इस रिपोर्ट को कूड़ेदान में फेंक देना चाहिए। कांग्रेस ने कहा है कि ये रिपोर्ट झूठे के आधार पर तैयार किया गया है और पार्टी इस मुद्दे पर सरकार के रूख का समर्थन करती है। उन्होंने कहा, “मैं इस रिपोर्ट को कूड़ेदान में डालना चाहूंगा, वे लोगपूर्वाग्रह से ग्रसित और वामपंथी विचारधारा वाले संगठन हैं, हमें उन्हें कहना चाहिए भाड़ में जाओ, हम लोग उन रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया नहीं देते हैं जो वैसे लोगों द्वारा तैयार की जाती है जिन्हें विषय का ही पता नहीं है।” कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने कहा कि इस रिपोर्ट में आतंकी संगठनों को हथियारबंद समूह कहा गया है और ये आतंकियों को प्रश्रय देने जैसी बात है।
I would throw the report in the dustbin. They (UNOHCHR) are highly-prejudiced left dominated organisation. We should say to them, 'to hell with you'. We don't comment on reports written by people who don't know about the subject: Subramanian Swamy, BJP on UN report on Kashmir. pic.twitter.com/j9GiAo16So
— ANI (@ANI) June 14, 2018
उन्होंने कहा, “ये जो रिपोर्ट है उन्होंने बिना जम्मू कश्मीर गये बनाया है, इस तरह की रिपोर्ट को मैं बिल्कुल उचित नहीं मानता हूं, इस मामले में भारत सरकार ने जो स्टैंड लिया है उसका हम पूरा समर्थन करते हैं। इस रिपोर्ट के आने से भारत के और यूएन के संबंधों पर भी खासा असर पड़ेगा। वहीं, भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि ये रिपोर्ट पूरी तरह से पूर्वाग्रह से प्रेरित है और गलत तस्वीर पेश करने का प्रयास कर रही है।
पेश की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि कश्मीर में राजनीतिक स्थिति के किसी भी समाधान में हिंसा का चक्र रोकने के संबंध में प्रतिबद्धता और पूर्व में तथा मौजूदा मानवाधिकार उल्लंघनों को लेकर जवाबदेही होनी चाहिए। साथ ही ये भी कहा गया है कि नियंत्रण रेखा के दोनों तरफ लोगों पर नुकसानदेह असर पड़ा है और उन्हें मानवाधिकार से वंचित किया गया या सीमित किया गया।