सामुदायिक घरों को सुरक्षा बैरक के रूप में इस्तेमाल किए जाने पर उमर, महबूबा ने आपत्ति जताई
By भाषा | Updated: November 6, 2021 21:18 IST2021-11-06T21:18:03+5:302021-11-06T21:18:03+5:30

सामुदायिक घरों को सुरक्षा बैरक के रूप में इस्तेमाल किए जाने पर उमर, महबूबा ने आपत्ति जताई
श्रीनगर, छह नवंबर नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा कि जम्मू कश्मीर में सुरक्षा स्थिति इस हद तक खराब हो गई है कि पूर्ववर्ती राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान बनाए गए सामुदायिक घरों का इस्तेमाल सुरक्षाबलों की बैरक के रूप में किया जा रहा है।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मेरी सरकार ने श्रीनगर में सामुदायिक/विवाह घर बनाए थे और बंकरों को खत्म कर दिया था। शहर में यह देखना निराशाजनक है कि सुरक्षा स्थिति अब इतनी खराब हो गई है कि नए बंकर बनाए जा रहे हैं तथा विवाह घरों का इस्तेमाल सुरक्षाबलों की बैरक के रूप में किया जा रहा है।’’
उनकी यह टिप्पणी यहां कुछ सामुदायिक या विवाह घरों में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की तैनाती की खबरों के बाद आई। श्रीनगर में हाल में हुए आतंकी हमलों के चलते सुरक्षाबलों की मौजूदगी बढ़ा दी गई है।
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने भी सरकार की आलोचना की और कहा कि लोगों को चुप कराने के उद्देश्य से हर रोज कठोर कानून लाए जाते हैं।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘श्रीनगर में हर जगह सुरक्षा बंकर स्थापित किए जाने के बाद अब सीआरपीएफ कर्मियों को विवाह घरों में भी तैनात कर दिया गया है जो यहां के लोगों के लिए पूरी तरह निजी स्थान है। लोगों को चुप कराने के एकमात्र उद्देश्य से हर रोज और अधिक कठोर कानून लाए जा रहे हैं।’’
इस बीच, श्रीनगर के महापौर जुनैद अजीम मट्टू ने मुद्दे को मंडल प्रशासन के समक्ष उठाया। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर श्रीनगर नगर निगम से विमर्श नहीं किया गया।
उन्होंने ट्वीट किया कि कश्मीर मंडलायुक्त ने उन्हें आश्वासन दिया है कि इसके लिए अन्य विकल्पों की तलाश की जाएगी।
वहीं, सीआरपीएफ के जनसंपर्क अधिकारी अभिराम पंकज ने कहा कि शहर में जरूरत के चलते अतिरिक्त सुरक्षकर्मी तैनात किए गए हैं।
उन्होंने सामुदायिक घरों में सीआरपीएफ की तैनाती से संबंधित एक सवाल के जवाब में कहा कि इसके लिए स्थान नागरिक प्रशासन द्वारा तय किए गए।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।