उज्जैन: लोकायुक्त के छापे में 3 करोड़ रुपये का आसामी निकला सहकारिता विभाग का सीनियर ऑडिट इंस्पेक्टर

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: February 13, 2020 05:14 IST2020-02-13T05:14:01+5:302020-02-13T05:14:01+5:30

लोकायुक्त संगठन को जांच में करीब तीन करोड़ से अधिक की अनुपातहीन चल अचल संपत्ति के दस्तावेज मिले हैं। राय पिछले 13 वर्षों से उज्जैन में पदस्थ है। बीच में कुछ समय के लिए वे बाहर पदस्थ रहे हैं। खास यह है कि राय ने सेवाकाल में आने के बाद अपने जीपीएफ से संपत्ति क्रय करने के लिए कभी कोई राशि नहीं निकाली। राय के सैलेरी अकाउंट में 5 लाख रुपये मिले हैं जो दर्शा रहे हैं कि पिछले माहों से वेतन का उपयोग ही नहीं किया गया।

Ujjain: Senior Audit Inspector of Cooperative Department is owner of Rs 3 crore, Lokayukta raids | उज्जैन: लोकायुक्त के छापे में 3 करोड़ रुपये का आसामी निकला सहकारिता विभाग का सीनियर ऑडिट इंस्पेक्टर

आय से अधिक संपत्ति के आरोपी निर्मल राय।

Highlightsमध्य प्रदेश के उज्जैन के सेठी नगर में रहने वाले सहकारिता विभाग के सीनियर ऑडिट इंस्पेक्टर निर्मल राय के घर सुबह 6 बजे लोकायुक्त डीएसपी वेदांत शर्मा की टीम ने छापा मारा।राय के निवास से जांच के दौरान 10 लाख रुपये नकद मिले वहीं 3 करोड़ से अधिक के चल अचल संपत्ति के दस्तावेज बरामद किए गए हैं।

मध्य प्रदेश के उज्जैन के सेठी नगर में रहने वाले सहकारिता विभाग के सीनियर ऑडिट इंस्पेक्टर निर्मल राय के घर सुबह 6 बजे लोकायुक्त डीएसपी वेदांत शर्मा की टीम ने छापा मारा। राय के निवास से जांच के दौरान 10 लाख रुपये नकद मिले वहीं 3 करोड़ से अधिक के चल अचल संपत्ति के दस्तावेज बरामद किए गए हैं।

लोकायुक्त संगठन उज्जैन ईकाई के एसपी राजेश मिश्रा के अनुसार करीब आधा दर्जन से अधिक अधिकारियों ने इस छापे की कार्रवाई में भागीदारी की। निर्मल कुमार राय अधिक संपत्ति अर्जित कर रहे हैं, इस शिकायत पर सत्यापन के उपरांत उनके निवास पर छापे की कार्रवाई संपादित की गई। अभी तक जिसमें राय के निवास से 10 लाख से अधिक की नकदी के साथ 5 प्लाट उज्जैन शहर में, एक आलीशान तीन मंजिला भवन सेठी नगर में, दो बैंक लॉकर होना सामने आया।

परिवार के सदस्यों के नाम से एफडी 13 लाख रुपये पाई गई, पुत्र अर्पित राय के नाम से जुनी इंदौर में एक फ्लैट होना पाया गया है। 

आरोपी के घर में उज्जैन जिले की लगभग 41 गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं के दस्तावेज पाए गए। एक कोल्ड स्टोरेज में निवेश की स्थिति एवं वहीं पर  प्रबंधक के पद पर कार्य करने की स्थिति सामने आई है। इसके अतिरिक्त परिवार में हुंडई वरना कार तथा 4 दोपहिया वाहन प्राप्त हुए हैं।

इसके अतिरिक्त छापे के दौरान 175 ग्राम स्वर्ण आभूषण तथा 1 किलोग्राम चांदी के आभूषण मिले हैं । कुछ आभूषण बैंक लॉकर में होना संभावित हैं। राय नौकरी में वर्ष 1981 में आए। अभी तक उन्हें वेतन के रूप में करीब 85 लाख रुपए मिले हैं।

