उमेश पाल हत्याकांड: अतीक की बहन आयशा नूरी को बनाया गया आरोपी, शूटरों को भागने में की थी मदद
By अंजली चौहान | Updated: April 8, 2023 17:21 IST2023-04-08T16:33:46+5:302023-04-08T17:21:53+5:30
आयशा ने गुड्डू को भागने में मदद करने के लिए आर्थिक मदद भी की थी। गुड्डू ने उमेश की हत्या के बाद अतीक की बहन से मुलाकात भी की थी।

फाइल फोटो
प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड को लेकर पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। शनिवार को माफिया अतीक अहमद की बहन आयशा नूरी को उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी बनाया है।
मामले की बारीकी से जांच के बाद पुलिस का दावा ने कि अतीक की बहन आयशा नूरी गोलीबारी में शामिल थी। पुलिस का मानना था कि शूटरों को भगाने में आयशा ने अहम भूमिका निभाई थी। जांच में पता चला कि आयशा ने शूटरों को शहर से भागने में मदद की थी। पुलिस अब आयशा की गिरफ्तारी के लिए पूरी तरह तैयार है।
पुलिस के मुताबिक, आयशा नूरी और उसके पति डॉक्टर अखलाक अहमद ने 5 मार्च को गुड्डू मुस्लिम से उसके मेरठ स्थित घर पर मुलाकात की। आयशा ने गुड्डू को भागने में मदद करने के लिए आर्थिक मदद भी की थी।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, अगले दिन 6 मार्च को आयशा नूरी अपनी बेटी उजनैला नूरी के साथ प्रयागराज पहुंचीं। गुड्डू मुस्लिम की पत्नी जैनब फातिमा और बेटी के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आयशा ने दावा किया था कि उनके भाई अतीक अहमद और अशरफ निर्दोष हैं और उनकी जान को खतरा है।
उसने कुछ उच्च पदस्थ पुलिस अधिकारियों पर मुठभेड़ों की साजिश रचने का भी आरोप लगाया। आयशा नूरी की कार कौशांबी के संदीपन घाट थाना क्षेत्र में लावारिस अवस्था में मिली थी। इसके बाद संदीपन घाट थाने के थानाध्यक्ष और एक उपनिरीक्षक को कौशांबी एसपी ने लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया है।
बता दें कि इसी साल 24 फरवरी को उमेश पाल की प्रयागराज में खुलेआम गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वह राजू पाल हत्याकांड का मुख्य गवाह था। इन दोनों हत्या का आरोप माफिया से नेता बने अतीक अहमद के ऊपर है।
अतीक के इन कामों में उसका परिवार और कई अन्य साथी भी शामिल है। साल 2023 में हत्या से पहले साल 2006 में अतीक अहमद ने उमेश पाल का अपरहण किया था और उसे गवाह बनने पर धमकी दी थी। उमेश पाल अपहरण मामले में अतीक अहमद को प्रयागराज की एक कोर्ट ने दोषी सिद्ध करते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है।
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज की एक अदालत ने गैंगस्टर से राजनेता बने अतीक अहमद और दो अन्य आरोपियों को 2006 में बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल के अपहरण का दोषी ठहराया।
एमपी-एमएलए कोर्ट ने अतीक अहमद, दिनेश पासी और खान सौलत हनीफ को उम्रकैद की सजा सुनाई और एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। जेल में बंद अतीक के लिए यह पहली सजा है।
अतीक अहमद 2005 में हुई बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी है। उस पर हत्या के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या का भी आरोप है।