UK LS Election Dates 2024 Live: आज चुनाव आयोग देश भर के लिए लोकसभा चुनाव के मद्देनजर चुनावी तारीखों की घोषणा की। वहीं, उत्तराखंड की 5 सीटों के लिए आयोग ने इस तारीख को निर्धारित किया। अब इसके चंद घंटों बाद ही देश भर में आचार संहिता लागू हो जाएगी। इसी के साथ बता दें कि 17वीं लोकसभा का कार्यकाल 16 जून को खत्म हो जाएगा। इसकी घोषणा मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और नवनियुक्त चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू और ज्ञानेश कुमार आज दोपहर करीब तीन बजे मीडिया को संबोधित किया। कुल 7 चरणों में वोट डाले जाएंगे और यह वोटिंग 19 अप्रैल, 26 अप्रैल, 07 मई, 13 मई, 20 मई, 25 मई और 01 जून को होगी। पहले चरण में उत्तराखंड में वोट डालें जाएंगे
आचार संहिता का मतलब ये है कि देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग नियम बनाता है, जिसे आचार संहिता कहा जाता है। इसके लागू होते ही सरकार के कार्यों में बदलाव भी हो जाते हैं।
हालांकि, चुनावों से पहले प्रदेश की सभी बड़ी पार्टियों ने यानी की समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी और भारतीय जनता पार्टी ने अपने-अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। लेकिन, इस बार चुनाव से पहले हुए गठबंधन में विपक्ष 'इंडिया' के नेतृत्व में लड़ाई लड़ रहा है। बताते चले कि उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 5 लोकसभा सीटें हैं।
हरिद्वार से रमेश पोखरियाल, नैनीताल-उधमसिंह नगर से अजय भट्ट, अल्मोडा (एससी) से अजय टम्टा, गढ़वाल से तीरथ सिंह रावत और टेहरी गढ़वाल से माला राज्य लक्ष्मी शाह पर भाजपा ने जीत प्राप्त कर पूर्ण बहुमत प्राप्त किया था। इस बार पौड़ी गढ़वाल सीट पर सांसद व पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी और हरिद्वार से पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत पर BJP ने दांव लगाया है। उत्तराखंड में 83,37066 कुल मतदाता हैं, 4361360 पुरुष मतदाता, 3975134 महिला मतदाता और 286 ट्रांसजेंडर मतदाता हैं।
देश भर की 543 की सीटों में से कुल 543 के लिए मतदान हुए, जिसमें साल 2019 में भाजपा ने 303 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया था। पिछले लोकसभा चुनाव 2019 में उत्तराखंड की सभी सीटों पर 1 चरण में और 11 अप्रैल, 2019 को वोटिंग हुई थी। जबकि, नैनीताल संसदीय क्षेत्र में सबसे अधिक 66.39 फीसदी और पौड़ी में सबसे कम 48.78 प्रतिशत मतदान हुआ। जबकि, वर्ष 2014 में 62.15 प्रतिशत मतदान हुआ।
अनुच्छेद 83 के तहत क्या है अधिकार, जानिएअनुच्छेद 83 के तहत भारत में लोकसभा चुनाव कराने का प्रावधान संविधान में निर्धारित किया गया है। कुल 534 सीटों पर चुनाव पहले 'फर्स्ट-पास्ट-द-पोस्ट वोटिंग' के आधार पर किसी भी उम्मीदवार के भविष्य का फैसला तय होता है। यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि 104वें संविधान संशोधन के अनुसार कुल 545 लोकसभा सीटों में से 2 सीटों पर एंग्लो इंडियन को मौका देने की बात संविधान में कही गई है।