ब्रिटिश हाईकोर्ट ने विजय माल्या के लिए खड़ी की मुसीबत, लंदन की संपत्ति सीज करने का दिया आदेश
By भारती द्विवेदी | Published: July 5, 2018 11:40 PM2018-07-05T23:40:42+5:302018-07-05T23:40:42+5:30
साथ ही कोर्ट ने ये भी साफ कर दिया है कि उसके आदेश का इस्तेमाल बैंक अपनी रिकवरी के लिए नहीं कर सकेंगे।
नई दिल्ली, 5 जुलाई: भारतीय बैंकों से कर्ज लेकर देश फरार होने वाले शराब कारोबारी विजय माल्या की मुसीबतें बढ़ती दिख रही हैं। भारत के 13 बैंकों की कंसोर्शियम के संघ की याचिका पर ब्रिटेन की अदालत ने उनकी संपत्ति जब्त करने की अनुमति दी है। साथ ही लंदन स्थित संपत्तियों की तालाशी का भी आदेश दिया है। अदालत के आदेश के बाद यूके प्रवर्तन अधिकारी हर्टफोर्डशायर स्थिति उनकी संपत्ति की तलाशी लेंगे। यूके हाईकोर्ट ने अधिकारियों और उनके एजेंट्स को टेविन, वेलविन में लैडीवॉक और ब्राम्बले लॉज में भी तलाशी लेने की अनुमति दी है। बता दें कि फिलहाल विजय माल्या यही रह रहे हैं।
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कोर्ट ने अपने आदेश में विजय माल्या के खिलाफ कार्रवाई के ब्रिटिश अधिकारियों को पुलिस की मदद लेने का भी आदेश दिया है। साथ ही कोर्ट ने ये भी साफ कर दिया है कि उसके आदेश का इस्तेमाल बैंक अपनी रिकवरी के लिए नहीं कर सकेंगे।
हाल ही में विजय माल्या ने ट्विटर पर दो साल पहले पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी को ट्वीट करते हुए लिखा था- 'लंबे समय की खामोशी के बाद अब मुझे लगा है कि मेरे खिलाफ लगाए गए आरोपों पर बोलने का वक्त आ गया है। राजनेताओं और मीडिया ने मुझ पर इस तरह आरोप लगाए जैसे किंगफिशर एयरलाइंस को दिए गए 9000 करोड़ रुपये का कर्ज मैंने चुरा लिया और भाग गया। कुछ कर्जदाता बैंकों ने भी मुझे जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वाला करार दिया।' माल्या ने अपने ट्वीट में दावा किया था कि उन्होंने 5 अप्रैल 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री को ये चिट्ठी लिखी थी। जिसका अब तक कोई जवाब नहीं मिला है।
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गौरतलब है कि पिछले दो साल से लंदन में रह रहे माल्या पर भारतीय बैंकों के साथ कर्ज में 9,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और मनी लांड्रिंग का आरोप है। भारतीय एजेंसियों की ओर से दाखिल उन अर्जी का विरोध कर रहे हैं, जिसमें उन्हें भारत को सौंपे जाने की बात है।
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