लोकायुक्त संगठन को जांच में करीब तीन करोड़ से अधिक की अनुपातहीन चल अचल संपत्ति के दस्तावेज मिले हैं। राय पिछले 13 वर्षों से उज्जैन में पदस्थ है। बीच में कुछ समय के लिए वे बाहर पदस्थ रहे हैं। खास यह है कि राय ने सेवाकाल में आने के बाद अपने जीपीएफ से संपत्ति क्रय करने के लिए कभी कोई राशि नहीं निकाली। राय के सैलेरी अकाउंट में 5 लाख रुपये मिले हैं जो दर्शा रहे हैं कि पिछले माहों से वेतन का उपयोग ही नहीं किया गया।

बेल बजाने के बाद सहकारिता इंस्पेक्टर ने ही दरवाजा खोला जिन्हें कोर्ट का वारंट दिखाकर लोकायुक्त टीम ने कार्रवाई शुरू की।

40 साल की नौकरी में करोड़ों की संपत्ति…सहकारिता विभाग के सीनियर ऑडिटर इंस्पेक्टर निर्मल कुमार राय विभाग में अपनी 40 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके हैं। इस दौरान आज तक उनको मिले वेतन और जांच के बाद मिली आय से अधिक संपत्ति का आंकलन किया जा रहा है।

वर्ष 2009 के बाद उनके बेटे नौकरी व अन्य कार्यों में लगे हैं। महज 10 वर्ष के अंतराल में राय द्वारा करोड़ों की संपत्ति जुटा लेना जांच के दायरे में आता है।

निर्मल राय ने स्वयं दरवाजा खोला जिन्हें कोर्ट का वारंट दिखाने के बाद जांच की कार्रवाई शुरू की गई। डीएसपी शर्मा के अनुसार राय के तीन मंजिला भव्य मकान में छापे के समय घर में निर्मल कुमार राय के अलावा उनकी पत्नी, बेटा व बहू मौजूद थे।

डीएसपी वेदांत शर्मा के अनुसार निर्मल राय के तीन बेटे हैं जिनमें एक बेटा डॉक्टर, दूसरा इंजीनियर और तीसरा बेटा कांट्रेक्टर है, वह सेठी नगर चौराहे पर ऑफिस संचालित करता है।

छापे के दौरान घर पर निर्मल राय का एक बेटा मिला जबकि एक बेटा गोवा घूमने गया था और दूसरा बेटा पुणे में नौकरी करता है। राय के मकान की तीसरी मंजिल को छात्राओं को किराए पर दे रखा है। छापे के दौरान ही इसका खुलासा हुआ। एक छात्रा ने एग्रीमेंट बताया, शेष 5 छात्राओं ने बताया वे 1600 रुपये प्रति छात्रा के मान से किराया देती हैं।

 

40 साला नौकरी और जीपीएफ का उपयोग नहीं

डीएसपी शर्मा के अनुसार राय नौकरी में वर्ष 1981 में आए। अभी तक उन्हें वेतन के रूप में करीब 85 लाख रुपए मिले हैं । लोकायुक्त संगठन को जांच में करीब तीन करोड़ से अधिक की अनुपातहीन चल अचल संपत्ति के दस्तावेज मिले हैं।

राय पिछले 13 वर्षों से उज्जैन में पदस्थ है। बीच में कुछ समय के लिए वे बाहर पदस्थ रहे हैं। खास यह है कि राय ने सेवाकाल में आने के बाद अपने जीपीएफ से कभी कोई राशि नहीं निकाली। करीब 15 लाख की राशि उनकी जमा है। राय के सैलेरी अकाउंट में 5 लाख रुपये मिले हैं जो दर्शा रहे हैं कि पिछले माहों से वेतन का उपयोग ही नहीं किया गया ।

Web Title: Ujjain: Senior Audit Inspector of Cooperative Department is owner of Rs 3 crore, Lokayukta raids

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